Sunday, November 17, 2024
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जिस रास्ते पर चल श्रीकृष्ण ने ली शिक्षा, उसको विकसित करेगी राजस्थान-मध्य प्रदेश की BJP सरकार: जन्माष्टमी पर ‘कृष्ण गमन पथ’ की घोषणा, मंदिरों का भी होगा विकास

भगवान कृष्ण उज्जैन में संदीपन मुनि के आश्रम में शिक्षा लेने के लिए गए थे। वह जिस रास्ते से गए थे उस पर कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। इसी को विकसित करने को लेकर मध्य प्रदेश की मोहन यादव और राजस्थान की भजनलाल शर्मा की सरकार साथ आई है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ऐलान किया है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकार मिलकर कृष्ण गमन पथ विकसित करेगी। इसी पथ से श्रीकृष्ण शिक्षा गृहण करने गए थे। CM शर्मा ने ऐलान किया है कि इस रास्ते पर पड़ने वाले तीर्थों को भी विकसित किया जाएगा।

जन्माष्टमी के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के पूंछरी गाँव पहुँचे हुए थे। यह गाँव गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का हिस्सा है। यहाँ CM भजनलाल शर्मा ने अपनी पत्नी के साथ श्रीनाथजी मंदिर और मुकुट मुखारविंद में पूजा अर्चना की। उन्होंने यहाँ पूंछरी का लौठा में भी पूजा की।

CM भजनलाल शर्मा ने इसके बाद ऐलान किया कि उनकी सरकार मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कृष्ण गमन पथ का निर्माण करेगी। मान्यता है कि भगवान कृष्ण मथुरा से निकल कर राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश के उज्जैन तक गए। इस दौरान वह मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई क्षेत्रों से गुजरे थे।

भगवान कृष्ण उज्जैन में संदीपन मुनि के आश्रम में शिक्षा लेने के लिए गए थे। वह जिस रास्ते से गए थे उस पर कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। इसी को विकसित करने को लेकर मध्य प्रदेश की मोहन यादव और राजस्थान की भजनलाल शर्मा की सरकार साथ आई है। इस पथ पर पड़ने वाले कोटा झालावाड और भरतपुर जैसे शहरों में धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाएगा।

CM भजनलाल शर्मा ने बताया, “मैं जिन रास्ते से श्रीकृष्ण शिक्षा लेने गए थे और जिस रास्ते से उज्जैन पहुँचे थे, उस पर श्रीकृष्ण गमन पथ मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों ने मिल कर बनाने का निर्णय लिया है। जहाँ-जहाँ वो गए हैं, उन स्थानों को मानचित्र पर लेकर विकसित करने का काम करेंगे। यहाँ आसपास के मंदिर भी विकसित होंगे।”

इससे पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलकर राम वनगमन पथ बनाने की घोषणा की थी। यह पथ उन स्थानों को चिन्हित करके बनाया जा रहा है, जिससे प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्षमण वनवास के लिए गए थे। अभी इसके ऊपर काम चल रहा है। अब इसी की तर्ज पर श्रीकृष्ण गमन पथ बनाया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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