कई वामपंथी अजेंडाबाज़ और पत्रकारों का समुदाय विशेष पुलवामा आतंकी हमले के बाद नए नैरेटिव लाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहा है जहाँ ऐसा लगे कि ये लड़ाई कश्मीरी बनाम भारतीय है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। किसी भी कश्मीरी छात्र को कहीं भी पीटा नहीं गया। बरखा दत्त ने इसे ‘कश्मीरी टेरर अटैक’ तक कह दिया। कई मीडिया वाले आतंकियों के ‘मानवीय’ चेहरे को दिखाना चाह रहे हैं।
जानिए सच क्या है वीडियो में: