अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होनी है। मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिदिन 2 लाख के आसपास श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचेंगे। मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्रभोजनी ने बताया कि ट्रस्ट के इंजीनियर्स, टाटा कंसल्टिंग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स हैं, इवेंट के कॉन्ट्रैक्टर्स मिल कर मंदिर को भव्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि साढ़े 70 एकड़ में पूरा कैम्पस है।
‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए पिछले 3 साल से राम मंदिर के निर्माण कार्य में लगे गिरीश सहस्रभोजनी ने बताया कि पूर्व दिशा में नयाघाट वाले रोड के पास बिड़ला धर्मशाला से मंदिर के लिए रास्ता शुरू होता है, जिसे नगर निगम ने बनाया है। दरवाजे से एंट्री करते सबसे पहले बैगेज हैंडलिंग यूनिट होगा, जहाँ श्रद्धालु सामान रखेंगे। 16 काउंटर पर श्रद्धालुओं को फ्री में लॉकर की सुविधा मिलेगी। सुरक्षा जाँच के बाद सफ़ेद मार्बल पर चलते हुए श्रद्धालु मंदिर के भीतर जाएँगे।
सफ़ेद मार्बल होने के कारण गर्मी में उनके पाँव नहीं जलेंगे। फिर चौकी, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुण मंडप, उपासना मंडप, प्रार्थना मंडप और फिर गर्भ गृह मिलेगा। परकोटा के भीतर पश्चिम की तरफ लिफ्ट लगी हुई है। दिव्यांग, बुजुर्ग या जो श्रद्धालु पैदल नहीं चल सकते उनके लिए लिफ्ट की ये सुविधा होगी। परकोटा का रास्ता 14 फ़ीट चौड़ा है। मंदिर का एरिया 20 एकड़ का है। दर्शन के बाद श्रद्धालु दक्षिण दिशा से बाहर में निकलेंगे। यहाँ सप्तऋषि, निषाद राज और माता शबरी के मंदिर होंगे।
आगे कुबेर टीला होगा, जो मंदिर से ऊँचा होगा। सीढियाँ चढ़ कर आगे बढ़ने पर जटायु स्मारक मिलेगा। आगे एक पुराने शिव मंदिर का फिर से पुनर्निर्माण कराया गया है। टीले के चारों तरफ मिट्टी की दीवार है। मंदिर के चारों तरफ की सड़क चौड़ी है, ताकि फायर टेंडर आसानी से निकल सके। मंदिर के पिछले हिस्से में श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की व्यवस्था है। यहाँ पॉवर सप्लाई सब स्टेशन और सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम भी होंगे। मंदिर के बाहर का परिसर 50.5 एकड़ का होगा।
सीवेज ट्रीटमेंट और गार्बेज प्रोसेसिंग भी परिसर के भीतर ही होगा। मंदिर की वजह से स्थानीय प्रशासन पर कोई बोझ नहीं होगा। पॉवर के लिए 23 किलोमीटर दूर से बिजली लाइन आई है ताकि मंदिर पर बिजली के लोड से शहर को कोई परेशानी न हो। आने के लिए एक और जाने के लिए 4 द्वार होंगे। मंदिर में 4 लाइनों में भक्त अंदर आएँगे। VIP इंट्रेंस के लिए अलग दरवाजा होगा, ताकि आम श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। वीआईपी लोगों के साथ कई अन्य लोग भी होते हैं।
ग्राउंड फ्लोर पर कुल 14 दरवाजे होंगे, जिनसे श्रद्धालु अंदर आ सकेंगे। इन पर सोने की परत चढ़ी होगी। मंदिर के अंदर कुल 44 दरवाजे हैं। ये सब लकड़ी के हैं। 3-3 दरवाजे वाले गृह गृह से आगे गर्भगृह होगा। सीढ़ियों के नीचे पूजा-पाठ की चीजें रखने के लिए जगह है, उसमें भी दरवाजे लगे हैं। गर्भगृह के आसपास प्रदक्षिणा मार्ग भी है। प्रार्थना मंडप, गुण मंडप, रंग मंडप और नृत्य मंडप भी होगा। मंदिर में 70% ग्रीन एरिया होगा। मंदिर को नागर शैली में तैयार किया गया है।
आज माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री @samrat4bjp जी ने 500 वर्षों के अथाह संघर्ष के बाद आ रहे राममंदिर निर्माण के सुखद परिणाम के उपलक्ष्य पर बिहार भर में सामाजिक सौहार्द, समन्वय और एकजुटता का प्रतीक #LavKushRathYatra को धर्म ध्वजा दिखाकर रवाना किया।
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) January 2, 2024
उन्होेंने बताया कि हम सभी के पूर्वज… pic.twitter.com/pkyPmfGqjF
कुल मिला कर आने-जाने के लिए 18 दरवाजे होंगे, जिनमें 14 स्वर्णजड़ित होंगे। राम मंदिर के लिए सुग्रीव किला से प्रवेश मिलेगा। उधर बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने ‘लव कुश रथ यात्रा’ को रवाना किया है। उन्होंने बताया कि हम सभी के पूर्वज मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी के जन्म स्थान अयोध्या धाम जी में राम मंदिर निर्माण पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी’ के सम्मान में बिहार प्रदेश लव कुश समाज द्वारा भव्य ‘लव-कुश रथ यात्रा’ रवाना किया गया।