इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मोंटी पनेसर ने पाकिस्तान द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘कश्मीर प्रीमियर लीग’ में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया है। ‘भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)’ की आपत्ति के बाद उन्होंने ये फैसला लिया। BCCI ने पहले ही दुनिया के सभी क्रिकेट बोर्ड्स को आगाह कर रखा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में होने वाले KPL में खेलने वाले खिलाड़ियों का भारत में उनका दाना-पानी बंद कर दिया जाएगा।
मोंटी पनेसर ने बयान जारी करते हुए खा, “कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण मैंने KPL में न खेलने का निर्णय लिया है। मैं इन सबके बीच नहीं पड़ना चाहता। ये मुझे असहज कर देगा।” ‘रिपब्लिक भारत’ से बात करते हुए मोंटी पनेसर ने अन्य खिलाड़ियों को भी चेताया कि KPL में हिस्सा लेने से पहले उन्हें इसके गंभीर परिणामों के बारे में सोचना चाहिए, जो उन्हें भुगतने पड़ सकते हैं।
इंग्लैंड के बाएँ हाथ के पूर्व ऑर्थोडॉक्स स्पिनर ने कहा कि उन्होंने स्पोर्ट्स मीडिया में अभी अपना करियर शुरू ही किया है और वो अभी इस तरह के रिस्क नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि वो KPL में खेल कर फिर से मैदान पर उतरना चाहते थे, लेकिन उन्हें बताया गया है कि BCCI ने ऐसा करने पर खिलाड़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स मीडिया में उन्होंने काम शुरू किया है और वो भारत में भी काम करना चाहते हैं।
#EXCLUSIVE | The reason I decided to not participate in the PKL is that because I was clearly advised by the ECB that there could be future consequences. India is one of the places I want to work in: @MontyPanesar
— Republic (@republic) August 2, 2021
Tune in to watch the interview here – https://t.co/jghcajZuXf pic.twitter.com/BLAzN2YFZ5
मोंटी पनेसर ने कहा कि वो क्रिकेट और राजनीति के बीच में नहीं आना चाहते, इसीलिए उन्हें लगता है कि ‘कश्मीर प्रीमियर लीग’ में खेलने में उनकी भलाई नहीं है। मोंटी पनेसर धीरे-धीरे खेल कर क्रिकेट मैदान पर फिर से वापसी करना चाहते थे। उन्होंने कहा, “हर कोई कमबैक करना चाहता है। लेकिन, मुझे भारत में कोचिंग और कमेंट्री करनी है, इसीलिए KPL में खेलने पर भारत मुझे काम नहीं देगा।”
उन्होंने बताया कि ‘इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB)’ से भी उन्हें यही सलाह मिली है। बता दें कि पाकिस्तान ने दिसंबर 2020 में KPL का ऐलान किया था। इसके जरिए वो कश्मीर मुद्दे को एक अलग तरीके से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहता है। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में होने वाले इस लीग को लेकर BCCI सख्त है। पूरा जम्मू कश्मीर भारत के अहम हिस्सा है। इसकी एक टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी हैं।
मोंटी पनेसर का विवादों से नाता कोई नया नहीं है। उन्होंने जून 2019 में खालिस्तान का समर्थन कर भारत में अलगाववाद को बढ़ावा दिया था। मोंटी पनेसर ने तब ट्विटर पर लिखा था, “जून 1, 1984 को जो घटनाएँ हुईं, वो अभी भी हमारे समाज के दिलोंदिमाग में मौजूद हैं। ट्राफलगर स्क्वायर (वेस्टमिनिस्टर, सेन्ट्रल लंदन) में आप देख सकते हैं कि हम खालिस्तान के लिए कितने बेचैन हैं। क्या पंजाब के लोग खालिस्तान चाहते हैं?”
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज हर्शल गिब्स ने एक ट्वीट कर के दावा किया था कि BCCI कश्मीर प्रीमियर लीग में खेलने पर ‘गैर-ज़रूरी रूप से’ पाकिस्तान के साथ राजनीतिक एजेंडे को आगे रखते हुए खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा रहा है। BCCI ने भी कहा है कि देशहित को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। BCCI के एक अधिकारी ने कहा कि आज तक बोर्ड ने ‘पाकिस्तान प्रीमियर लीग (PSL)’ में किसी खिलाड़ी के खेलने पर आपत्ति नहीं जताई, लेकिन ये मामला POK का है।