22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस कार्यक्रम के लिए 6000 से अधिक साधु-संतों और विशिष्ट जनों को आमंत्रण भेजा है। हालाँकि राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में रहे लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के उपस्थित रहने पर संशय है। इसके अलावा अहमदाबाद की रामचरित मानस ट्रस्ट-न्यूराणिप, गुजरात से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकालेगी।
राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान 16 जनवरी 2024 से ही चालू हो जाएँगे। 1990 के दशक की तरह एक और रामरथ यात्रा गुजरात से अयोध्या के लिए निकलेगी। यह यात्रा प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से 2 दिन पहले अयोध्या पहुँचेगी। इस यात्रा की प्रेरणा 1990 की आडवाणी की रामरथ यात्रा से ली गई है जो कि सोमनाथ से अयोध्या के लिए निकाली गई थी।
क्यों आएँगे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी
1980 और 1990 के दशक में राम मंदिर आन्दोलन को जनता तक पहुँचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसका कारण उनकी उम्र को बताया जा रहा है। आडवाणी 96 साल के हैं। जोशी जनवरी में 90 साल के हो जाएँगे।
Ayodhya | Champat Rai, the General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra says, "All preparations for the consecration ceremony will be completed by January 15, 2024. The puja for Pran Pratishtha will begin on January 16, 2024, and will continue till January 22,2024. 13… pic.twitter.com/U353PwJVfw
— ANI (@ANI) December 19, 2023
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि उम्र को देखते हुए आडवाणी और जोशी से अनुरोध किया गया है। राय ने बताया कि जोशी ने घुटने बदलवाए हैं। इसलिए उन्हें आने से मना किया जा रहा है। लेकिन वे कार्यक्रम में शामिल होने की लगातार जिद कर रहे हैं।
वहीं आडवाणी अब पूरे समय दिल्ली स्थित घर पर ही रहते हैं। उनको हाल में किन्हीं सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नहीं देखा गया है। उनके जन्मदिन के दिन पिछले माह प्रधानमंत्री ने उनके घर पहुँच कर बधाई दी थी।
प्राण प्रतिष्ठा में कौन-कौन आएगा?
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा अन्य कई बड़ी हस्तियाँ शामिल होंगी। चम्पत राय ने बताया है कि कार्यक्रम के लिए कुल 6200 लोगों को आमन्त्रण भेजा गया है। इनमें से 4000 साधु-संत हैं, जबकि 2200 से अधिक विशिष्टजन हैं। राय ने बताया है कि कार्यक्रम में रामभद्राचार्य, रामानंदाचार्य, सभी 6 दर्शनों के शंकराचार्य और रामानंद समुदाय के अन्य संत भी आएँगे।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या जी में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर आमंत्रित किये गये समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महानुभावों के बारे में जानकारी। pic.twitter.com/PKoWeO4Xsy
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) December 18, 2023
उन्होंने बताया है कि बौद्ध गुरु दलाई लामा, जैन मुनि रवीन्द्राचार्य, सिखों के प्रमुख गुरुद्वारों के संत-महात्मा और बाबा रामदेव तथा माता आनंदमयी जैसे साधु-संत भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में स्वामीनारायण सम्प्रदाय और आर्ट ऑफ़ लिविंग के लोगों को भी बुलाया गया है।
इसके अलावा उन पत्रकारों को भी न्योता भेजा गया है जो 1984 से बाबरी के गिरने तक इस मामले की रिपोर्टिंग कर रहे थे। साथ ही समाज के अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों, कारोबारियों और वैज्ञानिकों आदि को भी बुलावा भेजा गया है। बाबरी के गिराए जाने के समय अयोध्या में मौजूद रहे पुलिस अधिकारियों को भी बुलाया गया है। राम मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए लोगों के परिजनों को भी आमंत्रण भेजा गया है।
चम्पत राय ने बताया है कि प्राण-प्रतिष्ठा के लिए पूजा 16 जनवरी, 2024 से चालू होगी और प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मूहूर्त 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगा। यह पूजा अगले 48 दिनों तक चलती रहेगी। यहाँ आने वाले विशिष्ट मेहमानों के लिए कारसेवकपुरम में रुकने की व्यवस्था की गई है।
एक बार फिर राम मंदिर के लिए निकलेगी रामरथ यात्रा
अयोध्या के लिए गुजरात से एक बार फिर रामरथ यात्रा निकलेगी। समाचार वेबसाइट दैनिक भास्कर के अनुसार, यह यात्रा गुजरात के अहमदाबाद से शुरू होकर अयोध्या तक जाएगी। यात्रा की शुरुआत 8 जनवरी 2024 को होगी। इसका समापन अयोध्या में जाकर 20 जनवरी यानी प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पहले होगा। इस दौरान यह यात्रा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गुजरेगी। यात्रा के समापन पर अयोध्या में ₹51 लाख का चढ़ावा चढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि यह यात्रा 1990 की रामरथ यात्रा के जैसे ही निकाली जा रही है। देश में राम मंदिर आन्दोलन को घर-घर तक पहुँचाने के लिए 25 सितम्बर, 1990 को रामरथ यात्रा लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में निकली थी। यह यात्रा गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से चालू होकर अयोध्या में रामजन्मभूमि तक जानी थी। लेकिन अक्टूबर 1990 में बिहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार करवा दिया था।