चंद्रयान को सफलपूर्वक लॉन्च हुए अभी कुछ देर ही हुए हैं कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने भारतीय वैज्ञानिकों की इस कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह को दे दिया।
कॉन्ग्रेस ने चंद्रयान 2 लॉन्च होते ही ट्वीट किया कि जवाहर लाल नेहरू को याद करने का सही समय है। कॉन्ग्रेस ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए 1962 में पहली बार INCOSPAR के जरिए फंड जुटाने की पहल की थी। यही बाद में इसरो बना। कॉन्ग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा कि चंद्रयान मिशन को साल 2008 में यूपीए कार्यकाल के दौरान डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मंजूरी दी थी।
This is a good time to remember the visionary move of India’s first PM Pandit Jawaharlal Nehru to fund space research through INCOSPAR in1962 which later became ISRO. And also Dr. Manmohan Singh for sanctioning the #Chandrayan2 project in 2008. pic.twitter.com/2Tje349pa0
— Congress (@INCIndia) July 22, 2019
जबकि चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग का क्रेडिट कॉन्ग्रेस द्वारा लेने के बीच हकीकत ये है कि चंद्रयान-2 मिशन अगर किन्हीं वजहों से इतना लेट हुआ तो उसका मुख्य कारण भी कॉन्ग्रेस ही है। इस बात का दावा खुद इसरो चीफ़ जी माधवन नायर ने अपनी बातचीत के दौरान किया था। जब उन्होंने कहा था कि चंद्रयान-2 बहुत समय पहले लॉन्च हो चुका होता, लेकिन यूपीए सरकार के राजनैतिक निर्णयों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। दरअसल, साल 2014 में लोकसभा चुनाव के कारण चंद्रयान के लॉन्च को स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि यूपीए सरकार ऐसा चाहती थी। अब रही बात INCOSPAR की, तो उसकी सफलता का अधिकतर क्रेडिट भारतीय स्पेस प्रोग्राम के पिता विक्रम साराभाई को जाता है।
कॉन्ग्रेस के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर्स उनका जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। पुराने समय की तस्वीरे पोस्ट की जा रही है और याद दिलाया जा रहा है कि गाँधी परिवार के राज में मिसाइल का सामान किस तरह साइकिल पर जाता था जबकि नेहरू परिवार एरोप्लेन में सफर करता था।
This is a good time to remember the condition of ISRO vs Condition of Gandhi family pic.twitter.com/naNveUOkSs
— Shash (@pokershash) July 22, 2019</blockquoteकोई कॉन्ग्रेस का मजाक उड़ाते हुए कह रहा है कि नेहरू ने चाँद की खोज की तो किसी का कहना है कि चाँद ने खुद नेहरू को खोजा।
Please don’t lie…
— Garima Singh?? (@trueindiangari) July 22, 2019
Moon discovered Nehru Ji.सोशल मीडिया पर लोग विक्रम साराभाई के इंडियन स्पेस रिसर्च में योगदान वालेे बिंदु को भी उजागर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि कैसे विक्रम साराभाई को इस कामयाबी के पीछे श्रेय दिया जाना चाहिए।
Corrections:
— K. S. Dwivedi (Nattha) (@theFirstHandle) July 22, 2019
1. Space research was started in 1945 by Sarabhai (Founded PRL; National Research Institute for space and allied sciences, in 1947) & Bhabha (Established TIFR in 1945).
2. ABV sanctioned Chandrayan. MMS roped in Russia, which withdrew after delaying it by 10+ years. https://t.co/R9nauPjtAjखैर ये कोई हैरानी की बात नहीं है कि कॉन्ग्रेस इस कामयाबी श्रेय खुद लेना चाहती है क्योंकि ऐसा करना कॉन्ग्रेस के लिए पुरानी बात हो चुकी है। जब भारत ने अपनी एंटी सैटेलाइट मिसाइल के बारे में घोषणा की थी उस समय कॉन्ग्रेस भी कॉन्ग्रेस ने इसका क्रेडिट लेना चाहा था जबकि वास्तविकता में यूपीए सरकार के दौरान इस प्रोजेक्ट को क्लियरेंस ही नहीं दिया गया था। ‘मिशन शक्ति’ के लिए डीआरडीओ के चीफ़ ने खुद मोदी सरकार को श्रेय देते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने ही मिसाइल बनाने के लिए हरी झंडी दिखाई थी।