‘किसान आंदोलन’ ने वामपंथी प्रोपेगेंडा परस्तों को अपनी वैचारिक गुफ़ा से बाहर निकल कर एनडीए सरकार को लेकर मिथ्या प्रचार करने का अवसर दे दिया है। केंद्र सरकार के कृषि सुधार क़ानूनों के बारे में फ़ेक न्यूज़ फैलाए गए। अपनी दोयम दर्जे की हरकतों को जारी रखते हुए इन्होंने अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर किसानों को ‘धमकाने’ का आरोप लगाया है।
एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राकेश टिकैत और अन्य प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो की ऑडियो गुणवत्ता अच्छी नहीं होने की वजह से उसका संदर्भ समझ नहीं आता है। वीडियो में पीयूष गोयल कहते हैं, “हमारे पास आपके 40 संगठनों की सूची है। मुझे अपना मुँह खोलने पर मजबूर मत करिए।”
प्रोपेगेंडा करने वाले इसका इस्तेमाल ये बताने के लिए कर रहे हैं कि पीयूष गोयल किसानों को धमकी दे रहे थे। यह दावा इसलिए भी संदेह के दायरे में नज़र आता है, क्योंकि वीडियो में किसान केंद्रीय मंत्री के समक्ष मुस्कराते हुए नज़र आते हैं। केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी के बावजूद किसानों के चेहरों को देख ऐसा कतई नहीं लगता है कि पीयूष गोयल ने उन्हें धमकी दी है। किसान बेहद निश्चिंत नज़र आते हैं और केंद्रीय मंत्री खुद टिप्पणी के बाद मुस्कराते हुए नज़र आते हैं।
बता दें कि हाल ही में देश भर से तमाम किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताने के लिए आगे आए थे। उनका कहना था कि केंद्र सरकार को आंदोलन करने वालों के सामने झुकने की ज़रूरत नहीं है। यह किसान देश के अलग-अलग राज्यों से थे और कुछ पंजाब के भी थे। इन किसानों के मुताबिक़ नए कृषि सुधार क़ानूनों से उन्हें फ़ायदा हुआ है। इन्हें निरस्त नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि विरोध करने वाले अधिकांश किसान पंजाब से ही हैं।
हमने इस मुद्दे पर कई रिपोर्ट तैयार की थी जिनमें इस बात का ज़िक्र था पंजाब के किसान इस बात से नाराज़ हैं कि सरकार प्रदेश की किसान इकाइयों से बातचीत नहीं कर रही थी। लगभग 40 किसान संगठनों (ज़्यादातर पंजाब) से मिलकर बने संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर निवेदन किया था कि सरकार प्रदेश की किसान इकाइयों से बातचीत नहीं बंद करे। यह पत्र माओवादी संगठन PDFI के संस्थापक सदस्य दर्शन पाल ने लिखा था।
यह पत्र उस वक्त लिखा गया जब अन्य राज्यों के किसान संगठनों ने कृषि सुधार क़ानूनों का समर्थन किया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह किसान आंदोलन को लेकर ‘दुष्प्रचार’ कर रही है।
पीयूष गोयल ने इस संदर्भ में अनौपचारिक टिप्पणी तब की थी जब टिकैत ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि सरकार उन किसान संगठनों से भी बात कर रही है जो नए कानूनों के समर्थन में हैं।
BIG : 30 Dec की बातचीत के बाद किसान नेताओं को सरेआम धमकाते केंद्रीय मंत्री #PiyushGoyal : “ आप लोगों के 40 संगठन की LIST है हमारे पास। ज़्यादा मुँह मत खुलवाओ।” कहने का तरीक़ा और अंदाज़ देखिए।इस अहंकार को देखते हुए कौन कहेगा कि ये सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर गंभीर है। pic.twitter.com/xH2Cewc1W5
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 1, 2021
यह बैठक सरकार और किसानों के बीच अंतिम राउंड की बातचीत के दौरान हुई थी। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ब्रेक के दौरान किसानों के साथ नज़र आए और उनसे अनौपचारिक रूप से बातचीत की।
सूत्रों ने बताया कि टिकैत ने आरोप लगाया था कि सरकार ऐसे किसान संगठनों से बात कर रही है जो आंदोलन से जुड़े ही नहीं हैं। जो संगठन बैठक में शामिल नहीं हुए थे (खासकर जो कृषि क़ानूनों का समर्थन करते हैं) वह ‘विश्वसनीय नहीं’ हैं। इस बात पर पीयूष गोयल ने कहा था कि उनके पास ऐसे 40 कृषि संगठनों की सूची है जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं। इसके बावजूद ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने किसानों को धमकी दी, जबकि वहाँ मौजूद किसी भी व्यक्ति ने इस तरह की कोई बात नहीं की है।
‘पीआईएल एक्टिविस्ट’ प्रशांत भूषण इसे हवा देने में सबसे आगे रहे। उनके मुताबिक़, ”पीयूष गोयल किसानों को धमकी दे रहे हैं।”
After failing to quell the farmers protest movement by repression & defamation & watching it grow by the day, the govt was forced to send Rajnath Singh to apologise to the farmers. But here we see big mouth Piyush Goel threatening the farmer leaders pic.twitter.com/YalalQEuB9
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 1, 2021
इसी तरह प्रोपेगेंडा फैलाने वाले एक व्यक्ति ने ट्विटर पर कहा, “इन्हें देखिए किसानों को सार्वजनिक रूप से धमकी दे रहे हैं।”
As long as venomous @PiyushGoyal is part of the negotiating team, the talks will remain inconclusive. Watch him publicly threaten the farmer leaders. https://t.co/tpEcmBtyzC
— Sasidharan Pazhoor (@inquestioner) January 1, 2021
तथाकथित पत्रकार रोहिणी सिंह ने कहा कि पीयूष गोयल का रवैया किसानों के प्रति बेहद घमंड भरा है। ऐसा घमंड किसी को भी ख़त्म कर देता है।
यही अहंकार पतन का कारण बनता है, भाषा देखिए ‘सबकी लिस्ट है, मुँह मत खुलवाओ’।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) January 1, 2021
पीयूष जी, क्या आपकी लिस्ट नहीं है किसी के पास? सत्ता में बैठ कर, संस्थानों पर कब्ज़ा कर अक्सर लोग ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं।
पीरामल से लेकर शिर्डी तक, एक लंबी लिस्ट में हर कारनामे अंकित है, भूलिए मत। pic.twitter.com/ICbr6KkD7K
कुछ दावा कर रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री ने किसानों को अपशब्द कहा।
#HitlerModiAgainstFarmers
— Anbhakt Ka Baap (@anbhakt) January 1, 2021
This is How badwa BJP Minister @PiyushGoyal abusing Our Farmer 😠😠😠 pic.twitter.com/Vs5LxARbmT
BIG BRAKING :
— Vinay Dubey (Parody) (@VinayDubeyMumba) January 1, 2021
Union minister “Piyush Goyal” was caught on camera warning farmers leaders openly.
Look at his body language, he threatens farmers by saying “We’ve a list of 40 people of your organisation. Zyada muh mat khulwao”. pic.twitter.com/981QimRXMo
न्यूजलॉन्ड्री के पत्रकार जस ओबरॉय ने भी यही झूठ फैलाया कि पीयूष गोयल किसानों को धमकी दे रहे हैं।
BIG BRAKING :
— Vinay Dubey (Parody) (@VinayDubeyMumba) January 1, 2021
Union minister “Piyush Goyal” was caught on camera warning farmers leaders openly.
Look at his body language, he threatens farmers by saying “We’ve a list of 40 people of your organisation. Zyada muh mat khulwao”. pic.twitter.com/981QimRXMo
सबसे अहम बात ये है कि यह वीडियो सम्भावित रूप से बुधवार (30 दिसंबर 2020) का है जब किसान संगठनों और सरकार के बीच अंतिम राउंड की बातचीत हुई थी। उसके बाद से अभी तक किसी किसान नेता ने ऐसा नहीं कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्री ने धमकी दी है। सिर्फ प्रोपेगेंडाधारी ही सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे कर रहे हैं।
खुद किसान संगठन के नेताओं ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि बातचीत सकारात्मक रही। राकेश टिकैत ने भी कहा था कि बहुत जल्द हमारी समस्या हल हो जाएगी। मीडिया वालों से बात करते हुए राकेश टिकैत बेहद सहज नज़र आ रहे थे। उन्हें देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि उनको किसी भी तरह की धमकी दी गई है।
piyush goyal farmer leaders protests threaten