Sunday, December 22, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिआंध्र प्रदेश में भगवान श्रीराम की 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा, 10 एकड़ में फैला...

आंध्र प्रदेश में भगवान श्रीराम की 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा, 10 एकड़ में फैला होगा प्रोजेक्ट: अमित शाह ने किया शिलान्यास, बोले – फैलेगा सनातन का सन्देश

इसकी स्थापना के पीछे एक उद्देश्य ये भी है कि वैष्णव परंपरा का भी भारत और दुनिया भर में आने वाले समय में और प्रसार हो सके।

आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 108 फ़ीट ऊँची भगवान रामचंद्र की प्रतिमा का शिलान्यास किया है, जो भारत में उनकी सबसे ऊँची प्रतिमा होगी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस प्रतिमा का शिलान्यास किया। कुर्नूल के मंत्रालयम में इस प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। 500 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है। ये प्रतिमा आने वाले कई वर्षों तक सनातन धर्म का सन्देश देह-दुनिया को देगा।

इसकी स्थापना के पीछे एक उद्देश्य ये भी है कि वैष्णव परंपरा का भी भारत और दुनिया भर में आने वाले समय में और प्रसार हो सके। ‘मंत्रालयम दास साहित्य प्रकल्प’ के तहत कई सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं, जैसे – अन्न दान और विद्या दान। साथ ही लोगों को पीने का स्वच्छ जल भी मुहैया कराया जाता है। उन्हें रहने को घर दिए जाते हैं। इसके अलावा गायों की भी रक्षा की जिम्मेदारी उठाई जाती है। इस दौरान अमित शाह ने याद दिलाया कि कैसे महान विजयनगर साम्राज्य भी तुंगभद्र नदी के किनारे ही स्थित था।

इसी नदी के किनारे 10 एकड़ में ये प्रोजेक्ट फैला होगा और इसका निर्माण कार्य पूरा होने में ढाई वर्ष का समय लगेगा। इस दौरान अमित शाह ने ध्यान दिलाया कि राघवेंद्र स्वामी के मंदिर के लिए मंत्रालयम गाँव पहले से ही काफी लोकप्रिय रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे विजयनगर साम्राज्य ने पूरे दक्षिण भारत से विदेशी आक्रांताओं को खदेड़ कर स्वदेश और स्वधर्म का शासन स्थापित किया।

इस दौरान केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने ये भी ध्यान दिलाया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास कर इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जबकि ये कई सौ सालों से अटका हुआ था। सैकड़ों वर्षों बाद भगवान श्रीराम अपने जगह पर पहुँचेंगे। इस दौरान अमित शाह ने दक्षिण भारत में वैष्णव परंपरा को आगे ले जाने वाले संतों को भी याद किया। बता दें कि कुर्नूल एक ऐतिहासिक शहर है, अक्टूबर 1953 से लेकर अक्टूबर 1956 तक आंध्र की राजधानी भी रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -