बाबा रामदेव की कम्पनी ‘पतंजलि’ लम्बे समाय से विवादों में घसीटी जाती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाबा रामदेव की नजदीकियों के कारण वो अक्सर विपक्ष के निशाने पर भी रहते हैं। हालाँकि, कई राज्यों में कॉन्ग्रेस की सरकार होने के बावजूद पतंजलि को ज़मीन मुहैया कराई गई है और निवेश के लिए बुलाया गया है। अब कम्पनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के एक इंटरव्यू को ग़लत तरीके से पेश करते हुए सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो ये कि इस काम में कॉन्ग्रेस पार्टी भी शामिल है। आइए, आपको बताते हैं कि मामला क्या है।
दरअसल, बालकृष्ण ने ‘इकनोमिक टाइम्स’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि पतंजलि अब विदेशी मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ करार के लिए तैयार है। लोगों ने इसका अर्थ ये लगाया कि पतंजलि अब उन्हीं विदेशी एमएमसी के साथ मिल कर कारोबार करेगी, जिनकी बाबा रामदेव शुरू से आलोचना करते रहे हैं। ‘स्वदेशी अपनाओ’ की बात करने वाले बाबा रामदेव को लेकर महिला कॉन्ग्रेस ने कहा कि पतंजलि और भाजपा, दोनों का ही दोहरा रवैया एक ही स्तर पर पहुँच गया है। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रवाद और स्वदेशी की बात करने वाले बाबा रामदेव अब विदेशी एमएनसी के साथ डील कर रहे हैं।
Patanjali group reaches hypocrisy level of @BJP4India
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) November 17, 2019
Patanjali by yoga guru Baba Ramdev made fortunes riding on ‘Swadeshi’ & nationalism.
Now with falling revenues owing to poor quality, they are leaving behind ‘Swadeshi’ and collaborating with MNCs.https://t.co/AUjod5zTHK
वहीं अधिवक्ता नज़मा फातिमा ख़ान ने बाबा रामदेव को ‘पलटू’ बताते हुए कहा कि जिन कंपनियों से बाबा रामदेव लड़ाई करने का दावा करते हैं, अब उन्हीं के साथ करार करेंगे। उन्होंने ‘इंडिया टाइम्स’ के न्यूज़ शेयर किया, जिसमें भ्रामक हेडलाइन के साथ ये चीजें बताई गई थीं।
Patanjali:After Declaring War On Foreign Brands, Ramdev’s Patanjali Now Ready To Do Business With Them ? all are Paltu .#shutdownPatanjalihttps://t.co/iXui7hR0Uo
— Najma Fatma Khan (@najmafkhan) November 17, 2019
अब आइए जानते हैं कि आचार्य बालकृष्ण ने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि वो विदेशी कंपनियों के करार के विरोधी नहीं हैं, जब तक वो पतंजलि के सिद्धांतों के आड़े न आएँ। उन्होंने कहा था कि एमएनसी की तरफ से पतंजली को एक से एक ऑफर आ रहे हैं और उन्हें सिर्फ इसी वजह से नहीं नकारा जा रहा है क्योंकि वो एमएनसी हैं। उनके इस बयान को लोगों ने समझा कि पतंजलि किसी विदेशी कम्पनी या एमएनसी के साथ डील करने जा रही है।
इस सम्बन्ध में बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण दिया। रामदेव ने सपाट शब्दों में कहा कि पतंजलि ने न तो कभी आज तक विदेशी निवेश स्वीकार किए हैं और न कभी भविष्य में ऐसा किया जाएगा। दरअसल, आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि विदेश में पतंजलि के उत्पादों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए स्थानीय कंपनियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका अर्थ ये है कि अगर किसी अन्य देश में पतंजलि को अपने उत्पाद बेचने हैं और वहाँ कम्पनी सक्रिय नहीं है तो वहाँ किसी किसी कम्पनी को प्रोडक्ट बेचने का जिम्मा दे सकती है।
कम्पनी किसी एमएनसी के साथ करार नहीं करने जा रही है। बाबा रामदेव ने आगे कहा कि भारत में बना सामान अगर विदेश में बिकेगा तो इससे स्वदेशी अभियान को ही मजबूती मिलेगी। बाबा रामदेव के समर्थकों ने ट्विटर पर ‘सल्यूट बाबा रामदेव’ ट्रेंड कराया।
पतंजलि ने कभी भी विदेशी निवेश ना कभी लिया है,ना कभी लेंगे.@Ach_Balkrishna जी ने @EconomicTimes के इंटरव्यू में केवल यह कहा है”विदेशों में डिस्ट्रिब्यूशन्स के लिए विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करेंगे” विदेशों में भारत का बना सामान बेचना स्वदेशी को ताकत देना है.
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) November 14, 2019
सोशल मीडिया पर लम्बे समय से पतंजलि के सभी उत्पादों में गोमूत्र होने की बात फैलाई जाती है जबकि जिस भी औषधि या उत्पाद में ये होता है, उस पर साफ़-साफ़ जिक्र कर दिया जाता है। एकाध प्रोडक्ट्स में गोमूत्र होने के कारण ‘हलाल इंडिया’ ने पतंजलि को हलाल सर्टिफिकेट नहीं दिया था। ऑपइंडिया से बात करते हुए भी पतंजलि ने स्पष्ट किया था कि उनके सभी उत्पादों में गोमूत्र नहीं होता।