Sunday, September 8, 2024
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‘228 किलो सोना चोरी होने का सबूत दें शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, या जाएँ कोर्ट’: मंदिर समिति की दो टूक, पूछा – कॉन्ग्रेस के एजेंडे को बढ़ा रहे हैं आगे?

अजेंद्र अजय ने कहा कि बयानबाजी की बजाए अविमुक्तेश्वरानंद को सक्षम पदाधिकारी से संपर्क कर जाँच की माँग करनी चाहिए, या फिर सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट में जाना चाहिए।

उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद लगातार विवादों में हैं। मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी में उन्हें देखा गया, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे आशीर्वाद भी लिया। वहीं उसके बाद उन्होंने भाजपा पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात का आरोप मढ़ दिया। साथ ही केदारनाथ मंदिर से 228 किलोग्राम सोना चोरी होने का आरोप भी लगा दिया। राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भी उन्होंने विवादित बयानबाजी की थी।

अब बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने उन पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण बयान बताते हुए कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अपने आरोप के समर्थन में सबूत पेश करें। वहीं दिल्ली में किसी ‘केदारनाथ धाम ट्रस्ट’ द्वारा बुरारी में मंदिर बनाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसका उत्तराखंड सरकार से कोई संबंध नहीं है, न ही राज्य सरकार ने इसमें पैसा लगाया है। हालाँकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसमें बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे।

अजेंद्र अजय ने कहा कि सीएम धामी से साधु-संतों और जनप्रतिनिधियों ने अनुरोध किया था, ऐसे में वो धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि ऐसी भी शिकायतें आई हैं कि केदारनाथ-बद्रीनाथ के नाम पर ट्रस्ट-संगठन बना कर धर्मशाला-अस्पताल-मंदिर के निर्माण के नाम पर दान माँगा जा रहा है, वहीं एप बना के केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में पूजा कराने के लिए ऑनलाइन पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन मामलों का विधिक परीक्षण कराया जा रहा है।

उन्होंने ये भी बताया कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में केदारनाथ-बद्रीनाथ की तस्वीरें लगाए जाने के संबंध में भी जाँच करा कर कार्यवाही की जाएगी। वहीं सोना चोरी होने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करते हैं, लेकिन वो दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि विवाद पैदा करना, सनसनी फैलाना और खबरों में बने रहने की उनकी आदत हो गई है। उन्होंने चुनौती दी कि अविमुक्तेश्वरानंद सबूत और तथ्य पेश करें।

अजेंद्र अजय ने कहा कि बयानबाजी की बजाए अविमुक्तेश्वरानंद को सक्षम पदाधिकारी से संपर्क कर जाँच की माँग करनी चाहिए, या फिर सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट में जाना चाहिए। केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जनहित याचिका दायर कर जाँच की माँग करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम की गरिमा को ठेस पहुँचाने का अधिकार किसी को नहीं है, अगर वो केवल विरोध करने, विवाद पैदा करने या कॉन्ग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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