अमेठी में राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारक मरीज की मृत्यु हो जाने के बाद सियासी बवाल मच गया है। केंद्रीय टेक्सटाइल्स मंत्री स्मृति ईरानी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक, सबने अस्पताल और कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे मरीज की मौत का ज़िम्मेदार कहा। परिवारजनों द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित एक वीडियो ट्वीट कर अमेठी से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी पर हमला बोला। आयुष्मान भारत के कार्यकारी अधिकारी ने अमेठी के डीएम से इस बाबत रिपोर्ट भी तलब की है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि भर्ती होते समय मरीज के पास आयुष्मान भारत कार्ड नहीं था। स्मृति ईरानी ने इस बारे में ट्वीट कर राहुल गाँधी को घेरा ।
आज मैं निशब्द हूँ – कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था।
— Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) May 5, 2019
एक ग़रीब को सिर्फ़ इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था। pic.twitter.com/fSqEpK5A6S
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक जनसभा के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उस ग़रीब की मौत के ज़िम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए। पीएम ने कहा कि ये दुःख की बात है कि इलाज से इनकार करने के कारण आज वो ग़रीब इस दुनिया में नहीं है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अस्पताल के ट्रस्टी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी व कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी को जवाब देना चाहिए। ट्वीट किए गए वीडियो में मृतक के भतीजे ने बताया:
“जब मैंने अपने चाचा को अस्पताल में भर्ती कराया और कार्ड दिखाया तो अस्पताल के लोगों ने कहा कि यह राहुल गाँधी का अस्पताल है और यहाँ मोदी और योगी का कार्ड नहीं चलता है। हमने कार्ड पर दिए हेल्पलाइन नंबर से भी शिकायत की लेकिन, मदद नहीं मिली और इलाज न हो पाने के कारण मेरे चाचा की मौत हो गई।“
अमेठी में एक अस्पताल है। इस अस्पताल के ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य है।
— BJP (@BJP4India) May 5, 2019
कुछ दिन पहले इस अस्पताल में मौत से लड़ाई लड़ रहा एक गरीब आयुष्मान कार्ड लेकर अपना इलाज कराने गया।
तो उस गरीब को कहा गया कि ये मोदी का अस्पताल नहीं, जहां आयुष्मान कार्ड चल जाए: पीएम #HarGharModiKeSaath pic.twitter.com/PuJbdPVg1m
अस्पताल के प्रबंधक भोलानाथ तिवारी ने सफाई देते हुए कहा, “25 अप्रैल को मुसाफिरखाना क्षेत्र के सरई गाँव निवासी नन्हें लाल मिश्र को देर रात अस्पताल में लाया गया था। भर्ती करते समय उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं था। मरीज के परिवार ने किसी आयुष्मान कार्ड का जिक्र नहीं किया। 26 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र भी अस्पताल द्वारा जारी किया गया है। हमारा अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत रजिस्टर्ड है। पीड़ित परिवार द्वारा अस्पताल व प्रबंधन व प्रशासन से कोई शिकायत नहीं की गई है।“
वहीं अस्पताल के निदेशक ने कहा कि उनके हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के तहत 200 मरीजों का इलाज हो चुका है, अतः ये बातें निराधार है। सीएमओ ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और चुनाव बाद टीम भेजकर इसकी जाँच कराई जाएगी।