युवाओं में देशभक्ति और अनुशासन का भाव भरने के मकसद से केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा व प्रदर्शन जारी है। इस विरोध के हिंसक स्वरूप लेने के बाद असामाजिक तत्वों ने रेलवे और सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुँचाया है। इससे न सिर्फ करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ बल्कि आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट की भी घटनाएँ सामने आई हैं।
लूट ली विक्रमशिला एक्सप्रेस
बिहार के लखीसराय में पुलिस ने पंजाबी मोहल्ला और संतर मोहल्ला में छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान हिंसक उपद्रवियों द्वारा जलाई गई विक्रमशिला एक्सप्रेस से लूटे गए सामान बरामद किए गए। बरामद माल का मूल्य लाखों में है। इनमें मिक्सिंग मशीन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेडियो और हीटर आदि शामिल हैं। पुलिस ने लूट में शामिल 2 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है। इन आरोपितों की पहचान स्टेशन पर लगे CCTV कैमरों से हुई थी। पुलिस के मुताबिक अभी छापेमारी जारी है।
9 राज्यों में विरोध
बिहार से शुरू हुआ अग्निपथ योजना का विरोध धीरे-धीरे 9 राज्यों में फ़ैल गया। इसमें UP, बिहार, हरियाणा, केरल, तेलंगाना, असम, उड़ीसा, बंगाल और कर्नाटक शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में बलिया और अलीगढ़ जिले मुख्य रूप से हिंसा से प्रभावित हुए। हालाँकि कुल 13 जिलों में विरोध-प्रदर्शन आदि के मामले दर्ज हुए हैं। पूरे प्रदेश में कुल 6 FIR दर्ज करके अब तक लगभग 260 आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। फुटेज आदि में दिख रहे अन्य आरोपितों की पुलिस लगातार तलाश कर रही है।
वहीं हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित बिहार में अब तक 138 FIR दर्ज हुई है। इसके तहत कुल 718 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अन्य आरोपितों की तलाश में छापेमारी लगातार चल रही है। बिहार पुलिस के ADG कानून व्यवस्था संजय कुमार के मुताबिक हिंसक प्रदर्शनों में छात्रों की संख्या बेहद कम थी, ज्यादातर राजनैतिक दलों के लोग शामिल पाए जा रहे हैं।
अग्निपथ योजना के विरोध में हरियाणा के पलवल और फरीदाबाद जिलों में विरोध का व्यापक असर दिखा। इसी के साथ गुरुग्राम, रेवाड़ी और रोहतक में भी विरोध हुआ। जींद-भटिंडा रेल मार्ग को रोका गया। प्रदेश में 56 से अधिक आंदोलनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वीडियो फुटेज के आधार पर हजारों अज्ञात आरोपितों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
तेलंगाना के सिकंदराबाद में जब विरोध ने हिंसक रूप लिया, तब पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस फायरिंग में दामोदर नाम के एक युवक की जान चली गई। उड़ीसा, बंगाल और असम में ट्रेनों को रोका गया। इसके चलते कई ट्रेनों का आंशिक संचालन प्रभावित रहा। केरल के कोझिकोड में अग्निपथ के विरोध में रैली निकाली गई। कर्नाटक के धारवाड़ में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
सबसे अधिक नुकसान रेलवे को
अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों की हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को हुआ है। एहतियात के तौर पर 350 से अधिक रेलगाड़ियों को निरस्त कर दिया गया है। इसमें 210 ट्रेनें एक्सप्रेस/मेल थीं और 159 लोकल पैसेंजर। रेलवे स्टेशनों पर भी तोड़फोड़ हुई है। उत्तर प्रदेश के बलिया में इसकी FIR दर्ज हुई है। इसी के साथ UP और बिहार में राज्य परिवहन निगम की बसों को भी निशाना बनाया गया है।
एक आँकड़े के मुताबिक हिंसक प्रदर्शन में अब तक अलग-अलग ट्रेनों के 60 डिब्बों और 11 इंजनों को जलाया गया है। स्टेशनो में लगे स्टॉल में भी तोड़फोड़ की घटनाएँ सामने आईं हैं। रेलवे को अब तक कुल लगभग 700 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।