लॉकडाउन के दौरान गरीब प्रवासी मजदूरों की मदद करने वाले सोनू सूद को लेकर सोशल मीडिया पर हर जगह चर्चा है। ऐसे में यदि कोई इस बात को कहे कि उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान दिया जा रहा है, तो कोई भी बड़ी आसानी से विश्वास कर लेगा। कुछ ऐसा ही कल हुआ। कई न्यूज चैनल ने यह दावा किया कि सोनू सूद को उनकी इंसानियत के नाते किए गए कामों के लिए UNDP ने SDG स्पेशल ह्यूमेनिटेरियन एक्शन अवार्ड से सम्मानित किया है।
अब चूँकि पिछले दिनों हमने कुछ ऐसे मामले देखे, जहाँ व्यक्ति विशेष को सम्मान दी जाने की बातें झूठी निकलीं, मगर सोशल मीडिया पर उन्हें तेजी से शेयर किया गया और मीडिया में बिना प्रमाणिकता जाँचे उन्हें खबर की तरह चलाया गया। इसीलिए ऑपइंडिया ने सोनू सूद को सम्मान दिए जाने की पुष्टि UNDP वेबसाइट और एसडीजी एक्शन कैंपेन अवार्ड वेबसाइट पर जाकर की।
हमने पाया कि उन वेबसाइट्स पर अभी तक इस संबंध में कोई सूचना नहीं है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी किसी के पास इस अवार्ड संबंधी कोई जानकारी नहीं थी। हमें अपनी पड़ताल में पता चला कि SDG एक्शन कैंपेन अवार्ड वेबसाइट के लिए तो अभी तक बस आवेदन दिए जा रहे हैं। इनके बंद होने की अंतिम तिथि 9 अक्टूबर 2020 है। वहीं वेबसाइट पर पिछले साल के विजेताओं की सूची है। इस साल के संबंध में वहाँ कोई लिस्ट नहीं है।
.@UNDP statement on award to Mr. Sonu Sood. pic.twitter.com/DelxHJcjaj
— UNDP India (@UNDP_India) September 29, 2020
सोशल मीडिया पर मचे इस बवाल के बाद UNDP इंडिया ने खुद इस पर अपनी सफाई दी। 12:18 पर उन्होंने एक बयान ट्विटर पर डाला। इस बयान में उन्होंने नेटिजन्स के मन में उठने वाले सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने अपने बयान में बताया कि यह पुरस्कार सोनू सूद को पंजाब सरकार के योजना विभाग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों समन्वय केंद्र के साथ प्रदान किया गया था। इस पर फैसला एक स्वतंत्र जूरी ने लिया था। सिलेक्शन प्रक्रिया में यूएनडीपी शामिल नहीं थी।
यहाँ बता दें कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सोनू सूद ने मुश्किल समय आने पर कई लोगों की मदद की और उन्हें उनके गृह राज्य पहुँचाया। आज उन्हें उनके उन कार्य के लिए सहारा जाना चाहिए। मगर, यह भी सच है कि सोनू सूद को उनके अच्छे कामों के लिए UNDP से अवार्ड नहीं मिला है।