प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया स्पीच से राहुल गाँधी द्वारा किए गए ‘संपत्ति के बँटवारे’ के वादे की हकीकत जनता के आगे खुलने से अब कॉन्ग्रेसी बिलबिलाए हुए हैं। पीएम मोदी की स्पीच का हिस्सा काटकर उन्हें इस्लामोफोबिक, मुस्लिमों से घृणा करने वाला साबित करने की कोशिश हो रही है। भारत के लिबरलों से लेकर पाकिस्तान के बुद्धिजीवी तक इस प्रोपगेंडा को फैलाने में मदद कर रहे हैं… लेकिन हकीकत क्या है? क्या पीएम ने सच में ऐसा कुछ विवादित कह दिया है या फिर पीएम मोदी की बातों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है।
दरअसल, राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए समझाया कि एक ओर राहुल गाँधी संपत्ति के सर्वेक्षण और आबादी के आधार पर संपत्ति के बँटवारे के वादे अपने घोषणा पत्र में कर रहे हैं और दूसरी ओर प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। पीएम मोदी ने बस इस बात पर गौर करवाया है कि अगर संपत्ति का बँटवारा किया जाता है तो इसका अधिकांश हिस्सा किसपर जाएगा।
अब उनकी इसी स्पीच पर कॉन्ग्रेसी, इस्लामी, और वामपंथी सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। कहा जा रहा है पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में मुसलमानों को घुसपैठिया कहा है। उन्हें इस्लामोफोबिक कहकर न केवल कॉन्ग्रेसी, बल्कि ऑल्ट न्यूज वाला जुबैर और पाकिस्तान का हामिद मीर तक पीएम मोदी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उन्हें अल्पसंख्यकों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने वाला पीएम बताया जा रहा है।
Indian PM Narendra Modi calls #Muslims as infiltrators and mocks them for having kids
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) April 21, 2024
pic.twitter.com/FeeJ8vphka
This speech of PM Modi is nothing but scaremongering, Islamophobic and Misinformation. He Indirectly refers to Muslims as Ghuspaithiya, Refers to Muslims as a community who have more Children. pic.twitter.com/xOoY1F17n3
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 21, 2024
इस पूरे विवाद में हकीकत जबकि ये है कि पीएम मोदी ने मुस्लिमों को घुसपैठिया नहीं कहा है। पूरी वीडियो देखने पर पता चलता है कि मुस्लिमों और घुसपैठियों की बात अलग-अलग की गई है। इसके अलावा पीएम ने जो भी बोला है वो कॉन्ग्रेस नेताओं के बयान पर निशाना साधते हुए ही कहा है।
पहले जानते हैं पीएम मोदी ने कहा क्या
पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में कहा, “कॉन्ग्रेस ने जो अपने घोषणा पत्र में कहा है वो चिंताजनक है। माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की कोशिश है। उन्होंने कहा है कि अगर कॉन्ग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जाँच की जाएगी। हमारे आदिवासी परिवारों में चाँदी होती है, उसका हिसाब लगाया जाएगा। सरकार मुलाजिमों के पास कितना पैसा है, कितनी जगह है सबकी जाँच होगी। इतना ही नहीं ये भी कहा है कि बहनों के पास जो सोना है या अन्य संपत्ति है उसे सबको समान रूप से बाँटा जाएगा।”
पीएम मोदी ने जनता से पूछा, “क्या आपको ये मंजूर है? क्या आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? माताओं-बहनों के जीवन में सोना सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होता है, ये उसके स्वाभिमान से जुड़ा होता है। उसका मंगलसूत्र कोई सोने का मु्द्दा नहीं है… तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में।“
Banswara, Rajasthan: ''What Congress has stated in its manifesto is worrying; it is a Maoist ideology," says PM Modi pic.twitter.com/Ha1N9bGZoy
— IANS (@ians_india) April 21, 2024
इसके बाद पीएम मोदी यहाँ पर बताते हैं कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये (कॉन्ग्रेस) संपत्ति इकट्ठा करके किसको बाँटेंगे जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बाँटेंगे… घुसपैठियों को बाँटेंगे… क्या आपको मंजूर है कि आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा?
अब जानिए कैसे पीएम की कही एक एक बात कॉन्ग्रेसियों के बयान से निकली है…
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जहाँ पर कहा है कि जिनके ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें संपत्ति दी जाएगी… तो ये बात पीएम मोदी ने हवा में नहीं कही। राहुल गाँधी ने ही ये कहा था कि संपत्ति का बँटवारा आबादी देख होगा। उन्होंने ही ‘जितनी आबादी उतना हक’ वाली बात कही है। अब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मुस्लिमों के हिंदुओं के मुकाबले ज्यादा बच्चे होते हैं।
इसी प्रकार से जहाँ उन्होंने कहा है कि संपत्ति मुस्लिमों को दी जाएगी… वो भी उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता मनमोहन सिंह के बयान को आधार बनाकर कहा है क्योंकि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ही कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमामों का है… जिस पार्टी के नेता ऐसी बात कहते हैं और फिर सर्वेक्षण कराकर उनकी पार्टी संपत्ति के बँटवारे को कहती है, तो ये समझना मुश्किल नहीं है कि संपत्ति किसे दिए जाने का विचार है।
वीडियो अगर आगे देखें तो पता चलेगा कि पीएम मोदी रुककर घुसपैठियों पर बयान देते हैं, वो देश के मुस्लिमों को घुसपैठिया नहीं कहते, उनका सीधा निशाना अवैध रूप से देश में घुसे रोहिंग्याओं को बांग्लादेशियों पर हैं, जो भारत में घुस तो आए हैं और कॉन्ग्रेस लगातार अपने तुष्टिकरण की राजनीति में उन्हें खुश करने में लगी रहती है।
अब ऐसे में जहाँ पीएम मोदी द्वारा कहे तीनों शब्दों का अर्थ और संदर्भ अलग है और सबका कनेक्शन कॉन्ग्रेस नेता, उनके बयानों और उनकी राजनीति से ही है इसलिए कॉन्ग्रेसी बिलबिलाए हुए हैं कि घोषणा पत्र में किए गए वादे की मंशा की पोल खोल दी गई। यही वजह है कि उनका प्रचार तंत्र पीएम मोदी की क्लिप बिना संदर्भ के शेयर करके उन्हें इस्लामोफोबिक साबित कर रहे हैं।