उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक मस्जिद का इमाम हिन्दू समुदाय के कुछ लोगों पर अपनी पिटाई का आरोप लगा रहा है। कई इस्लामी हैंडलों द्वारा शेयर किए जा रहे इस वीडियो में इमाम यह भी बताता सुनाई दे रहा रहा है कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है। एक बुर्कानशीं महिला के बयान में भी हिन्दुओं द्वारा ही एकतरफा हमले की बात कही जा रही है। ऑपइंडिया ने इस मामले की जमीनी पड़ताल की।
हिन्दुओं पर ही हमले और पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
आए दिन हिन्दू विरोधी खबरें शेयर करने वाले ‘द मुस्लिम’ नाम के हैंडल ने इन वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो में गोरखपुर का निवासी मोहम्मद कामरान खुद को मस्जिद का इमाम बता रहा है। कामरान ने बुधवार (27 मार्च 2024) को शाम 7 बजे की घटना बताते हुए दुर्गेश, प्रमोद, राजेश और धीरज पर बेवजह अपनी पिटाई का आरोप लगाया है।
इमाम कामरान के अनुसार, वो रोजा इफ्तारी के बाद चाय पी रहा था, तभी उस पर हमला कर दिया गया। कामरान का यह भी कहना है कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है और उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। बकौल कामरान आरोपितों ने उसके एक सहयोगी को भी पीटा है और गाँव के मुस्लिमों में दहशत का माहौल है।
लोकेशन : कुशीनगर, यूपी
— The Muslim (@TheMuslim786) March 30, 2024
दिनांक 28 मार्च
मस्जिद के इमाम मोहम्मद कामरान पर लोगों के एक समूह ने हमला किया।
▪️जब ट्रस्टी और इलाके के अन्य मुस्लिम लोग इमाम को बचाने गए तो उन पर भी हमला किया गया और उन्हें डंडों से पीटा गया।
▪️एक व्यक्ति के सिर पर गंभीर चोट आई।
▪️हमलावरों ने एक… pic.twitter.com/pwltVTDUyz
इसी ट्वीट में आगे एक बुर्कानशीं महिला को भी कैमरे पर बोलते सुना जा सकता है। वह महिला कुछ अन्य लड़कियों के साथ पुलिस पर आरोप लगा रही है कि पुरुष पुलिसकर्मी महिलाओं को टॉर्चर कर रहे हैं। कुछ महिलाओं को यह भी कहते सुना जा सकता है कि पुलिस ने मुस्लिम लोगों को भी बेवजह गिरफ्तार कर लिया है। यह रिपोर्ट न्यूज़ MX के एडिटर इन चीफ शकील अहमद ने बनाई है। विक्टिम कार्ड खेल कर कमोबेश इसी प्रकार की रिपोर्ट मिल्लत टाइम्स ने भी तैयार की है, जिसमें मुस्लिम पक्ष को पीड़ित और हिन्दू पक्ष को हमलावर बताया गया है।
प्रकरण में जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
— Kushinagar Police (@kushinagarpol) March 31, 2024
यहाँ ये बताना जरूरी है कि ये तमाम हैंडल आए दिन इसी प्रकार की ही खबरों को शेयर करते रहते हैं। इनके द्वारा लगभग सभी खबरों में मुस्लिम पक्ष को ही पीड़ित दिखाया जाता है। इस मामले में भी इन हैंडलों ने कथित आरोपों को वायरल करने का काम किया बिना किसी जाँच-पड़ताल के। जबकि कुशीनगर पुलिस ने अपने बयान में बताया है कि मामले की जाँच करके आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
मदरसे के बच्चों से करवाया हिन्दुओं के घर हमला
ऑपइंडिया ने इस मामले की जब जमीनी पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही निकली। यहाँ गुरुवार (28 मार्च 2024) को छपरा गाँव की गायत्री देवी ने कुशीनगर के थाना जटहाँ में अपने परिवार पर हमले की FIR दर्ज करवाई है। पीड़िता के अनुसार उनके और मुबारक के परिवार के बीच पुरानी रंजिश चली आ रही थी। इसी रंजिश के कारण 27 मार्च को शाम 7 बजे मुबारक ने लगभग 35 हमलावरों के साथ उनके घर पर हमला कर दिया। इन हमलावरों में महिलाएँ और मदरसे के बच्चे भी शामिल बताए जा रहे।
हमले में लाठी-डंडे, हॉकी, रॉड और अन्य धारदार हथियारों का प्रयोग किया गया था। घर में घुस कर किए गए इस हमले में हमलावरों के आगे जो भी पड़ा, उसे ही पीटा गया। पीड़ितों को पिटाई के साथ माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ दी गईं।
गायत्री देवी ने अपनी FIR में मुबारक, कामरान, साजिद, वाज़िद, मुन्ना, अफ़रोज़, साहेब, रहमतुल्लाह का बेटा मोनू, मैनुद्दीन, माजिद का बेटा मुन्ना, ताहिर, अरशद, गोलू, फ़िरोज़ और नजरू को नामजद आरोपित बनाया है। इन सभी के अलावा लगभग 20 अज्ञात हमलावरों का भी जिक्र किया गया है।
गायत्री देवी की शिकायत पर पुलिस ने इन नामजद व अज्ञात आरोपितों पर IPC की धारा 147, 148, 323, 352, 452 और 504 के तहत FIR दर्ज की है। शिकायतकर्ता ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। यह FIR 28 मार्च को रात 10:04 पर दर्ज हुई है।
दर्ज थी FIR, फिर भी बोला झूठ
जहाँ द मुस्लिम, मिल्लत टाइम्स और न्यूज़ MX जैसे संस्थानों ने मुस्लिम भीड़ द्वारा हिन्दुओं पर हमले वाली बात अपनी रिपोर्ट में छिपा ली तो वहीं ऐसी ही एक हरकत इमाम कामरान ने भी की। 31 मार्च 2024 (रविवार) को मिल्लत टाइम्स द्वारा प्रकाशित इंटरव्यू में मस्जिद के इमाम कामरान ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी शिकायत पर FIR नहीं दर्ज की जा रही है। इमाम कामरान का यह आरोप सरासर झूठा है क्योंकि शुक्रवार (29 मार्च 2024) को उनकी शिकायत पर पुलिस दोपहर 12:05 पर FIR दर्ज कर चुकी थी।
पीड़िता गायत्री देवी द्वारा दर्ज कराई गई FIR के लगभग 14 घंटे बाद मस्जिद के इमाम कामरान जटहाँ थाने पहुँचे। यहाँ उन्होंने राजेश यादव, धीरज यादव, दुर्गेश यादव और प्रमोद यादव के अलावा 8-10 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दी थी। इस शिकायत पर पुलिस ने उसी दिन चारों नामजदों सहित 8-10 अज्ञात के खिलाफ IPC की धारा 147, 323 और 504 के तहत FIR दर्ज कर लिया था। बावजूद इसके 2 दिन बाद अपने प्रकाशित इंटरव्यू में उन्होंने पुलिस पर अपनी FIR दर्ज न करने का झूठा आरोप लगाया है। ऑपइंडिया के पास यह FIR संख्या- 0073/2024 भी मौजूद है।
भ्रामक और झूठे हैं इमाम के आरोप
ऑपइंडिया ने इस मामले की जानकारी के लिए SHO जटहाँ से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि कुछ सोशल मीडिया के लोग 2 परिवारों के बीच बच्चे के झगड़े को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं जो कि गलत है। SHO ने हमें यह भी बताया कि जिस इमाम कामरान का जिक्र घटना में आ रहा है, वह बेवजह दोनों परिवारों के विवाद के बीच गया था।
महिलाओं पर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा अत्याचार या गाँव में किसी भी प्रकार के डर आदि का माहौल के दावों को थाना प्रभारी जटहाँ ने पूरी तरह से निराधार और भ्रामक बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से निरोधात्मक कार्रवाई की गई है, इसलिए एकतरफा कार्रवाई की बातें भी असलियत से परे है। पुलिस ने हालात को पूरी तरह से सामान्य बताया है।