फेसबुक के अधिकारी अगर खुलेआम अपनी जहरीली मानसिकता प्रदर्शित करने लगें तो आप उन्हें क्या कहेंगे? भारत में फेसबुक के अधिकारी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। वे न सिर्फ़ अपना राजनीतिक झुकाव प्रदर्शित कर रहे, बल्कि अपना हिंदुत्व-विरोधी चेहरा भी दिखा रहे हैं। कुछ ऐसा ही किया है राहुल फर्नांडिस ने। राहुल फेसबुक में न्यूज़ फीड और ‘स्टोरीज इंटीग्रिटी’ का काम देखते हैं। इसका मतलब हुआ कि फेसबुक पर कौन सी स्टोरी जानी चाहिए और कौन सी हटनी चाहिए, ये तय करने का अधिकार कम्पनी ने उन्हें दिया हुआ है। फेसबुक पर कौन सी ख़बर आपको दिखेगी और कौन सी नहीं, उसे छानने का काम उनके जिम्मे है।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी शुक्रवार (नवंबर 8, 2019) को 92 वर्ष के हो गए। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके आवास पर पहुँच कर उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएँ दी। जहाँ पक्ष-विपक्ष के कई नेताओं ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री की लम्बी उम्र की कामना की, फेसबुक के अधिकारी राहुल फर्नांडिस उनके मरने की कामना कर रहे थे। आप ख़ुद उनका ये ट्वीट देख लीजिए, जिसे उन्होंने डिलीट कर दिया है:
जैसा कि आप उपर्युक्त ट्वीट में देख सकते हैं, राहुल फर्नांडिस ने लिखा कि ट्विटर पर लालकृष्ण आडवाणी को ट्रेंड करते देख कर वो ख़ुशी मनाने वाले थे, लेकिन तभी उन्हें पता चला कि वो तो अपने जन्मदिन की वजह से ट्रेंड हो रहे हैं। इसके बाद राहुल को निराशा हाथ लगी। वो चाहते थे कि आडवाणी किसी बुरे कारण से ट्रेंड हो रहे हों या फिर उनके साथ कुछ बुरा हुआ हो, ताकि राहुल फर्नांडिस खुशियाँ मना सकें। भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को लेकर घृणास्पद ट्वीट करने को लेकर राहुल लोगों के निशाने पर आए।
क्या यह व्यक्ति फेसबुक पर ऐसी ख़बरों को ही ज्यादा प्रचारित नहीं करता होगा, जिसमें भाजपा, हिंदुत्व और मोदी या आडवाणी जैसी शख्सियतों के प्रति घृणा प्रदर्शित की गई हो? प्रोपगेंडा फैलाया गया हो? क्या ये व्यक्ति ऐसी ख़बरों की रीच नहीं घटा देता होगा जिसमें मोदी अथवा भाजपा या फिर हिंदुत्व को लेकर सकारात्मक बातें की गई हों? ऐसा इसीलिए, ताकि ज्यादा लोगों तक इन चीजों लेकर नकारात्मकता पहुँचे, कुछ अच्छा नहीं। आप इस आदमी का ट्विटर प्रोफाइल यहाँ देख सकते हैं:
राहुल फर्नांडिस के लिए यह नया नहीं है। वह इससे पहले भी कई घृणास्पद ट्वीट कर चुका है। उसने नरेंद्र मोदी और आडवाणी की रथयात्रा की एक फोटो शेयर करते हुए पूछा था कि जब आडवाणी पर केस चल रहे हैं तो फिर मोदी पर क्यों नहीं?
The most important question of the day. #BabriMasjid #Advani https://t.co/HIYQqsyFd7
— Rahul Fernandes (@newspaperwallah) April 19, 2017
फेसबुक ने जब अपनी कम्पनी में ही राहुल फर्नांडिस जैसे घृणा फैलाने वाले लोग भर रखे हैं तो फिर उनसे न्यूट्रैलिटी की उम्मीद ही कैसे की जा सकती है? एक ऐसा अधिकारी, जो भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री के लिए अशुभ बातें करता हो।