मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी जुलुस पर पत्थरबाजी को लेकर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा, जिस पर फेक वीडियो के जरिए सूबे को बदनाम करने के आरोपों में कॉन्ग्रेस नेता खुद ही घिरते नजर आए। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर तुरंत ही पलटवार किया, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
राजा साहब ने हिंदुओं को बदनाम करने वाला ये #Tweet #Delete कर दिया है.
— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) April 12, 2022
दंगा फैलाने और भड़काने में इन्ही अफ़वाहों का बड़ा रोल होता है. @akarshsharma07 https://t.co/9IdQ7maza1
दरअसल खरगोन में पत्थरबाजी की घटना को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहीं और का फोटो मध्य प्रदेश के खरगोन का बताकर ट्वीट किया था और लिखा, “क्या तलवार लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है। क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे वो जिस भी धर्म के हों, सभी के घर पर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए.. आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली है।”
बीजेपी को घेरने के चक्कर में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहीं और की तस्वीर शेयर कर शिवराज सरकार के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। पूर्व सीएम ने खरगोन हिंसा के नाम पर एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बिहार के एक तस्वीर को अपने ट्वीट में टैग करते हुए इसे खरगोन का बता दिया। बता दें कि इस फोटो में कुछ युवक मस्जिद में की मीनार पर चढ़कर भगवा झंडा लगा रहे हैं।
शिवराज सिंह का पलटवार
वहीं जैसे ही दिग्वियज सिंह का यह ट्वीट सामने आया, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उस पर पलटवार किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “दिग्विजय सिंह ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है। उनका यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
श्री @digvijaya_28 ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है।श्री दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 12, 2022
हालाँकि, दिग्विजय सिंह के फेक फोटो वाले ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, “यही तो मामा के बुलडोजर की ताकत है, चला खरगोन के जिहादियों पर और दर्द सीधे आपके दिल पर पहुँच गया. आप रात भर ना सो पाए होंगे। आपका मन बड़ा दुखी होगा, इसलिए यह झूठा फोटो ले आए निष्पक्ष तुड़ाई की जाएगी.. जिस घर से पत्थर, पेट्रोल बम निकला है वह घर मिट्टी में मिला दिया जाएगा।”
वहीं इस पलटवार के बाद ही दिग्विजय सिंह फेक फोटो डिलीट कर दी। अब सिर्फ टेक्स्ट दिखाई दे रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर भी लगातार कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को घेरा जा रहा है।
क्या है उस तस्वीर की सच्चाई
बता दें कि दिग्विजय सिंह द्वारा शेयर की गई तस्वीर मध्य प्रदेश के खरगोन का न होकर बिहार का है। जहाँ रामनवमी के जुलूस के दौरान बिहार के मुजफ्फरपुर में कुछ लोगों ने मस्जिद के गेट पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया था।
रामनवमी के जुलूस के दौरान मस्जिद के गेट पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया.
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) April 11, 2022
तस्वीरें बिहार में मुजफ्फरपुर के मोहम्मदपुर गांव की हैं. पुलिस ने कहा- जाँच चल रही है, अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. pic.twitter.com/5t9jh3IxgO
इस घटना के वीडियो को शेयर करते हुए कई ट्वीटर हैंडलों और मीडिया रिपोर्ट में इसे बिहार के मुजफ्फरपुर के मोहम्मदपुर गाँव का बताया गया है। वीडियो में भी देखा जा सकता है कि मोहम्मदपुर गाँव में स्थित एक मस्जिद पर कुछ लोग चढ़ कर भगवा झंडा लगा रहे है।
मुजफ्फरपुर के SSP जयंत कांत के मुताबिक़ कहीं भी हिंसा नहीं हुई है. मस्जिद पर झंडा फहराने की दोनों घटनाओं में FIR दर्ज की गई है और कार्रवाई की जा रही है. pic.twitter.com/K7P8kI0Wzi
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) April 11, 2022
होगी सख्त कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिग्विजय सिंह के फेक ट्वीट करने और उसे बाद में डिलीट करने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी एक्शन की बात कही है। उन्होंने कहा, “दिग्विजय सिंह ने भ्रम फैलाने का काम किया है। वह हमेशा ही मध्यप्रदेश को बदनाम करने का काम करते रहे हैं। उन्होंने पहले पाकिस्तान के ब्रिज को भोपाल से जोड़ दिया था। अब बाहर की मस्जिद, जिसमें झंडा लगाया जा रहा है, उसे मध्य प्रदेश से जोड़कर दिखाया। इस मामले में विषय विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। दिग्विजय पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
खरगोन में क्या हुआ
गौरतलब है कि खरगोन में रविवार (10 अप्रैल, 2022) को रामनवमी पर भगवान राम की शोभायात्रा निकाली जा रही थी। जैसे ही यह जुलूस मुस्लिम बहुल इलाके में पहुँचा तो शोभा यात्रा पर पथराव शुरू हो गया। इस दौरान उपद्रवियों ने आतंक फैलाते हुए कई घरों और दुकानों में आग लगा दी। कई मकानों में घुसकर तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई। जिसके बाद पूरे इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया।
मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मामला शांत कराने पहुँची पुलिस के करीब 20 जवान भी पत्तरबाजी में घायल हो गए, एसपी को भी चोटें आई थी। उसके बाद शिवराज सरकार ने एक्शन लेते हुए दंगाईयों के मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया। जिसके बाद से सियासत बढ़ गई है। यहाँ तक कि बीजेपी को बदनाम करने के किए कॉन्ग्रेस नेता द्वारा बिहार की तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया।
बता दे कि रामनवमी पर साम्प्रदायिक हिंसा का मामला सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि गुजरात, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित चार अन्य राज्यों में भी देखने को मिला है। जहाँ राम नवमी के जुलूस के दौरान पथराव, आगजनी, मारपीट और बड़े पैमाने पर हिंसा सामने आई है।