उत्तर प्रदेश के मेरठ में मुस्लिम समुदाय की गुंडागर्दी के चलते प्रह्लाद नगर में बहुसंख्यक वर्ग के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। यहाँ से हिंदू परिवार पलायन करने को मजबूर हैं। दहशत की वजह से बहुसंख्यक समुदाय अपना मकान बेचकर वहाँ से पलायन करने को विवश हैं। यहाँ पर लगभग हर घर और दुकान के बाहर बिकाऊ होने का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन पुलिस प्रशासन को मुस्लिमों से परेशान हिंदू परिवारों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। प्रशासन का कहना है कि हिंदू भय की वजह से पलायन नहीं कर रहे हैं।
ADG #Meerut:Dist officials conducted an inspection,migration of people from Prahlad Nagar not due to fear.There are traffic,pollution&eve-teasing related problems in the area.Police-picket has been established & CCTV cameras are being installed in the area. Probe to be conducted. pic.twitter.com/fdi6cAnzgF
— ANI UP (@ANINewsUP) June 27, 2019
मेरठ के एडीजी ने कहा कि जिला अधिकारियों ने इलाके में निरीक्षण किया है। प्रह्लाद नगर से लोगों का पलायन डर के कारण नहीं हुआ है। इलाके में ट्रैफिक, प्रदूषण और छेड़छाड़ की समस्याएँ हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ पर पुलिस-पिकेट स्थापित किया गया और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एडीजी का कहना है कि मामले की जाँच की जा रही है। हालाँकि एडीजी साहब यह नहीं समझा पाए कि छेड़छाड़ की घटना से डर का माहौल बनता है या नहीं!
प्रह्लाद नगर इलाके में हिंदू परिवारों के पलायन की बात अधिकारियों द्वारा खारिज किए जाने का भाजपा नेताओं ने सख्त विरोध किया। शुक्रवार (जून 28, 2019) को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रमुख सचिव गृह, एडीजी मेरठ, कमिश्नर, डीएम और एसएसपी को पत्र लिखकर उनके द्वारा किए गए दावों पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक संप्रदाय विशेष के असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़छाड़ और बाइक स्टंट करके खौफ का वातावरण बनाया जाता है। विरोध करने पर मारपीट होती है। वाजपेयी का आरोप है कि प्रहलाद नगर ही नहीं, मेरठ के चार थाना क्षेत्र- शहर के कोतवाली, देहलीगेट, लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाना क्षेत्र के करीब 30 मोहल्लों से मुस्लिम संप्रदाय से डर कर हिंदू आबादी अपना मकान बेचकर जा चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, मेरठ का माहौल इन दिनों ऐसा बना हुआ है कि सूरज निकलने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के युवा बाइक पर तेज हॉर्न के साथ स्पीड से निकलते हैं और युवतियों पर कमेंट करते हैं, उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं। ये यहाँ का दिनचर्या बन चुका है। इसी से परेशान होकर हिंदू आबादी अपने उस घर को बेचकर जाने को विवश हो गए हैं, जहाँ वो वर्षों से रह रहे थे।
दरअसल, प्रहलाद नगर कॉलोनी तीन तरफ से मुस्लिम समुदाय से घिरी हुई है। यहाँ पर देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से 1947 से 1950 के बीच आए शरणार्थी रहते हैं। इस कॉलोनी के पीछे मोहल्ला इस्लामाबाद है, जिसकी मुख्य निकास हापुड़ रोड पर है। इन दोनों मोहल्लों के बीच 4 से 5 फुट की एक गली है। इसी गली से मुस्लिम समुदाय के लोग आकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बदतमीजी करते हैं। विरोध करने पर मारपीट की जाती है और गोलियाँ भी चलाई जाती है। कॉलोनी के लोग इस विवादित गली पर गेट लगाने की माँग कर रहे हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोग गेट का विरोध कर रहे हैं। अब तक यहाँ से 200 हिंदू परिवारों के पलायन की खबर है।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रह्लाद नगर से 125 परिवारों के पलायन की ख़बरें सामने आई थी। लोगों ने साफ-साफ कहा था कि एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा ऐसी परिस्थितियाँ पैदा की गईं कि वे पलायन को मजबूर हुए। मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँची। बूथ अध्यक्ष महेश मेहता ने नमो ऐप पर शिकायत की थी। जिसके बाद पीएमओ की तरफ से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय को उचित क़दम उठाने को कहा गया।