लोकसभा चुनाव के दौरान कॉन्ग्रेस ज्वाइन करने वाली एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने मंगलवार (सितम्बर 10, 2019) को कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि कॉन्ग्रेस ने उत्तरी मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव में उन्हें अपना उम्मीदवार चुना था। लेकिन उनकी उम्मीदवारी भी कॉन्ग्रेस के लिए कोई कमाल नहीं दिखा सकी उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
इस्तीफा देते वक़्त उर्मिला ने ANI से कहा, “मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनशीलता का एक बड़े लक्ष्य पर काम करने के बजाय मुंबई कॉन्ग्रेस में कुछ लोग आपसी लड़ाई के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।”
Actor-turned-politician Urmila Matondkar resigns from the Congress party. She states ‘My political and social sensibilities refuse to allow vested interests in the party to use me as a mean to fight petty in-house politics instead of working on a bigger goal in Mumbai Congress.’ pic.twitter.com/QJdUIswMJk
— ANI (@ANI) September 10, 2019
आपको बता दें कि उर्मिला ने कॉन्ग्रेस ज्वाइन करते वक़्त कहा था कि राजनीति में वो ग्लैमर की वजह से नहीं आई हैं बल्कि विचारधारा के कारण कॉन्ग्रेस में शामिल हुई हैं। उन्होंने कॉन्ग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के नेतृत्व पर कहा था, “देश को सबको साथ में लेकर चलने वाला नेता चाहिए, ऐसा नेता जो भेदभाव नहीं करता हो। राहुल एकमात्र ऐसे नेता हैं जो सबको साथ लेकर चल सकते हैं।”
अब इतनी जल्दी ही उन्हें पार्टी की कमियाँ नज़र आने लगी। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार उर्मिला ने नाखुशी जताते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है। उर्मिला मातोंडकर इसी साल मार्च में कॉन्ग्रेस में शामिल हुई थीं। कॉन्ग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तर मुंबई से अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वो बीजेपी के गोपाल शेट्टी से चुनाव हार गई थीं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी उर्मिला मातोंडकर ने पत्र लिख कर कॉन्ग्रेस नेताओं को बताई थी चुनाव में हार की वजह, जिसमें उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने 16 मई को 9 पेजों का एक पत्र मुंबई के तत्कालीन कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को लिखा था। जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ न देने, कमजोर प्लानिंग, प्रचार तंत्र की नाकामी के साथ चुनाव प्रचार के लिए नियुक्त चीफ कॉर्डिनेटर सन्देश कोंडविलकर, दूसरे पदाधिकारी भूषण पाटिल को जिम्मेदार ठहराया था।