महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी उज्जैन दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। शनिवार (18 फरवरी, 2023) को क्षिप्रा नदी के तट पर आयोजित हुए शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में एक साथ 18 लाख 82 हजार दीये जलाने का विश्व रिकॉर्ड बना। यही नहीं, महाशिवरात्रि के दिन दर्शन करने आए करीब 8 लाख लोगों ने महाकाल मंदिर से रिकॉर्ड 150 क्विंटल लड्डू की खरीददारी की है।
शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में एक साथ 21 लाख दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था। हालाँकि, 18 लाख 82 हजार 299 दीये ही जल सके। लेकिन, इसके बाद भी यह रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।
दीये जलाने के लिए पहले से ही खास इंतजाम किए गए थे। हूटर बजते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीया जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद क्षिप्रा नदी के तट पर मौजूद लोगों ने दिए जलाने शुरू कर दिए। देखते ही देखते घाट दीपक की रोशनी से जगमगा उठे।
#WATCH | Madhya Pradesh: Ujjain witnesses laser show, bursting of firecrackers and music at the ‘Shiv Jyoti Arpanam 2023’, on the occasion of #Mahashivratri pic.twitter.com/9QjL7CUMyu
— ANI (@ANI) February 18, 2023
इस दौरान घाटों की बिजली बंद कर दी गई थी। इससे दीयों की रोशनी साफ देखी गई। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने दीये जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनने के बाद सीएम शिवराज को सर्टिफिकेट सौंपा। इससे पहले दीये जलाने का विश्व रिकॉर्ड अयोध्या के नाम था। यह रिकॉर्ड दीपावली पर 24 अक्टूबर 2022 को बनाया गया था। तब राम नगरी में एक साथ 15 लाख 76 हजार दीये जलाए गए थे।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं उज्जैन वासियों का अभिनंदन करता हूँ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तरक्की कर रहा है। मध्य प्रदेश किसी से कम नहीं है। महाकाल महाराज की कृपा मध्य प्रदेश पर बरस रही है। भगवान महाकाल की नगरी में सब कुछ अलौकिक है। आज से विक्रम उत्सव का भी शुभारंभ हो रहा है, जो वर्ष प्रतिपदा तक चलेगा। महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। चारों तरफ आनंद की वर्षा हो रही है, इस आनंद में हम डूबे हुए हैं।”
दो दिन में 15 लाख लोगों ने किए दर्शन, बिक गए 150 क्विंटल लड्डू
उज्जैन के महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर 9 लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए। वहीं इससे पहले दिन यानी शुक्रवार (17 फरवरी 2023) को भी करीब 6 लाख लोगों ने दर्शन किए थे। इस तरह से दो दिन में 15 लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए। माना जा रहा है कि इतने अधिक दर्शनार्थियों को दर्शन की सुविधा करीब महाकाल लोक बन जाने से ही संभव हो सकी। महाकाल लोक करीब 800 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ।
इसके अलावा, महाशिवरात्रि में महाकाल मंदिर में प्रसाद के लिए बनाए गए 32 लड्डू विक्रय केंद्र से करीब 150 क्विंटल लड्डू की बिक्री हुई है। इससे एक दिन में महाकाल मंदिर समिति को करीब 54 लाख रुपए की आय हुई है।