22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। उसी दिन इस्कॉन की श्रीराम पद यात्रा भी पूर्ण होगी। दिल्ली से अयोध्या तक की 41 दिनों की यह यात्रा 10 दिसंबर 2023 को शुरू हुई थी।
अयोध्या दर्शन के लिए आने वाले 5000 भक्तों के लिए इस्कॉन मुफ्त भोजन की व्यवस्था करेगा। प्राण-प्रतिष्ठा के दिन इस्कॉन के मंदिरों में घी के दिए जलाए जाएँगे। इस्कॉन के मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण भी भक्तों के लिए होगा। ये जानकारी इस्कॉन इंडिया के संचार निदेशक और राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर की है।
इस दौरान देश-विदेश से आए इस्कॉन संस्था से जुड़े भक्त अयोध्या की गली-गली में संकीर्तन करेंगे। वैदिक साहित्य बाँटा जाएगा। अयोध्या में 20 जनवरी से 26 फरवरी 2024 तक प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों को दोपहर का भोजन परोसा जाएगा। साथ ही निशुल्क चिकित्सा सेवाएँ भी मुहैया करवाई जाएँगी।
ISKCON welcomes all the pilgrims coming to #Ayodhya for the darshan of Lord Sri Rama.
— Yudhistir Govinda Das (@yudhistirGD) December 21, 2023
Daily 5000 pilgrims will be served full lunch prasad along distribution of Vedic literatures & sankirtan by devotees of different nationalities.
A short video on the programs that ISKCON's… pic.twitter.com/dywKea61zn
अयोध्या पहुँचने वाले सभी भक्तों के लिए रानोपाली (उदासीन ऋषि संगत आश्रम के बगल में) में इस्कॉन शिविर में व्यवस्था की गई है। ये आश्रम अयोध्या के पश्चिमी-दक्षिणी कोने में है।
बताते चलें कि इस्कॉन की तरफ से भक्ति और सेवा के संदेश का प्रसार करने के लिए दिल्ली से अयोध्या तक की 635 किलोमीटर लम्बी ‘श्रीराम पदयात्रा’ शुरू की गई है। यात्रा का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे और मीनाक्षी लेखी ने इस्कॉन के वरिष्ठ संतों की मौजूदगी में किया था। इस पदयात्रा में एक बैलगाड़ी पर भगवान विराजमान हैं। उनके साथ भारत, रूस, मारीशस सहित अन्य देशों के भक्त कीर्तन करते हुए चलते हैं।
इस्कॉन से पहले अयोध्या में सिख समाज ने दो महीने तक लंगर चलाने की बात की थी। इसकी अगुवाई बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर करेंगे। वे बाबा फकीर सिंह खालसा की आठवीं पीढ़ी के हैं। बाबा फकीर सिंह खालसा की अगुवाई में 25 निहंग सिखों ने सबसे पहले 30 नवंबर 1858 को अयोध्या में बाबरी ढाँचे पर कब्जा किया था। उन्होंने कई दिनों तक कब्जा बनाए रखा था और राम नाम का पाठ किया था। उन्होंने बाबरी ढाँचे पर राम नाम भी लिख दिया था।