जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद आज गुरुवार (जुलाई 8, 2019) को श्रीनगर पहुँचे लेकिन उन्हें अगली ही फ्लाइट से वापस भेज दिया गया। बता दें कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त करने के विरोध में आजाद काफ़ी मुखर रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भाषण देते हुए उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और मीडिया से बात करते हुए सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था। एनएसए अजीत डोभाल द्वारा कश्मीरियों से संवाद करने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें रुपए दिए गए।
गुलाम नबी आजाद के साथ जम्मू कश्मीर कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे। दोनों ही नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। जम्मू कश्मीर के 100 से अधिक नेता व अलगाववादी पहले से ही नजरबन्द किए जा चुके हैं ताकि जनता को भड़काने की कोई भी कोशिश सफल न हो सके। आशंका जताई गई है कि गुलाम नबी आजाद के पहुँचने के बाद विपक्षी नेता जनता को उकसा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।
गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के इस दावे का भी खंडन किया है कि जम्मू कश्मीर में माहौल शांतिपूर्ण है। सरकार सुरक्षा को लेकर काफ़ी गंभीर है और जनता को विरोध प्रदर्शन करने के लिए उकसाने की हर एक सम्भावना पर विराम लगाने के लिए सुरक्षा बल भी चुस्त-दुरुस्त हैं। ऐसे में देखना होगा कि वापस दिल्ली लौटने पर गुलाम नबी आजाद की क्या प्रतिक्रिया रहती है?
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद अगली ही फ्लाइट से वापस भेजा गया. #JammuKashmir pic.twitter.com/Ebmy5gmuDK
— TV9 भारतवर्ष (@TV9Bharatvarsh) August 8, 2019
ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित के कई बड़े नेता अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। महाराजा हरि सिंह के पूर्व व कॉन्ग्रेस नेता कर्ण सिंह ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। जम्मू कश्मीर के सदर-ए-रियासत रह चुके कर्ण सिंह राज्य के प्रथम राज्यपाल भी रह चुके हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई अहम विभाग संभाल चुके सिंह का बयान के लिए एक और झटका है।