दीपावली की पूर्व संध्या पर अयोध्या में शनिवार (11 नवंबर, 2023) को अयोध्या में एकदम कुछ वैसा ही नज़र देखने को मिला, जब श्रीराम और माँ सीता 14 वर्षों के वनवास से लौट कर अपनी राजधानी को आए होंगे। जो अयोध्या केंद्र में कॉन्ग्रेस और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के शासनकाल में सूनी-सूनी रही रही, वहाँ अब दीवाली से एक दिन पहले ऐसा माहौल है जो बताता है कि सरकार बदलने से क्या हो सकता है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में मौजूद हैं और कार्यक्रम की निगरानी कर रहे हैं।
अयोध्या में आयोजित ‘भव्य-दिव्य दीपोत्सव-2023’ में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं। रामकथा पार्क में राम दरबार भी लगाया गया। इस दौरान हेलीकॉप्टर से भगवान श्रीराम और माँ सीता बने हुए कलाकार उतरे, जिनका सीएम योगी ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने प्रभु श्री राम के प्रतीक स्वरूप का तिलक लगाकर अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने पुण्यसलिला माँ सरयू जी की पावन आरती की। राम जी की पैड़ी पर भी सीएम योगी ने पूजा-अर्चना की।
अरुण नयन राजीव सुवेशं। सीता नयन चकोर निशेशं।।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 11, 2023
हर हृदि मानस बाल मरालं। नौमि राम उर बाहु विशालं।।
जन-जन के आराध्य श्री रामलला की दिव्य धरा पर आयोजित 'दीपोत्सव-2023' के पावन अवसर पर प्रभु श्री राम के प्रतीक स्वरूप का तिलक लगाकर अभिषेक किया।
जय सीताराम! pic.twitter.com/Hco9IzA9v9
इसके बाद वो ‘ग्रीन एन्ड डिजिटल फायरवर्क्स’ शो में पहुँचे, जहाँ रंग-बिरंगे प्रकाश से जगमग अयोध्या को जगमग देखा गया। 22.23 लाख दीपक के साथ अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया गया। अयोध्या का ये नया रिकॉर्ड गिनीज बुक में भी दर्ज हो गया है। मिट्टी के दीयों से जगमगाते हुए सरयू घाट को देख के श्रद्धालु आह्लादित थे। अयोध्या के 51 घाटों पर ये दीये जलाए गए। सरयू घाट पर स्क्रीन लगा कर भगवान श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के चित्र दर्शाए गए।
दीयों को सजाने के लिए कई वॉलंटियर्स लगाए गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद 2017 में 87,000 दीये जलाए गए थे और अब ये आँकड़ा कई गुना बढ़ चुका है। ‘पुष्पक विमान’ से उतरे राम-लक्ष्मण का भारत और शत्रुघ्न ने गले लगा कर स्वागत किया, इसके बाद वो गुरु वशिष्ठ के साथ रथ में सवार होकर राम दरबार के लिए निकल गए। रथ पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। रथ को राज्यपाल, CM और उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठ खींच रहे थे।