Sunday, November 17, 2024
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‘मेरे ट्वीट को गलत समझा गया’: PM मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर TMC नेता कीर्ति आजाद ने दी सफाई, ट्वीट डिलीट कर बोले- मुझे माफ कर दो

कीर्ति झा आजाद पूर्व क्रिकेटर हैं और राजनीति में आने के बाद पार्टियाँ बदलने का उनका इतिहास है। कीर्ति साल 2014 में बिहार के दरभंगा से तीसरी बार BJP से सांसद चुने गए थे। कीर्ति दरअसल मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब दे रहे थे और चाहते थे कि भाजपा इसके लिए उन्हें आगे करे, लेकिन भाजपा ने जब ऐसा नहीं किया तो वे पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। 23 जुलाई 2015 को पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल हुए तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) नेता कीर्ति झा आजाद (Kirti Jha Azad) ने माफी माँग ली है। कीर्ति ने मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग यात्रा के दौरान पीएम मोदी द्वारा पहने गए वहाँ के पारंपरिक पहनावे पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।

सार्वजनिक रूप से माफी माँगते हुए कीर्ति ने ट्वीट कर कहा, “मेरे हालिया ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया। इससे लोगों की भावनाएँ आहत हुईं, उनसे मैं सॉरी कहता हूँ। अनजाने में मेरी टिप्पणी से हुई पीड़ा के लिए मुझे खेद है। मैं अपने संवैधानिक मूल्यों को हमेशा बनाए रखने के लिए काम करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराता हूँ।”

दरअसल, 18 दिसंबर 2022 को शिलॉन्ग दौरे में पीएम मोदी ने वहाँ की पारंपरिक खासी पोशाक ‘जिमफॉन्ग’ पहनी थी। इस पोशाक में पीएम मोदी की तस्वीर के साथ एक महिला मॉडल की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए कीर्ति आजाद ने लिखा था- “न नर है न ही है ये नारी, केवल है ये फैशन का पुजारी।”

कीर्ति आजाद का ट्वीट

कीर्ति आजाद के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल हो गया। पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों ने कीर्ति आजाद को लताड़ लगाते हुए इसे जनजातीय संस्कृति का अपमान बताया। उधर, तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भी कीर्ति के बयान से पल्ला झाड़ लिया। अपनी किरकिरी होती देख कीर्ति ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया।

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने ट्वीट कर कहा, “आप इस जनजाति समुदाय की पोशाक का अपमान कर रहे हैं। आप और आपकी पार्टी का आदिवासियों के प्रति नफरत का इतिहास है।” मोर्चे के ट्विटर हैंडल से कीर्ति के खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत केस दर्ज करने की भी माँग की गई।

पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों और जनजातियों नेताओं की आपत्ति का जवाब देते हुए कीर्ति आजाद ने लिखा, “मैंने पोशाक का अपमान नहीं किया है। ये मुझे पसंद है। मैं बस यह कहना चाह रहा था कि हमारे प्रधानमंत्री को फैशन स्टेटमेंट बनना पसंद है। वे इसका कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं।” उन्होंने खुद को तृणमूल कॉन्ग्रेस का सैनिक बताया।

बता दें कि कीर्ति झा आजाद पूर्व क्रिकेटर हैं और राजनीति में आने के बाद पार्टियाँ बदलने का उनका इतिहास है। कीर्ति साल 2014 में बिहार के दरभंगा से तीसरी बार BJP से सांसद चुने गए थे। कीर्ति दरअसल मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब दे रहे थे और चाहते थे कि भाजपा इसके लिए उन्हें आगे करे, लेकिन भाजपा ने जब ऐसा नहीं किया तो वे पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। 23 जुलाई 2015 को पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया।

भाजपा से निलंबित होने के बाद कीर्ति आजाद ने फरवरी 2019 में भाजपा को छोड़ दिया और कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। वहाँ भी उन्हें अपनी महत्वकांक्षा पूरी होती हुई नहीं दिखी तो उन्होंने कॉन्ग्रेस भी छोड़ दिया। कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद कीर्ति आजाद ने 2021 में TMC की सदस्यता ले ली। पीएम मोदी की पोशाक पर बयानबाजी को लेकर TMC अब उनसे नाराज है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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