असम में 27 मार्च से 6 अप्रैल तक होने वाले 15 वें पंचवार्षिकी विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है, राजनीतिक क्षेत्र में फर्जी खबरों को फैलाने और राज्य में भाजपा सरकार की नकारात्मक छवि बनाने के लिए जोरदार प्रयास हो रहा है। कॉन्ग्रेस को एक बार फिर से ऐसा ही करते हुए धरा गया है।
असम कॉन्ग्रेस ने ट्विटर पर 4 मार्च को एक वीडियो शेयर किया जिसमें दो पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को दो गोलियाँ लगने के बाद उन्हें गिरते हुए देखा गया। असम कॉन्ग्रेस ने वीडियो को शेयर करते हुए असमिया में कैप्शन दिया, जिसका अनुवाद है, “प्रिय मतदाताओं, यह असम में चुनावी मौसम है। क्या आपने तय किया है कि 2021 के चुनाव में किसे वोट देना है? वोट डालने से पहले नीचे दिए गए वीडियो को एक बार देखें और तय करें कि किसे वोट देना है।”
विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, असम कॉन्ग्रेस अनिवार्य रूप से राज्य सरकार के खिलाफ जनता को भड़काना चाहती थी, और ऐसा करने के लिए उसने 2017 के वीडियो को असम पुलिस के खिलाफ कथित ज्यादती दिखाने के लिए 2019 के वीडियो के रूप में जारी किया, जिन लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया था।
Congress is Fake News Factory!
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 6, 2021
Check at 2 min, how they have misused a mock drill video from Jharkhand to call it shooting by @assampolice. https://t.co/km68J31yKW pic.twitter.com/7sx8hz4Ylh
हालाँकि, बीजेपी नेता और असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस द्वारा शेयर किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट और टाइम्स नॉउ की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसका 2019 में फैक्ट-चेक किया गया था। कॉन्ग्रेस को फेक न्यूज की फैक्ट्री कहते हुए बीजेपी के मंत्री ने लिखा, “वीडियो में 2 मिनट पर देखें, किस तरह से झारखंड के मॉक ड्रिल को असम पुलिस द्वारा शूटिंग बताया जा रहा है।”
क्या है वीडियो की सच्चाई
मोदी सरकार को बदनाम करने की जल्दबाजी में, असम कॉन्ग्रेस शायद अपना होमवर्क करना भूल गई। 2019 में Times Now और India TV सहित विभिन्न मीडिया एजेंसियों ने इस वीडियो का पहले ही फैक्ट चेक कर दिया था। यह फर्जी वीडियो प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक द्वारा भी दिसंबर 2019 में फैक्ट-चेक किया गया था।
#PIBFactCheck
— PIB India (@PIB_India) December 17, 2019
Claim: A video is doing the rounds on Social Media as police shooting at #CAA protesters in #Assam.
Reality: This is a mock drill video by Jharkhand Police two years ago.
Conclusion: #Fakenews pic.twitter.com/IWaLW1hmjt
आश्चर्य की बात यह है कि हालाँकि इस वीडियो का 2019 में फैक्ट-चेक किया गया था, इसके बावजूद कॉन्ग्रेस ने न केवल इसे फिर से शेयर किया, बल्कि बेशर्मी से वही फर्जी दावे भी किए, जो उस समय किया गया था।
जबकि सच्चाई यह है कि असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर असम पुलिस द्वारा गोली चलाने का जो वीडियो कॉन्ग्रेस ने जारी किया, वह वास्तव में नवंबर 2017 में झारखंड पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल का पुराना वीडियो है।