प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को 9 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने सोमवार (29 मई, 2022) को करीब छह घंटे तक चली पूछताछ के बाद जैन को गिरफ्तार कर लिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए सत्येंद्र जैन से हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
बता दें कि ईडी की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) के 2017 के एक मामले पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ‘आप’ नेता और उनकी पत्नी पूनम जैन ने फरवरी 2015 और मई 2017 के बीच ₹1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। यह उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के दोगुने से भी अधिक थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में जाँच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे।
हालाँकि, यह एकलौता मामला नहीं है जब केजरीवाल के आम आदमी पार्टी के किसी नेता पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हों या जेल भेजा गया हो। सत्येंद्र जैन, अमानतुल्लाह खान, ताहिर हुसैन, सोमनाथ भारती से लेकर ऐसे 9 नेताओं का जिक्र हम यहाँ कर रहे हैं जो विभिन्न मामलों में या तो आरोपित हैं या जेल की हवा खा चुके हैं।
पंजाब के स्वास्थ मंत्री विजय सिंघला
हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे जिसे देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बर्खास्त करते हुए, पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश भी दिया था। वहीं बर्खास्तगी के बाद एंटी करप्शन ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया था।
बता दें कि सीएम भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की कार्रवाई भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद की थी। मामले में कहा जाता है कि स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंघला पर ठेके में कमीशन लेने का आरोप था। आरोप के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री अधिकारियों से ठेके पर एक पर्सेंट कमीशन की माँग कर रहे थे। बता दें कि इस मामले में मान ने दावा किया कि सिंगला ने गलत काम करने की बात स्वीकार कर ली है।
पंजाब में AAP के विधायक जसवंत सिंह
पंजाब में आप के विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा भी हाल ही में बैंक कर्ज घोटाले में फँसे हैं। विधायक बनने के बाद एक रुपए वेतन लेने का दावा करने वाले जसवंत सिंह के मालेरकोटला स्थित पैतृक घर सहित तीन स्थानों पर केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई) ने 40 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापे मारे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने छापों के दौरान 94 खाली चेक जब्त की थी। इन पर अलग अलग लोगों के दस्तखत थे और आधार कार्ड भी संलग्न थे। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया था कि अधिकारियों ने 16.57 लाख रुपए की नकदी जब्त की थी। इसके आवा 88 विदेशी मुद्रा के नोट, कुछ संपत्तियों के कागज, कई बैंक खाते और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। बता दें कि सीबीआई ने आप विधायक जसवंत सिंह के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया की लुधियाना शाखा की शिकायत पर मलेरकोटला के गौंसपुरा स्थित तारा कॉरपोरेशन लिमिटेड व अन्य पर मामला दर्ज कर जाँच की शुरुआत की है।
पटियाला ग्रामीण से आप विधायक बलबीर सिंह
वहीं पंजाब की पटियाला ग्रामीण विधानसभा सीट से आप के विधायक डॉक्टर बलबीर सिंह को आपराधिक मामले में हाल ही में तीन साल की सजा सुनाई गई है। बलबीर सिंह के अलावा इसी मामले में उनकी पत्नी, बेटे और एक अन्य को भी तीन साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा कोर्ट ने सभी दोषियों पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर बलबीर सिंह के खिलाफ 13 जून 2011 को अपनी पत्नी की बहन की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। रुपिंदर कौर और उनके पति मेवा सिंह ने बलबीर सिंह पर मारपीट के आरोप लगाए थे। इस मामले में मेवा सिंह का आरोप था कि बलबीर ने उन पर तब हमला किया जब वो चमकौर साहिब में अपने खेतों में फसल की बुआई कर रहे थे।
वहीं अब अब तीन साल की सजा होने के बाद डॉक्टर बलबीर सिंह पर पंजाब में विधायकी खोने का खतरा भी मंडरा रहा है। नियम के मुताबिक किसी भी जन प्रतिनिधि को आपराधिक मामलों में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है। ऐसे में अगर बलबीर सिंह को सदस्यता गँवानी पड़ती है तो यह भगवंत मान की सरकार के लिए भी झटका होगा।
अमानतुल्लाह खान
दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को भी हाल ही में सरकारी काम में दखल और लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। लेकिन गिरफ्तार करने के एक दिन बाद ही शुक्रवार (13 मई 2022) को दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें बैड केरेक्टर और आदतन अपराधी घोषित कर दिया है।
बता दें कि जमीनों पर कब्जे और मारपीट के 18 केसों में आरोपित आप विधायक के खिलाफ 28 मार्च को ही जामिया नगर थाने के एसएचओ बंच-A का बैड कैरेक्टर घोषित करने को लेकर प्रस्ताव डीसीपी को भेजा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने इसे स्वीकार भी कर लिया है। इसी के साथ अब से अमानतुल्लाह खान हिस्ट्रीशीटर अपराधी हो गए हैं। इससे पहले उन्हें गुरुवार को ही सरकारी काम में रुकावट डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस की इस कार्रवाई से पहले अमानतुल्लाह खान के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था। इसमें लिखा गया था कि भाजपा के बुलडोजरतंत्र का विरोध कर रही जनता के खिलाफ दिल्ली पुलिस का एक्शन असंवैधानिक है।
AAP की निगम पार्षद गीता रावत
फरवरी, 2022 के महीने में यह मामला आया था। जब मकान की छत बनाने देने के बदले ₹20000 की रिश्वत ले रही पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने उसके एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। सीबीआई के मुताबिक पूर्वी दिल्ली की वार्ड संख्या दस ई की निगम पार्षद गीता रावत का सहयोगी बिलाल उसके ऑफिस के पास ही मूँगफली बेचने का काम करता था।
सीबीआई के मुताबिक शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उसे अपने मकान के ऊपर छत बनवानी थी। इस मामले में आरोप लगाया गया था कि इस छत को डालने देने के बदले निगम पार्षद गीता रावत ने 20000 रुपए की रिश्वत माँगी थी। आरोप यह भी था कि शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की रकम न दिए जाने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी।
AAP की पूर्व पार्षद निशा सिंह
इसी साल अप्रैल के महीने में गुरुग्राम में आम आदमी पार्टी की एक पूर्व महिला पार्षद निशा सिंह को अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। निशा पर 2015 में भीड़ को भड़काने का आरोप है, जिसने पुलिस और अतिक्रमण हटाने गई हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की टीम पर हमला कर दिया था। इस मामले में निशा सिंह समेत 17 लोगों को सजा सुनाई गई थी।
गुरुग्राम की एक अदालत ने ‘आप’ की एक पूर्व महिला पार्षद सहित 17 लोगों को 2015 में अतिक्रमण हटाने गई एक टीम पर हमला और पथराव करने के लिए अदालत ने सात से 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में कुल 19 लोग आरोपित थे।
गौरतलब है कि 15 मई 2015 की घटना में, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की टीम पर सेक्टर-47 झिमर बस्ती में हमला करने के अलावा पुलिस टीमों पर पेट्रोल बम और रसोई गैस सिलेंडर भी फेंके गए थे, जिसमें ड्यूटी पर मौजूद एक मजिस्ट्रेट और 15 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
सोमनाथ भारती
केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री नेता सोमनाथ भारती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ जनवरी 2021 में अमेठी में दर्ज मामले की रिपोर्ट पुलिस ने कोर्ट को भेंजी है, जिसमें पूर्व मंत्री के खिलाफ मानहानि और ठेस पहुँचाने की धारा लगाई गई है। जिसके बाद केस में सुलतानपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है। वहीं अब इस केस की अगली सुनवाई 14 जून को होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2021 में पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती द्वारा दिया गया बयान अब उनके लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है। जिसमें पूर्व मंत्री ने कहा था कि हम यूपी के स्कूलों और अस्पतालों को देख रहे हैं। अस्पताल में जो बच्चे पैदा हो रहे हैं वो कुत्ते के बच्चे हैं। जिसके बाद जगदीशपुर थाना में हरपालपुर के शोभनाथ साहू ने केस दर्ज कराया था।
वहीं पुलिस ने इस केस में धारा 505 /153ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी। ये बयान देने के दूसरे दिन ही जब पूर्व मंत्री रायबरेली गए तब उन्हें रायबरेली के गेस्ट हाउस में ही बैठक से निकलने के बाद अमेठी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
बता दें कि यह एकलौता मामला नहीं है। 2013 में आम आदमी पार्टी से दिल्ली के मालवीय नगर सीट से विधायक चुने गए सोमनाथ भारती पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। जहाँ चुनाव जीतने के बाद सोमनाथ को कानून, पर्यटन, प्रशासनिक सुधार जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली थी। वहीं, 2014 में विभिन्न विवादों के चलते भारती को इस्तीफा देना पड़ा था। उसी दौरान उनकी पत्नी ने भी सोमनाथ भारती पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इसके अलावा एम्स में कर्मचारियों से मारपीट का भी आरोप लगा था। ये मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है।
ताहिर हुसैन
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के मामले में निचली अदालत ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और पाँच अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और दंगा भड़काने की धाराओं समेत अन्य धाराओं में आरोप तय कर दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दंगे के दो मामलों में मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन समेत 13 आरोपितों पर दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक शत्रुता और अफवाह फैलाने के आरोप को लेकर दायर पूरक आरोपपत्र पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है।
वहीं ताहिर हुसैन समेत अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि शुरूआती तौर पर ऐसा लगता है कि ताहिर हुसैन ना सिर्फ दंगा भड़काने की साजिश रचने में शामिल थे बल्कि उसके साथ ही दंगा करवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी। ताहिर हुसैन ने दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला करने के लिए पूरी साजिश रची थी और इसके लिए ताहिर हुसैन के घर पर पत्थरों समेत अन्य हथियारों का इंतजाम किया गया था।