Saturday, November 16, 2024
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कभी रुकी थी जहाँ प्रभु श्रीराम की बारात, वहाँ अब बनेगा विश्व का सबसे विराट ‘रामायण मंदिर’ : 270 फीट होगी कुल ऊँचाई, 33 फीट का शिवलिंग भी होगा स्थापित

इस मंदिर का नाम ‘रामायण मंदिर’ होगा। ये बिहार के पूर्वी चंपारण में बनाया जाएगा। मान्यता है कि माता सीता से विवाह के बाद जनकपुर से लौटते समय भगवान राम की बारात यहीं पर रुकी थी।

अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम (Ram Mandir) का भव्य मंदिर बनाने का काम बड़ी तेजी के साथ जारी है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी ने भी अयोध्या जाकर मंदिर निर्माण के कार्य का जायजा लिया था। राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने बाद अब वहाँ भी एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जहाँ आराध्य देव राम की बारात ठहरी थी। इस मंदिर का नाम ‘रामायण मंदिर’ (Ramayan Temple) होगा। ये बिहार के पूर्वी चंपारण (East Champaran) में बनाया जाएगा। मान्यता है कि माता सीता से विवाह के बाद जनकपुर (Janakpur) से लौटते समय भगवान राम की बारात यहीं पर रुकी थी।

दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा

इस मंदिर इतना विशाल और भव्य बनाया जाएगा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा। जानकारी के मुताबिक यह विराट रामायण मंदिर 270 फीट ऊँचा होगा। इसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी। 270 फीट के इस विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए 125 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है। जानकारी के अनुसार इस मंदिर के लिए अब तक एक सौ एकड़ जमीन मंदिर को मिल चुकी है।

दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा

इस मंदिर परिसर में ऊँचे शिखरों वाले 18 मंदिर होंगे और इस मंदिर के परिसर में एक शिव मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा। जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा। पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि शिवलिंग 33 फीट ऊँचा होगा। जानकारी के अनुसार विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊँचा होगा, जो 215 फीट ऊँचा है।

शिवलिंग में दिखेगी 8वीं शताब्दी की छवि

आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार इस शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रलिंगम की तरह होगा, यानी एक शिवलिंग में 1,008 शिवलिंग को बैठाया जाएगा। 8वीं सदी में इस तरह के शिवलिंग का निर्माण होता था। उन्होंने बताया कि इस शिवलिंग का निर्माण महाबलीपुरम में कराया जा रहा है। इसके निर्माण में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मंदिर निर्माण के प्रोजेक्ट को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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