लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में एक बार फिर से लोगों में तृणमूल कॉन्ग्रेस और बंगाल सरकार के प्रति गुस्सा देखा गया। इस बार बीरभूम के रौताड़ा गाँव में तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद व टीएमसी की प्रत्याशी सताब्दी रॉय से जनता ने अपनी शिकायत की। उन्हें बताया गया कि बंगाल सरकार अपनी योजनाओं का लाभ उन लोगों को देती है जिनकी बीवियाँ सुंदर होती हैं।
मामला 6 अप्रैल 2024 का है। सताब्दी रॉय गाँव में अपने चुनावी प्रचार के लिए गईं थीं, तभी लोग उन्हें घेर वहाँ खड़े हो गए। इस दौरान एक शेख सैफुल नाम के शख्स ने उनसे कहा, “जिनकी बीवियाँ सुंदर होती हैं सिर्फ उन्हें ही सरकारी योजनाओं के तहत पैसा मिलता है। जिनकी बीवियाँ सुंदर नहीं होतीं उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता। मुझे ये बात साफ कही गई है।”
इस शिकायत की वीडियो मीडिया में आने के बाद भाजपा ने यह मुद्दा उठाया। भाजपा प्रवक्ता ध्रुव साहा ने ममता बनर्जी पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “टीएमसी सिर्फ लोगों का दिमाग असलियत से भटकाना चाहती हैं। ये सच है कि बंगाल का हर गाँव अब संदेशखाली बन रहा है।”
बता दें कि टीएमसी ने इस मुद्दे को हल्के में लेने का प्रयास किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वो लोग ये कह रहे हैं घर में सुंदर पत्नी नहीं हो सकती? वो क्या कहना चाहते हैं कि बदसूरत पत्नी वालों को सरकार कोई फायदा नहीं देगी? रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, “चाहे सुंदर हो या बदसूरत सरकार की स्कीम के तहत पैसे का फायदा सबको मिलेगा लेकिन हमें देखना पड़ता है कि कहीं पैसों का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा। हम 100 फीसद नहीं कह सकते हैं कि हर जगह अच्छा काम ही हो रहा है।”
गौरतलब है कि ये केस संदेशखाली का मामला उजागर होने के बाद सामने आया है। शुरू में जैसे संदेशखाली का मुद्दा दबाने का प्रयास हुआ वैसे ही शेख सैफुल की कही बात भी दबाने की कोशिश हो रही है, लेकिन सैफुल शेख समेत अन्य लोगों की शिकायतों की वीडियो अब वायरल है। दावे में कितनी सच्चाई है ये तो नहीं पता, मगर पिछले दिनों जिस प्रकार की घटनाएँ बंगाल से सामने आई हैं वो ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि वहाँ आखिर लोकल जनता के साथ हो क्या रहा है। संदेशखाली वाले मामले में भी स्थानीयों ने आरोप लगाए थे कि सुंदर महिलाओं को बुलाकर टीएमसी के गुंडे साथ ले जाते हैं।