भारत सरकार ने बुधवार (20 जुलाई 2022) को स्पष्ट किया कि श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा का दावा करने वाली रिपोर्ट फर्जी है।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेकिंग साइट ने बताया कि श्मशान सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का दावा भ्रामक है। पीआईबी ने कहा कि अंतिम संस्कार, दफनाने, श्मशान या मुर्दाघर सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं है। यह केवल श्मशान से संबंधित होने वाले कामों के कॉन्ट्रैक्ट पर लागू होता है। इसका मतलब है कि श्मशान के निर्माण और रखरखाव से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी लागू होगा।
Claim: There will be 18% GST on Crematorium Services.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 20, 2022
▶️This claim is #Misleading.
▶️There is no GST on funeral, burial, crematorium, or mortuary services.
▶️In this reference GST @ 18% is only applicable for work contracts and not the services. pic.twitter.com/7HE2MPMs1s
उल्लेखनीय है कि 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी कि सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के निर्माण कॉन्ट्रैक्टों पर लागू जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।
In the meeting GST on LED Lamps, lights & fixture, their metal printed circuits board is raised from 12% to 18%. Solar Water Heater and system GST raised from 5 to 12%. Works contract for roads, bridges, railways, metro, effluent treatment plant, crematorium etc. up by 12 to 18%.
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 29, 2022
कुछ समाचार पोर्टलों और विपक्षी नेताओं ने घोषणा को अपने तरीके से दिखाया और दावा किया कि श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा की गई। newzviewz.com के एडिटर डॉ. धीमंत पुरोहित ने कहा, “श्मशान सेवाओं पर 18% जीएसटी।” पीआईबी ने भी फैक्ट चेक के दौरान उनके इस ट्वीट का हवाला दिया था।
कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर शैलेंद्र चौधरी ने लोगों से सवाल किया कि वे श्मशान सेवाओं पर जीएसटी के बारे में क्या सोचते हैं? उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “शमशान पर 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स को आप क्या कहेंगे? आपदा में अवसर, निर्दयी सरकार या दोनों?”
डेक्कन हेराल्ड के पत्रकार रशीद कप्पन ने लिखा, “श्मशान घाट पर 18% जीएसटी। मानो लोग टैक्स देने के लिए मर रहे हैं!”
तेलंगाना टुडे के संपादक श्रीनिवास के रेड्डी ने ग्राउंड ज़ीरो इंडिया को कोट करते हुए कहा, “यहाँ के अस्पतालों में, रोगी जो बच जाता है, वह बेड के लिए भारी GST का भुगतान करता है। मरने वाले मरीज को श्मशान घाट के लिए भारी GST चुकाना पड़ता है। कुछ भी हो, सभी पर मोदी सरकार का बोझ है।” दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने एनडीटीवी की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें स्पष्ट रूप से “श्मशान के लिए वर्क कॉन्ट्रैक्ट” का उल्लेख किया गया था।
चित्तपुर के पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने लिखा, “भाजपा सरकार आपको चैन से मरने भी नहीं देगी। श्मशान घाट पर 18% जीएसटी। ना…… ना मरने दूँगा।” उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यह केवल वर्क कॉन्ट्रैक्ट पर लागू है।
श्मशान घाट और अन्य सेवाओं को GST से छूट
GST अधिनियम 2017 की अनुसूची III की धारा 7 (4) के अनुसार, मृतक के परिवहन सहित अंतिम संस्कार, दफन, श्मशान या मुर्दाघर की सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।
इससे पहले, श्मशान घाट के वर्क कॉन्ट्रैक्ट पर केवल 12 प्रतिशत जीएसटी था, जिसे 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान गैर-एनडीए / भाजपा शासन वाले राज्यों सहित सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की मंजूरी के साथ बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
निष्कर्ष: श्मशान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने का दावा गलत है।