सिविल सर्विसेज़ छोड़कर नेता बने शाह फैसल भारत छोड़कर जा रहे थे, उन्हें नई दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर वापस कश्मीर भेज दिया गया है। शाह फैसल को कश्मीर में ही नजरबंद (House Arrest) किया गया है।
Reports coming in that civil servant turned politician in Kashmir Shah Faesal @shahfaesal has been arrested while he was trying to leave the country from New Delhi and has been sent to Kashmir and put under house arrest. Official confirmation and more details are awaited.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 14, 2019
स्वराज्य की रिपोर्ट के अनुसार, शाह फैसल को नई दिल्ली एयरपोर्ट से भारत छोड़ने से रोका गया है। गौरतलब है कि शाह फैसल जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 से काफी नाखुश थे। और वो इसको लेकर लगातार बयान भी दे रहे थे।
इससे पहले रायटर्स के पत्रकार घोषाल ने दवा किया था, उन्होंने शाह फैसल से बात की। पत्रकार ने जम्मू-कश्मीर में ‘संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप्प’ होने का दावा करते हुए लिखा है कि सैटेलाइट टीवी चालू थे और कई लोगों को सरकार के निर्णय की ख़बर मिल चुकी थी। घोषाल से बातचीत में शाह फैसल ने कहा कि सुरक्षा कम होते ही कश्मीर के भभक उठने की संभावना है, क्योंकि लोग ख़ुद को छला महसूस कर रहे हैं। घोषाल ने दावा किया है कि इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई।
When I got there on Monday, just hours after Article 370 was abrogated, the city was locked down.
— Devjyot Ghoshal (@DevjyotGhoshal) August 13, 2019
I walked a km to find the nicest auto-wallah in the land.
He didn’t have a clue of what had happened, why his city had overnight turned into ghost town — blanketed with security.
शाह फैसल ने कश्मीर को लेकर बुधवार (अगस्त 13, 2019) को विवादित बयान देते हुए कहा था कि हमारे सामने दो ही रास्ते हैं- कश्मीर कठपुतली बने या फिर अलगाववादी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 370 पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद शाह फैसल ने कहा था कि राजनीतिक अधिकारों को दोबारा पाने के लिए कश्मीर को लंबे, निरंतर और अहिंसक राजनीतिक आंदोलन की जरूरत है।
ईद-उल-अजहा (बकरीद) के अवसर पर भी शाह फैसल ने केंद्र सरकार पर बयानबाजी करते हुए कहा कि कश्मीर में ईद नहीं है। पूरी दुनिया में कश्मीर के लोग अपनी जमीन के गलत तरीके से भारत में शामिल होने से रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ तब तक ईद नहीं होगी जब तक 1947 से मिला विशेष राज्य का दर्जा हमें वापस नहीं किया जाएगा।