25 जून 2024 को आपातकाल की 50वीं बरसी है। भारतीय जनता पार्टी इस दिन को पूरे देश में काले दिवस के तौर पर मना रही है। इसे लेकर उनके पार्टी दफ्तरों के बाहर पोस्टर भी लगा है जिसमें आपातकाल को लोकतंत्र का काला दिवस कहा गया है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ट्वीट किए हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने कॉन्ग्रेस को उनकी पुरानी नीतियाँ याद दिलाईं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने उन लोगों को भी याद किया है जिन्हें इसका विरोध करने की कीमत चुकाई थी।
अपने पहले ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, “आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। #DarkDaysOfEmergency हमें याद दिलाती है कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय सम्मान करता है।”
Just to cling on to power, the then Congress Government disregarded every democratic principle and made the nation into a jail. Any person who disagreed with the Congress was tortured and harassed. Socially regressive policies were unleashed to target the weakest sections.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अगले ट्वीट में कहा, “तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत को दरकिनार कर देश को जेलखाना बना दिया, जो भी कॉन्ग्रेस से असहमति जताता था उसे प्रताड़ित किया जाता था।” पीएम मोदी ने बताया कि उस समय सामाजिक रूप से इस तरह की नीतियाँ लागू की गईं, जिससे सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया जा सके।”
The mindset which led to the imposition of the Emergency is very much alive among the same Party which imposed it. They hide their disdain for the Constitution through their tokenism but the people of India have seen through their antics and that is why they have rejected them…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2024
आगे पीएम मोदी ने कहा, “जिन लोगों ने इमरजेंसी लगाई, उनकी हमारे संविधान के प्रति अपमा प्यार जताने का कोई अधिकार नहीं है। ये लोग वही हैं, जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 365 लागू किया। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए विधेयक लाया गया, संघवाद को नष्ट किया गया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।”
आखिर ट्वीट में पीएम मोदी लिखते हैं, “जिस मानसिकता की वजह से आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी उसी पार्टी में जिंदा है। जिसने इसे लगाया था, वे अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत के लोगों ने उनकी इन हरकतों को देखा है और यही वजह है कि उनको बार-बार खारिज किया है।”
बता दें कि आज के दिन सोशल मीडिया पर भाजपा द्वारा एक वीडियो भी साझा की जा रही है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि पचास साल पहले जैसे कॉन्ग्रेस के हालात थे, वैसे ही हाल आज भी हैं। इसमें बताया गया है कि इंदिरा गाँधी ने 50 साल पहले सत्ता में बने रहने के लिए आपातकाल लागू किया था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि 1971 वाले लोकसभा चुनाव में रायबरेली से इंदिरा गाँधी के खिलाफ खड़े हुए राजनारायण ने इंदिरा की जीत को चुनौती दी थी।
तानाशाही से सत्ता चलाना और अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाना, यही कांग्रेस और गांधी परिवार का मूल एजेंडा है।#DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/shfOozhEuZ
— BJP (@BJP4India) June 25, 2024
उन्होंने दावा किया था कि इंदिरा ने सत्ता सरकारी मशीनरी और संसाधनों का दुरुपयोग करके हासिल की है। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये आरोप सही पाए गए और इंदिरा गाँधी का निर्वाचन रद्द हुआ। साथ ही इंदिरा पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई। उस समय इंदिरा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहाँ भी उन्हें मामले में तुरंत राहत नहीं मिली। जब इंदिरा गाँधी को लगा कि उनका सत्ता से बाहर होना तय है, तब उन्होंने राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद देश में आपातकाल लागू किया और नागरिकों के मौलिक अधिकार उनसे छीन लिए गए।