ऑपइंडिया ने हाल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि निधि राज़दान ने कैसे इंग्लैण्ड में कश्मीर पर हुए एक कार्यक्रम में भारत के पक्ष को रखने के नाम पर कई सारी ऐसी बातें कहीं जो असल में भारत के खिलाफ जातीं थीं। इस पर भड़क कर निधि ने ट्विटर पर हम पर हमलावर होते हुए दावा किया की उन्होंने तो वहाँ भारत के हितों की ‘हिमायत’ की थी। इस पर रक्षा विशेषज्ञ अभिजीत अय्यर मित्रा ने उनके इस झूठ की कलई तसल्लीबख्श तरीके से ट्विटर पर खोली।
बता दें कि अभिजीत ने सुब्रमण्यम स्वामी के उस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी जिसमें भाजपा नेता ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा था कि कश्मीर पर आयोजित कार्यक्रम में निधि राज़दान ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है जैसा कि दावा किया जा रहा है।
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए मित्रा बोले कि राजदान ने वही कहा है जो हमारे द्वारा दावा किया जा रहा है। इसे साबित करने के लिए उनके पास कई सबूत हैं, जिनमें पीटीआई के हवाले से इंडिया टुडे की रिपोर्ट और पाकिस्तानी द न्यूज़ इंटरनेशनल के उन्होंने स्क्रीनशॉट दिए।
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— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
1n 2 different sources confirm what Nidhi said. Left 2 PTI report in India today Right 1 the News in Pakistan. The accusation wasn’t one of malice, @OpIndia_com was requesting compassion for an underperforming amateur with memory retention & low IQ problems. For example https://t.co/nrDKugDCcD pic.twitter.com/e4ZWTwqLmt
अभिजीत ने बताया कि निधि ने कहा था कश्मीर एक अभूतपूर्व संचार संकट से जूझ रहा है, जोकि गलत है। अभिजीत के मुताबिक सबसे लम्बे समय तक चलने वाला संचार का आपातकाल 1991-92 का था जब 6 महीने के लिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी- आतंकवादियों ने धमाका कर केबल टावर ही उड़ा दिया था।
2n “unprecedented” communications blackout – no sorry as Aasha Khosa points out the entire region was blacked out for 6 months 91-92 when terrorists blew up the cable tower, https://t.co/h3zrnsBuvQ but then nobody ever accused Nidhi of reading history pic.twitter.com/U4Q13TtvtA
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
इसके अलावा कश्मीर में 2016 के बुरहान वानी (मुठभेड़ के विरोध में भड़के) दंगों में भी सरकार ने संचार व्यवस्था बंद करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय विफलता हाथ लगी। उसके बाद सबक सीखते हुए सरकार ने इस बार आहिस्ता-आहिस्ता अपने कदम बढ़ाए (ऑपरेशन्स की भाषा में ‘ग्रेडेड एस्केलेशन’ किया)।
निधि के कश्मीर पर डेमोक्रेसी वाली टिप्पणी पर अभिजीत ने कहा कि डेमोक्रसी की रक्षा सभी नागरिकों की सुरक्षा होती है, केवल किसी पत्थरबाज या दंगाई की नहीं। बता दें कि कार्यक्रम में दिए अपने संबोधन में निधि ने कहा था ‘कश्मीर में जो कुछ हो रहा है वह दरअसल लोकतन्त्र के बुनियादी सिद्धान्तों के खिलाफ है’।
3n also comms were taken down in 2016 during the Burhan Wani riots – unsuccessfully. But lessons were learnt, and the was the logical GRADED ESCALATION (the correct operational term). But then nobody accused Nidhi of being an operations expert pic.twitter.com/CVuf731QTB
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
4n “values as a democracy” – democracy 101: prioritise the LIFE of ALL citizens – NOT JUST Gupkar Road & the handful of stone pelters & rioters but the vast majority who are their victims directly or indirectly. But then nobody every accused Nidhi of having studied anthropology
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि ने जब कहा कि कि कश्मीर में सभी राजनेताओं को बिना कुछ किए ही हिरासत में ले लिया गया। जिसके प्रत्युत्तर में अभिजीत ने कहा कि उन्हें ‘एहतियातन हिरासत’ में लिया गया है जिससे वे सूबे में शांति भंग न कर सकें।
5n “all top political leaders” … this ones an absolute gem. PREVENTIVE custody Nidhi is to PREVENT, not POST FACTO. but then nobody accused Nidhi of being an ENGLISH NEWS ANCHOR. hang on SHE IS… so if she doesn’t understand English what’s she doing on an English news channel? pic.twitter.com/Mg917R5Bnw
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि ने एक चौंकाने वाला बयान दिया था कि वहाँ कोई हिंसा नहीं होती थी, जिस पर अभिजीत ने उन्हें याद दिलाया कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा विस्थापित मजदूरों की नृशंस हत्या कर दी गई थी, सौरा में दंगे हुए थे। इसी बात को लेकर निधि पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयों के मारे जाने को निधि हत्या मानती ही कहाँ हैं।
6n now this transitions from dumb & clueless to sickeningly callous. No violence? Really? Saura Riots were what? Non violent marches? Massacres of migrant labourers are what? But then Nidhi doesn’t consider the killing of Indians as violence, indians after all are subhuman pic.twitter.com/kAZtKx5jTD
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि ने यह तो कहा कि एक बड़ा जनसमूह अवज्ञा आंदोलन कर रहा है, जिससे कोई इंकार नहीं कर सकता, लेकिन दूसरा हिस्सा गोल कर गईं जिसमें जिहादी व्यापारियों और माल ढुलाई करने वालों को धमका रहे हैं, जान से मार रहे हैं। और, अभिजित के अनुसार, इस खेल में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता भी शामिल हैं।
7n “there is mass civil disobedience” yes that’s one aspect – but notice no mention of the other half – terrorist coercion killing shopkeers who trade or truckers who transport – it was her beloved party the NC & the PDP thugs doing most of the coercion notice what’s common??? pic.twitter.com/ZawlSJ9Ske
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
अभिजित ने यह भी कहा कि अभिवावक बच्चों को घाटी में स्कूल नहीं भेज रहे, स्कूलों को अख़बार में विज्ञापन देकर उसके ज़रिए पाठ्यक्रम पूरा कराना रहा है तो यह ‘अवज्ञा आंदोलन’ में नहीं हो रहा, बल्कि जिहादियों के डर से है।
8n Schools are functioning through distance learning …. guess why parents won’t send their kids? …. hint nothing to do with civil disobedience pic.twitter.com/v1sTiS0xSR
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
अपनी बात रखते हुए अभिजीत ने आगे कहा निधि राज़दान कह यह कहना पूरी तरह से गलत है जिसमें वह कहती हैं कि अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले वहाँ के लोगों से पूछा नहीं गया। उन्होने कहा कि कश्मीर की जनता मतलब सुन्नी समुदाय ही नहीं हैं। इस मुद्दे पर जनमत की बात करने वाले तब कुछ नहीं बोले जब सुन्नी मुख्यमंत्रियों ने कभी हिन्दू, दलित, बौद्ध और शिया से लेकर LGBTQ तक की कोई कद्र नहीं की।
9n “people not consulted” gee Nidhi you mean the same way Sunni Majoritarians CMs never consulted Shias, Buddhists, Hindus, Dalits, LGBTQ, & in Ladakh’s case swindled them out of their money? Oh sorry we’ve established Nidhi thinks of these as subhuman – only Sunnis are Kashmiris pic.twitter.com/HCtFM5we5Y
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि ने अपने वक्तव्य में कहा था कि जिन नेताओं ने भारत का झंडा उठाया हुआ था, उन्हें ही जेल में ठूँस दिया गया- इस पर अय्यर ने बताया कि आतंकियों के हिमायती हुर्रियत नेता गिलानी सहित कई आतंकियों ने संविधान की शपथ ली, चुनाव भी लड़े मगर इससे भारत के खिलाफ उनकी हरकतों का दाग नही धुल सकता। निधि के लॉजिक के मुताबिक तो तिरंगा थामने भर से कोई भी गुनाहगार अपने गुनाह से मुक्त हो जाता है।
10n “people who held the Indian flag” yeah Geelani took the constitutional oath too. Several terrorists today voted/took part in past elections. But I guess by Nidhis logic, the moment a criminal “holds the Indian flag” he ceases to be a criminal. pic.twitter.com/OymZtYSTcB
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि राज़दान ने न केवल भारत के खिलाफ लगभग अपने हर वाक्य में बोला, बल्कि जब भारत पर आरोप लगा कि उसने “5 लाख सैनिक” कश्मीर में तैनात कर रखे हैं तो निधि ने इस झूठ का भी खंडन नहीं किया। मित्रा ने ऑपइंडिया की तारीफ करते हुए लिखा कि तथाकित “राइट विंग कूड़े” ने तथ्य पेश किए, जबकि एनडीटीवी की कथित पत्रकार पाकिस्तान का झूठ फैलातीं पकड़ी गईं।
12n Now watch this video where @LyallGrant claims “500,000” troops https://t.co/I1vOylZnwX Which Nidhi didnt challenge. Clearly the “RW rag” got its facts https://t.co/GVVvKFX8mH better than an NDTV alleged journalist caught peddling pak sponsored fake news yesterday pic.twitter.com/BGVtrn4YRA
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
निधि के भाषण की हर एक पंक्ति में गलती होने पर कटाक्ष करते हुए अभिजित अय्यर-मित्रा ने कहा कि इतनी ज़्यादा गलतियाँ कोई जानबूझकर कर ही नहीं सकता। उन्होंने निधि राज़दान को ‘सचमुच में बेवकूफ़’ बताया और लोगों से उनकी मूर्खता के प्रति सहानुभूति और करुणा की अपील की।
11/11 Now imagine “leading Indian Journalist” makes a factual error in EVERY SINGLE SENTENCE of her speech. This isn’t malice. She is genuinely stupid, clearly can’t read & clearly has memory retention problems. She needs our understanding, sympathy & compassion
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) November 12, 2019
पाकिस्तान के समर्थन में प्रोपेगंडा एनडीटीवी के लिए नया नहीं है। हाल ही में पाकिस्तान ने एनडीटीवी की ही एक फुटेज को अपने भारत-विरोधी एजेंडा को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। रवीश के पुलवामा के बाद भारत-पाकिस्तान को कवर न करने की नसीहत वाला वीडियो भी पाकिस्तानी मीडिया ने भारत-विरोधी एजेंडे के लिए हाथोंहाथ लिया था। एनडीटीवी को देखकर लगता है जैसे इन्हें इस बात का इंतजार है कि कब इनके प्रोपेगंडा से हिंदुस्तान में दंगा भड़के। निराधार बातों को फैलाकर एनडीटीवी चाहता है कि बेवजह दहशत और डर का माहौल बनाकर शांति भंग की जाए। इससे यह साफ़ झलकता है कि वे चाहते हैं ऐसी कोई दुर्घटना हो जिसमें लोग अपनी जान गँवा दें और फिर वे इस बात का ठीकरा केंद्र सरकार के सर फोड़ सकें।