Friday, November 22, 2024
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राम मंदिर के खिलाफ प्रपंच: ऑल्ट न्यूज का मो. जुबैर फैला रहा था हिन्दू धर्म से जुड़ी 4 साल पुरानी खबर, पकड़ा गया तो डिलीट कर भागा

मोहम्मद जुबैर का ये तस्वीर पोस्ट करने का असली उद्देश्य श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे देशव्यापी समर्पण निधि अभियान से जुड़ा हुआ साबित करते हुए लोगों को गुमराह करने का था।

ऑनलाइन स्टाकिंग और मजहबी अपराधों को क्लीन चिट देने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ का सह संस्थापक ट्विटर पर फेक न्यूज़ फैलाते हुए पकड़ा गया है। मोहम्मद जुबैर ने पहले तो इस पर पर्दा डालने का प्रयास किया लेकिन जब लोग उसे अन्य नामों से संबोधित करने लगे तो मोहम्मद जुबैर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। मोहम्मद जुबैर द्वारा डिलीट किए गए ट्वीट को आप इस लिंक पर देख सकते हैं।

बृहस्पतिवार (फरवरी 11, 2021) सुबह मोहम्मद जुबैर ने एक अखबार की कटिंग ट्वीट की। इस खबर का शीर्षक था- “गो सेवा के नाम पर 20 लाख का दान जूता फरार हुआ पुजारी।” मोहम्मद जुबैर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “गाँव में गोशाला बनाने व मंदिर में भागवत कथा के नाम पर 15-20 लाख की राशि उसके हवाले कर दी। मौका लगते ही भगवाधारी बाबा मंदिर को ताला लगाकर कब गायब हो गया ग्रामीणों को पता ही नहीं चला।”

वास्तव में, जो तस्वीर मोहम्मद जुबैर ने ट्वीट की वो आज की खबर नहीं बल्कि चार साल पहले राजस्थान की एक घटना थी। राजस्थान में श्रीगंगानगर के गाँव में मंदिर का पुजारी गोसेवा के नाम पर दान में मिले लगभग 15 लाख रुपए लेकर फरार हो गया था। इस ठग के फरार होने के बाद लोगों ने पुलिस थाना में ग्रामीणों ने उसके खिलाफ 15 से 20 लाख रुपए लेकर फरार होने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की थी।

अनन्त गिरी नाम के इस ठग ने गाँव के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रामदेव के साथ अपनी कुछ फोटोशॉप की हुई तस्वीरें दिखाकर प्रभावित कर दिया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे शिव मंदिर में रहने की इजाजत दे डाली थी।

लेकिन मोहम्मद जुबैर का ये तस्वीर पोस्ट करने का असली उद्देश्य श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे देशव्यापी समर्पण निधि अभियान से जुड़ा हुआ साबित करते हुए लोगों को गुमराह करने का था। खास बात ये है कि इस भ्रामक और पुरानी तस्वीर को ट्वीट करने वालों में मोहम्मद जुबैर अकेला नहीं था। ट्विटर पर और भी कई लोगों ने इस खबर को अलग-अलग समय पर भ्रामक तरीके से शेयर किया है।

जुबैर की ये घटिया हरकत देखकर एक ट्विटर यूजर स्नेहा संघवी ने लिखा है, “जिस तरह से राम मंदिर समर्पण निधि अभियान के कारण ये इतना परेशान हो रखा है और पुरानी तस्वीर शेयर कर रहा है, मैं सोच भी नहीं सकती कि जिस दिन श्रीराम मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा, उस दिन इसकी छाती पर कितने साँप लौटेंगे। जल-जल के काला हो जाएगा ये।”


एक अन्य ट्विटर यूजर ‘स्मोकिंग स्किल्स’ ने लिखा है, “मिलिए ट्विटर के आधिकारिक फैक्ट चेकर से, जो सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए पुरानी तस्वीर शेयर करता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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