Saturday, July 27, 2024
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नस्लवादी कमेंट पर बैन, भारत विरोध पर नो एक्शन: खालिस्तान समर्थक मोंटी पनेसर पर ECB को नेटिजन्स ने घेरा

"जून 1, 1984 को जो घटनाएँ हुईं, वो अभी भी हमारे समाज के दिलोंदिमाग में मौजूद हैं। ट्राफलगर स्क्वायर (वेस्टमिनिस्टर, सेन्ट्रल लंदन) में आप देख सकते हैं कि हम खालिस्तान के लिए कितने बेचैन हैं। क्या पंजाब के लोग खालिस्तान चाहते हैं?"

इंग्लैंड की क्रिकेट अथॉरिटी ECB ने पुराने ट्वीट्स वायरल होने के बाद बॉलर ओली रॉबिन्सन को को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उनके 2012-13 के कुछ ट्वीट्स वायरल हुए थे, जिन्हें आपत्तिजनक बताया गया था। इसके बाद एक जाँच कमिटी ने उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी पाया। वहीं अब लोग खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख कट्टरवादी मोंटी पनेसर के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे है।

बता दें कि पूर्व क्रिकेटर मोंटी पनेसर ने भी जून 2019 में खालिस्तान का समर्थन कर भारत में अलगाववाद को बढ़ावा दिया था। मोंटी पनेसर ने तब ट्विटर पर लिखा था, “जून 1, 1984 को जो घटनाएँ हुईं, वो अभी भी हमारे समाज के दिलोंदिमाग में मौजूद हैं। ट्राफलगर स्क्वायर (वेस्टमिनिस्टर, सेन्ट्रल लंदन) में आप देख सकते हैं कि हम खालिस्तान के लिए कितने बेचैन हैं। क्या पंजाब के लोग खालिस्तान चाहते हैं?”

उन्होंने लिखा था कि हम 1984 को कभी नहीं भूल सकते। साथ ही मोंटी पनेसर ने तीन अन्य सिखों के साथ अपनी तस्वीर भी शेयर की थी, जिसमें वो अपनी आत्मकथा पुस्तक लिए हुए भी दिख रहे हैं। लोगों ने पूछा है कि क्या मोंटी पनेसर को उस वक़्त सस्पेंड किया गया या फिर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? भारत में अलगाववाद को बढ़ावा देकर सिख कट्टरवाद को बढ़ावा देने वाले पनेसर ने 2013-14 में अपना अंतिम मैच खेला था।

ओली रॉबिंसन के पुराने ट्वीट्स, जिन्हें लेकर हुआ विवाद

हालाँकि, उन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा नहीं की है। बता दें कि ओली रॉबिन्सन ने अपनी ट्वीट्स में एशियन लोगों को लेकर नस्लवादी टिप्पणी की थी। साथ ही उन्होंने लिखा था कि वीडियो गेम्स खेलने वाली लड़कियाँ ज्यादा सेक्स करती हैं और वीडियो गेम्स खेलने वाली लड़कियों के मुकाबले उनका रिलेशनशिप अच्छा चलता है। साथ ही उन्होंने बम को अपना नया ‘मुस्लिम दोस्त’ बताया था।

इधर ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी पर खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन करने की वजह से पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह निशाने पर हैं। उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भिंडरावाले के पोस्टर और खालिस्तानी झंडे दिखने का कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बचाव किया है। उनका कहा है कि ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा सिख अपना दर्द कम करते हैं। भज्जी ने को खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले को ‘शहीद’ बताते हुए उसकी बरसी पर प्रणाम किया। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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