राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मंगलावर (12 अप्रैल, 2022) को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 824 रिक्त पदों पर स्पष्टीकरण माँगा। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे पत्र में शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने कहा है कि अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के नेतृत्व में एक टीम ने राष्ट्रीय राजधानी के कई स्कूलों का दौरा किया और बुनियादी ढाँचे एवं अन्य पहलुओं के संबंध में खामियाँ पाईं। इसमें आगे कहा गया है कि टीम ने जिन स्कूलों का दौरा किया, उनमें से अधिकतर स्कूलों में स्कूल के प्रमुख (HoS) नहीं थे। यह पद खाली था।
NCPCR says only 203 out of 1,027 govt schools in Delhi have a headmaster or principal; seeks explanation
— Press Trust of India (@PTI_News) April 12, 2022
NCPCR ने उल्लेख किया कि NCT सरकार के शिक्षा विभाग के तहत कुल 1027 स्कूल आते हैं। इनमें से केवल 203 में हेड मास्टर या कार्यवाहक हेड मास्टर हैं। इसमें आगे लिखा गया है, “स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सकारात्मक सीखने का माहौल सुनिश्चित करने और समावेशी संस्कृति को विकसित करने में एक हेड मास्टर या प्रिंसिपल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हेड मास्टर या प्रिंसिपल की अनुपस्थिति का बच्चों की सुरक्षा और सलामती पर असर पड़ता है।”
NCPCR says 203 out of 1027 govt schools in Delhi functioning without a head, seeks explanation https://t.co/XMGQu57yGa
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) April 12, 2022
पत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 का हवाला देते हुए कहा गया है कि जिन स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों की संख्या 100 से ऊपर है, वहाँ स्कूल में पूर्णकालिक प्रिंसिपल होना चाहिए। NCPCR ने मुख्य सचिव से ऐसे पदों की रिक्तियों और शिक्षा विभाग द्वारा 19 अप्रैल तक की गई कार्रवाई के बारे में तथ्यात्मक स्थिति शेयर करने के लिए कहा है।
NCPCR ने दिल्ली के स्कूल में स्वच्छता और सुरक्षा का उठाया मुद्दा
मुख्य सचिव को लिखे एक अन्य पत्र में, NCPCR ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने सर्वोदय कन्या विद्यालय, सब्जी मंडी, तिमारपुर, दिल्ली का दौरा किया। यहाँ उन्हें स्कूल की बिल्डिंग में स्वच्छता संबंधी कई समस्याएँ दिखी। शीर्ष निकाय ने कहा कि इस तरह की चीजों से स्कूल में गंभीर दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।
पत्र में कहा गया है, “मामले की गंभीरता को देखते हुए आपके कार्यालय से अनुरोध है कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए और इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट इस पत्र की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर आयोग के साथ शेयर की जाए।”
भाजपा नेताओं ने दिल्ली के स्कूलों की कमियों को किया उजागर
सांसद मनोज तिवारी अकेले भाजपा नेता नहीं हैं, जिन्होंने हाल ही में दिल्ली के स्कूलों में कमियों को उजागर किया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुजरात के स्कूलों पर निशाना साधा था। AAP नेताओं के हमले के बाद दिल्ली के भाजपा नेताओं ने हाल के दिनों में कई स्कूलों का दौरा किया और छात्रों एवं शिक्षकों की समस्याओं के बारे में बताते हुए वीडियो शेयर किया।