लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के बीच विपक्ष लगातार झूठे आरोप लगाकर अपनी फजीहत करवा रहा है। इस बार ये काम तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी ने किया है, जिन्हें जवाब भारतीय निर्वाचन आयोग ने खुद दिया। ईसी ने टीएमसी के ट्वीट पर जवाब देकर बताया है कि कैसे उनके द्वारा दी गई जानकारी अधूरी और गलत है।
Smt. @MamataOfficial has repeatedly flagged how @BJP4India was trying to rig votes by tampering with EVMs.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) May 25, 2024
And today, in Bankura's Raghunathpur, 5 EVMs were found with BJP tags on them.@ECISVEEP should immediately look into it and take corrective action! pic.twitter.com/aJwIotHAbX
छठे चरण के मतदान के बीच ऑल इंडिया तृणमूल कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि बांकुरा के रघुनाथपुर में 5 ईवीएम मिली है जिनके ऊपर भाजपा का टैग लगा है। ट्वीट में चुनाव आयोग से तुरंत एक्शन लेने को कहा गया था। इसके साथ फोटो में दिखाई दे रहे कागज को भी लाल गोला किया गया था ताकि पता चल सके किस चीज को भाजपा का टैग कहा जा रहा है।
(2/1) While commissioning, common address tags were signed by the Candidates and their agents present. And since only BJP Candidate's representative was present during that time in the commissioning hall, his signature was taken during commissioning of that EVM and VVPAT. pic.twitter.com/54p78J2jUe
— CEO West Bengal (@CEOWestBengal) May 25, 2024
अब चुनाव आयोग ने इसी ट्वीट का जवाब देते हुए टीएमसी के दावे की सच्चाई बताई। ईसी ने कहा, “कमीशनिंग के दौरान, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों द्वारा मौजूद कॉमन एड्रेस टैग पर हस्ताक्षर करवाए गए थे। चूँकि उस समय केवल भाजपा उम्मीदवार का प्रतिनिधि ही मौजूद था, इसलिए ईवीएम और वीवीपैट को चालू करने के लिए उनके हस्ताक्षर लिए गए।”
(2/2)
— CEO West Bengal (@CEOWestBengal) May 25, 2024
However, signature of all the agents present in PS No 56,58, 60, 61,62 was obtained during Poll. All the ECI norms were duly followed during commissioning was done entirely under CCTV coverage and was duly videographed.
ईसी ने यह भी कहा, “मतदान केंद्र 56, 58, 60, 61 और 62 पर मौजूद सभी एजेंटों के हस्ताक्षर मतदान के दौरान प्राप्त किए गए थे। सभी ईसीआई मानदंडों का पालन किया गया, मतदान पूरी तरह से सीसीटीवी कवरेज के तहत किया गया था, और इसकी विधिवत वीडियोग्राफी की गई थी।”
कुल मिलाकर टीएमसी के आरोपों को झुठलाते हुए ईसी ने ये साफ किया है कि कैसे टीएमसी इस मामले में आधी-अधूरी जानकारी के साथ झूठ फैला रही है जबकि हकीकत तो यह है कि वो हस्ताक्षर कमीशनिंग के दौरान कराए गए थे। अगर उस जगह पर अन्य प्रत्याशियों का एजेंट होता तो उस पार्टी के साइन भी उस पर दिखाई पड़ते।