उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जाहिद नाम के व्यक्ति ने अपने साथी असलम के साथ मिलकर एक 3 साल की बच्ची की निर्मम हत्या कर डाली। बताया जा रहा है कि इस बर्बर हत्या के पीछे का कारण बच्ची के परिवार से हुई एक बहस थी, जो 10,000 रुपए के लोन के कारण हुई थी।
उक्त प्रकरण में @sspaligarh @ips06akash महोदय द्वारा दी गयी बाईट । pic.twitter.com/rrxmiwQcIH
— ALIGARH POLICE (@aligarhpolice) June 5, 2019
2 जून को बच्ची का शव बरामद करने के बाद अलीगढ़ पुलिस ने जाहिद और उसके दोस्त असलम को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची का अपहरण 31 मई 2019 को किया गया था। और उसी दिन अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के टप्पल पुलिस थाने में FIR भी दर्ज की गई थी। हालाँकि, पुलिस का पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह भी कहना है कि रेप की पुष्टि नहीं हो पाई है यहाँ ध्यान रखने वाली बात है कि इसका यह मतलब नहीं है कि रेप हुआ ही नहीं है।
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एक तरफ जहाँ आज कुछ संवेदनशील लोग इस घटना से स्तब्ध और आक्रोशित हैं वहीं तमाम वामपंथी इस पर मौन हैं या न्याय के लिए दबे-छुपे स्वरों में अपील तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही यह सलाह भी कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि यहाँ आरोपित ज़ाहिद और असलम है और पीड़ित बच्ची हिन्दू, यहाँ कोई नारेबाजी नहीं हो रही और न ही विरोध के स्वर अभी मुखर हुए हैं।
यहाँ तक कि गिरोह के कई सदस्य लीपा-पोती में जुट गए हैं जबकि आरोपित पकड़ में हैं। स्वघोषित फैक्ट-चेकर AltNews ने ज़ाहिद और असलम के अपराधों को धोने-सुखाने के कुछ ज़्यादा तेजी से प्रयास किए और क्लेम कर दिया कि कोई रेप नहीं हुआ है। इसे साबित करने का आधार इन्होनें यह निकाला कि ऐसा उत्तर-प्रदेश पुलिस के कुछ अधिकारियों का कहना है।
“AltNews ने एसएसपी अलीगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ित का रेप नहीं हुआ है पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार गला घोंटने से उसकी हत्या हुई है। सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है कि उसकी आँखें बाहर आ गई थी और उसकी बाँह उखड़ी हुई थी, भी गलत है। उसके शरीर पर एसिड डाला गया था यह भी गलत है, ऐसा कुछ नहीं हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पीड़ित के परिवार से भी साझा किया गया है।”
यहाँ गौरतलब है कि ऐसे स्वघोषित एक्टिविस्ट के लिए पुलिस का स्टेटमेंट ही अंतिम सत्य की तरह है क्योंकि यह इनके एजेंडे और नैरेटिव को आगे बढ़ा रहा है। यदि इनके एजेंडे को शूट नहीं कर रहा है तो यह गिरोह कोर्ट के निर्णय को भी मानने से इनकार कर देगा। AltNews के इसी तर्क से सवाल यहाँ यह भी है कि क्या AltNews के संस्थापक इशरत जहाँ के मामले में यह स्वीकार सकते हैं कि वह एक आतंकी थी क्योंकि कई पुलिस वालों ने ऐसा कहा है। हम सब को उनका जवाब पता है।
चलिए, इनके पाखंड से आगे बढ़ते हैं, इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं या तो उस बच्ची का रेप हुआ है या नहीं दोनों वैलिड या इनवैलिड साबित हो सकते हैं।
ऑपइंडिया ने इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कई डॉक्टरों को दिखाया। उन्होंने बताया कि बच्ची की मौत उसे लगने वाली कई गंभीर चोटों की वजह से हुई है। एक डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया, “जख्म इतने गहरे और घातक हैं कि उससे शॉक और मौत निश्चित है। शॉक की पुष्टि वेसल्स के कोलैप्स होने से हो जाती है (ऐंटेमार्टम साइन) मृत्यु से पहले बहुत ज़्यादा ब्लड लॉस भी हुआ था।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर्स का कहना है, “सबसे महत्पूर्ण बात यहाँ यह है कि उस बच्ची के गर्भाशय और जेनिटल सहित एब्डॉमिनल ऑर्गन भी गायब हैं। जो इस बात का सबूत है कि उसे वीभत्स तरीके से टार्चर किया गया था जिससे उसकी शरीर से अत्यधिक रक्तस्राव हुआ हो और जो उसके ब्लड वेसेल्स के कोलैप्स होने की वजह भी हो। बाकी दूसरे घातक जख्म, जैसे पाँव का घुटने के नीचे से फैक्चर होना और हाथ की एक हड्डी ह्यूमरस का उखड़ जाना, का वर्णन ही बर्बरता की पूरी कहानी कह रहा है। रेप की पुष्टि के लिए हालाँकि वेजाइनल स्वैब जाँच के लिए भेजा गया है लेकिन बॉडी डिकम्पोज होने की वजह से शायद ही इस जाँच के लिए उपयोगी हो। वैसे यहाँ यह जानना ज़रूरी है कि स्वैब का परिणाम नेगेटिव आना सेक्सुअल एक्ट के न होने का सबूत होता है।”
डॉक्टर ने आगे कहा, “उसकी दाहिने भुजा की हड्डी का उखड़ना और बाएँ पाँव का फ्रैक्चर निश्चित रूप से उसके मौत के पहले की घटना है। उसके एब्डॉमिनल अंगों का गायब होना भी उसके साथ हुई बर्बरता का सबूत है।”
एक दूसरे डॉक्टर ने यह भी कहा, “अब ऐसा लग रहा है कि बहुत ज़्यादा शरीर के नष्ट और सड़ जाने से रेप की अब न पुष्टि हो सकती है और न ही उसे ख़ारिज किया जा सकता है। हालाँकि, कंडीशन देखते हुए यह भी कहा कि जिस तरह से आईबॉल ग़ायब है, पाँव टूटा हुआ है, हाथ उखाड़ा हुआ है, सभी एब्डॉमिनल ऑर्गन गायब हैं, ऐसा किसी जानवर के खा जाने की वजह से भी हो सकता है।”
ऐसे जख्म तब भी उभरते हैं जब जानवर अटैक करते या शरीर का क्षरण हो जाता हैं तब। हालाँकि, ऐसा कहना भी पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि बच्ची का शरीर जंगल या ऐसी किसी जगह न मिलकर कथित रूप से एक डंपिंग ग्राउंड के पास पाया गया है।
पोस्टमार्टम में डॉक्टर के कमेंट में यह बात साफ-साफ मेंशन है कि गर्भाशय और दूसरे जेनाइटल ऑर्गन गायब हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए डॉक्टर ने बताया, “जानवर खा गए वाली संभावना को रूल आउट नहीं किया जा सकता है, यह सभी अंग पहले गायब हुए या मृत्यु के बाद में यह पता लगाना बहुत मुश्किल है इसके लिए एडवांस्ड फोरेंसिक परीक्षण की आवश्यकता है।”
हालाँकि, एक डॉक्टर ने जानवर वाली संभावना को बहुत ही क्षीण बताया। उन्होंने कहा, “मैं नहीं समझता कि यह किसी जानवर की हरक़त है क्योंकि जब कोई जानवर हमला करता है तो कटे-फटे या आधा-अधूरा खाए गए मांस के टुकड़े आस-पास मौजूद होते हैं। जानवर के दांतों के निशान भी शरीर पर ज़रूर मौजूद होते। यहाँ तक कि छाती की पसलियों पर भी जानवर द्वारा फाड़े जाने के निशान होते।”
जब यह सवाल किया गया कि कितनी संभावना है अब रेप की पुष्टि के लिए तो डॉक्टर ने कहा, “मेरे हिसाब से अब रेप की पुष्टि और मना करना दोनों मुश्किल है। अब एक संभावना केवल वेजाइनल स्वैब की बचती है अगर वहाँ कोई ह्यूमन फ्लूइड पाया जाता है या उसके ट्रेसेस मिलते हैं तभी इस तरह के सेक्सुअल असॉल्ट पुष्टि हो सकती है।”
इसलिए, अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विस्तृत छानबीन, ज़रूरी शारीरिक अंगों का गायब होना, उसकी बाँह का उखड़ा होना और बच्ची का रेप हो भी सकता है और नहीं भी। AltNews के उस तथाकथित ‘फेक न्यूज़ के पर्दाफाश’ वाली रिपोर्ट की धज्जियाँ उड़ा देता है।
AltNews ने यहाँ तक दावा कर दिया था कि Opindia की इस घटना पर पहली रिपोर्ट जिसमें बच्ची के शरीर के क्षत होने और बर्बरता की बात कही गई थी ‘फेक’ है। यहाँ उनका पूरा दावा इस आधार पर था कि आँख बाहर नहीं आई थी। जिसके बारे में हमनें डॉक्टर से बात की जिन्हे हमने पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिखाया था। उन्होंने साफ कहा और यहाँ तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यही कह रही है कि आँखे भी क्षतिग्रस्त थी।
संक्षेप में कहा जाए तो, AltNews ने सीधे-सीधे इनकार कर दिया जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस का साफ स्टेटमेंट है “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ‘अभी तक’ रेप की पुष्टि नहीं हुई है।” यहाँ ‘अभी तक’ जिसकी पूरी तरह अवहेलना करते हुए AltNews के स्वघोषित जज ने फैसला सुना दिया कि रेप हुआ ही नहीं है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के ऊपर जिस तरह की बर्बरता की पुष्टि की गई है, उसकी गंभीरता को भी AltNews ने बेहद हल्का कर हवा में उड़ा देने की कोशिश की।
अरुंधति राय द्वारा वित्तपोषित AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा क्या बिलकुल ही दिमाग से पैदल है या पूरी तरह सेंसलेस और संवेदनहीन है कि यदि कोई डेड बॉडी को भी बाहर सड़ने या जानवरों के खाने के लिए फेंक दे तो यह बर्बरता भी उसकी क्रूर और घृणित मानसिकता का स्पष्ट दस्तावेज नहीं कहा जा सकता? यहाँ तक कि ऐसे मामलों में कोर्ट खुद स्वतः संज्ञान लेते हुए ऐसे कार्यों को निर्दयतापूर्ण और रेयरेस्ट ऑफ़ रेयर अपराध की श्रेणी में रखते हुए कठोर से कठोर सजा का प्रावधान करती है।
लेकिन, स्वघोषित ‘फैक्ट चेकर’ और ‘जज’ AltNews के लिए एक हत्यारे का रोल वहीं ख़त्म हो जाता है जहाँ पीड़ित की मृत्यु हो जाती है। यह न केवल असंवेदनशीलता की चरमावस्था है बल्कि एक जघन्य अपराध की वाइटवाशिंग में सभी सीमाएँ लाँघ दी गई हैं क्योंकि यहाँ अपराधी मुस्लिम है और पीड़ित 3 साल से भी कम उम्र की एक मासूम हिन्दू बच्ची।