कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को लेकर कल (17 फरवरी 2024) खबर आई थी कि उन्हें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महन्त राजेन्द्र तिवारी द्वारा गर्भगृह के दर्शन-पूजन कराए गए। ये खबर सोशल मीडिया और ईटीवी पर खूब चली। अब इस संबंध में श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बयान दिया है।
बयान में स्पष्ट कहा गया है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा गर्भ गृह में पूजन-अर्चन के लिए अर्चक नियुक्त हैं तथा नियुक्त अर्चक द्वारा ही मंदिर के गर्भगृह में पूजन-पाठ कराया जाता है। इस बयान में ये भी साफ किया गया है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महंत नाम का कोई पद है ही नहीं और न ही कोई पद पर नियुक्त है।
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) February 17, 2024
न्यास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में राहुल गाँधी से संबंधित प्रसारण और दावे को पूर्णत: भ्रामक और मिथ्या बताया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि मंदिर परिसर में राजेंद्र तिवारी द्वारा कोई संकल्प अथवा पूजन नहीं करवाया गया है। न्यास ने मीडिया से अनुरोध करते हुए लिखा, “आप समस्त प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बंधुओं से अनुरोध है कि इस प्रकार की किसी खबर/वीडियो का संज्ञान न्यास के अधिकारिक बयान के बगैर न लें। जिसमें न्यास या मंदिर का उल्लेख किया गया है।”
बता दें कि इस प्रेस विज्ञप्ति को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से जारी किया गया है। इससे पहले खबर आई थी कि राहुल गाँधी ने मंदिर के गर्भगृह में षोडशोपचार विधि से पूजा पाठ की और काशी विश्वनाथ के महंत को दिल्ली आने का न्योता दिया।
हालाँकि अब इस खबर की प्रमाणिकता और प्रसारण दोनों पर सवाल उठ रहे हैं कि जब महंत नाम का कोई पद है ही नहीं तो राहुल गाँधी को पूजा किसने कराई और किसके आधार पर ऐसे बयान जारी हुए। न्यास का कहना है कि अगर कोई उनके नाम पर ये करता है तो वो ठग माना जाएगा और वह उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं।
ईटीवी की अपडेट रिपोर्ट में भी न्यास के बयान की जानकारी दी गई है जिसमें राजेंद्र तिवारी का भी बयान है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तय नहीं करेगा कि कौन मंदिर का महंत है। हम पुस्तकों से महंत हैं और महंती करेंगे। अधिकग्रहण मंदिर का हुआ है परिवार का नहीं।