यूथ कॉन्ग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से झूठ फैलाया है। कॉन्ग्रेस ने यह झूठ डॉक्टर मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा कवर हटाए जाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए फैलाया। केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को मिली एसपीजी सुरक्षा कवर वापस लेने का निर्णय लिया है। हालाँकि, डॉक्टर सिंह को जेड प्लस सुरक्षा कवर मिलता रहेगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पूर्व पीएम का एसपीजी कवर हटाने का कारण यही है कि वह कॉन्ग्रेस पार्टी से सम्बन्ध रखते हैं।
कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याद दिलाया कि आज तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हैं, वह भी कभी ‘पूर्व’ (पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व गृहमंत्री) कहलाएँगे। उन्होंने लिखा कि ‘कर्मा (कर्म)’ सब देख रहा है। यहाँ यह जानने लायक बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कॉन्ग्रेस के शीर्ष परिवार के तीनों सदस्यों सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा को एसपीजी कवर सिक्योरिटी मिली हुई है।
Present PM’s and HM’s who order withdrawal of security and benefits for former PM’s must remember that they too will be former one day. Karma is always watching.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 26, 2019
गृह मंत्रालय का कहना सिक्योरिटी कवर हटाए जाने का निर्णय सम्बंधित एजेंसियाँ वार्षिक समीक्षा के बाद लेती है, जो कि एक निश्चित प्रक्रिया है। यह इस आधार पर तय किया जाता है कि उक्त व्यक्ति को कितना ख़तरा है। यूथ कॉन्ग्रेस ने इस निर्णय का विरोध करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अम्बानी का नाम भी इसमें घुसेड़ा। यूथ कॉंग्रेस ने लिखा कि मुकेश अम्बानी को जेड-कैटेगरी की सुरक्षा देने वाली मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का एसपीजी सुरक्षा हटा दी। देखें ट्वीट:
मुकेश अंबानी को जेड-कैटेगरी की सुरक्षा देने वाली मोदी सरकार ने हटाया पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का एसपीजी सुरक्षा pic.twitter.com/ubY9wGrya5
— Youth Congress (@IYC) August 26, 2019
यहाँ आपको बताना ज़रूरी है कि सच्चाई कुछ और ही है। मुकेश अम्बानी को जेड सिक्योरिटी कवर मोदी ने नहीं दी थी। उन्हें जेड सिक्योरिटी अप्रैल 2013 में डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने दी थी। उस समय महाराष्ट्र में भी कॉन्ग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे उस वक़्त केंद्र में गृहमंत्री थे। एक ख़बर के अनुसार, मुकेश अम्बानी को जेड सिक्योरिटी के लिए हर महीने 15 लाख रुपए का ख़र्च अनुमानित किया गया था। इसके अलावा कमांडोज के रहने की व्यवस्था भी उन्हें ही करनी थी।
तत्कालीन यूपीए सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय के लिए डाँट भी पिलाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जब देश में आम लोगों पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, तब हाई प्रोफाइल लोगों को जेड श्रेणी सुरक्षा कवर क्यों दिया गया? उस समय एक पाँच वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकारते हुए कहा था कि अगर राजधानी में उचित सुरक्षा होती तो शायद इस दुःखद घटना को टाला जा सकता था।
अम्बानी का नाम लिए बिना जस्टिस जीएस सिंघवी की पीठ ने कहा था कि समाचार-पत्रों में गृह मंत्रालय द्वारा एक व्यक्ति को सीआईएसएफ की सुरक्षा देने वाली ख़बर पढ़ी है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने पूछा था कि केंद्र ऐसे व्यक्ति को सुरक्षा क्यों दे रहा है? जज ने टिप्पणी करते हुए कहा था,
“जो बड़े उद्योगपति हैं, वह अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट सुरक्षा बलों को हायर करने में सक्षम हैं। पहले पंजाब में उद्योगपतियों को सरकार द्वारा सुरक्षा दी जाती थी और अब मुंबई पहुँच गया है। वैसे हमलोग किसी भी एक्स, वाई, जेड व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं हैं लेकिन हमारी चिंता आम आदमी की सुरक्षा को लेकर है। ये क्या बकवास है? यह जनता का रुपया है। आम आदमी की सुरक्षा का क्या? “
Supreme Court questions Centre over providing security to Mukesh Ambani
— ANI (@ANI) May 1, 2013
एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, 2013 में गृह मंत्रालय मुकेश अम्बानी को ‘राष्ट्रीय सम्पदा’ मानता था और इसीलिए उनकी उचित सुरक्षा की व्यवस्था करनी ज़रूरी थी। तब केंद्रीय मंत्री रहे मंत्री मनीष तिवारी ने कहा था कि अम्बानी को जेड श्रेणी सुरक्षा समीक्षा के बाद दी गई है।
So home ministry in #India thinks #ambani is a “national asset” & faces threat from #Mujahideen. Oh I so wish if the latter is listening.
— Prerna Bakshi (@bprerna) April 22, 2013
यह भी जानने लायक बात है कि जिस यूथ कॉन्ग्रेस ने मुकेश अम्बानी को जेड श्रेणी सुरक्षा कवर दिए जाने को लेकर झूठ फैलाया है और इसका विरोध किया है, मनीष तिवारी कभी इसी यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे।
Security is given only after threat perception assessment-Manish Tewari on Mukesh Ambani given Z category security
— ANI (@ANI) April 22, 2013
उस समय गृह मंत्रालय का मानना था कि प्राइवेट सुरक्षा दस्ते के साथ मुकेश अम्बानी सेफ नहीं रहेंगे, क्योंकि प्राइवेट गार्ड्स को अधिकतम 12 बोर राइफल प्रयोग करने का अधिकार है। उनके पास आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल का अधिकार नहीं होता।