सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है। सरकारी संस्था ‘भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI)’ के नाम से वायरल इस पोस्टर में दीपावली को ‘जश्न-ए-रौशनी’ का नाम दिया गया है। इस संबंध में 9 नवम्बर, 2023 को दिल्ली स्थित FSSAI मुख्यालय पर एक कार्यक्रम आयोजन की बात भी पोस्टर में कही गई है।
सोशल मीडिया पर यह पोस्टर सामने आने के बाद कई लोगों ने मोदी सरकार पर प्रश्न उठाए और कहा कि आखिर हिन्दू त्योहारों का उर्दू में नाम लिख कर इस्लामीकरण क्यों किया जा रहा है? कई लोगों ने मोदी सरकार पर इस्लामी तुष्टिकरण में लीन होने के आरोप भी लगाए।
इस्लामिक संतुष्टिकरण में लीन भाजपा सरकार ने दीपावली को जश्न ए रोशनी कर दिया।
— Exhauster (@Exhauster56) November 7, 2023
शर्म आनी चाहिए। pic.twitter.com/ryN9iSiMWv
एक यूजर आनंद अटल ने लिखा. “जश्न ए रोशनी – यह क्या है… दीपावली है ईद?”
"जश्न ए रोशनी" यह क्या है…???
— Anand Attal (@AttalAnand) November 7, 2023
दिपावली है या ईद…?
@PMOIndia @mansukhmandviya @narendramodi pic.twitter.com/GTR8LiDAVt
हालाँकि, अब FSSAI ने खुद ही सामने आकर इसकी सच्चाई बता दी है। FSSAI ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “FSSAI कथित तौर पर ‘जश्न-ए-रोशनी’ नाम का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रहा है, जैसा की सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर साझा की जा रही तस्वीर ना ही FSSAI ने जारी की है और ना ही उसे मंजूरी दी है।”
The @fssaiindia is not organising any event purportedly named 'Jashn-e-Roshni', as is being circulated in social media. The image being shared on social media has not been issued or approved by FSSAI.@MoHFW_INDIA
— FSSAI (@fssaiindia) November 7, 2023
गौरतलब है कि FSSAI देश में खाद्य पदार्थों के मानक तय करने एवं जाँचने वाली एजेंसी है जो कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एजेंसी देश भर में खाने-पीने के सामान का निर्माण करने वाली कम्पनियों, दुकानों और रेस्टॉरेंट आदि को प्रमाण पत्र जारी करती है। इसे 2006 में बनाया गया था।
इससे पहले भी कई बार दीवाली का नाम बदल कर इस्लामिक नाम देने के प्रयास किए गए हैं। कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने वर्ष 2020 में दीवाली को ‘जश्न-ए-चिराग‘ बता दिया था। उन्होंने इस शब्द का उपयोग एक टीवी एकंर को दीवाली की बधाई देने के लिए किया था। एक फैशन कम्पनी ‘फैबइंडिया’ ने भी दीवाली को ‘जश्न-ए-रिवाज‘ बताने की कोशिश की थी।