Sunday, September 8, 2024
Homeसोशल ट्रेंडचंद्रयान-2: 'नेहरू ने चाँद की खोज की... या चाँद ने खुद नेहरू को खोजा'

चंद्रयान-2: ‘नेहरू ने चाँद की खोज की… या चाँद ने खुद नेहरू को खोजा’

श्रेय लेना कॉन्ग्रेस के लिए पुरानी बात हो चुकी है। जब भारत ने अपनी एंटी सैटेलाइट मिसाइल के बारे में घोषणा की थी, उस समय भी पार्टी ने इसका क्रेडिट लेना चाहा था।

चंद्रयान को सफलपूर्वक लॉन्च हुए अभी कुछ देर ही हुए हैं कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने भारतीय वैज्ञानिकों की इस कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह को दे दिया।

कॉन्ग्रेस ने चंद्रयान 2 लॉन्च होते ही ट्वीट किया कि जवाहर लाल नेहरू को याद करने का सही समय है। कॉन्ग्रेस ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए 1962 में पहली बार INCOSPAR के जरिए फंड जुटाने की पहल की थी। यही बाद में इसरो बना। कॉन्ग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा कि चंद्रयान मिशन को साल 2008 में यूपीए कार्यकाल के दौरान डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मंजूरी दी थी।

जबकि चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग का क्रेडिट कॉन्ग्रेस द्वारा लेने के बीच हकीकत ये है कि चंद्रयान-2 मिशन अगर किन्हीं वजहों से इतना लेट हुआ तो उसका मुख्य कारण भी कॉन्ग्रेस ही है। इस बात का दावा खुद इसरो चीफ़ जी माधवन नायर ने अपनी बातचीत के दौरान किया था। जब उन्होंने कहा था कि चंद्रयान-2 बहुत समय पहले लॉन्च हो चुका होता, लेकिन यूपीए सरकार के राजनैतिक निर्णयों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। दरअसल, साल 2014 में लोकसभा चुनाव के कारण चंद्रयान के लॉन्च को स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि यूपीए सरकार ऐसा चाहती थी। अब रही बात INCOSPAR की, तो उसकी सफलता का अधिकतर क्रेडिट भारतीय स्पेस प्रोग्राम के पिता विक्रम साराभाई को जाता है।

कॉन्ग्रेस के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर्स उनका जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। पुराने समय की तस्वीरे पोस्ट की जा रही है और याद दिलाया जा रहा है कि गाँधी परिवार के राज में मिसाइल का सामान किस तरह साइकिल पर जाता था जबकि नेहरू परिवार एरोप्लेन में सफर करता था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -