विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने अपने बयान में कहा है कि अयोध्या में भगवान राम के निर्माणाधीन मंदिर का इसी साल दिसंबर माह में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि मंदिर में जो मूर्ति स्थापित होगी वह राम के बालक रूप की होगी। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए उन्होंने कहा कि साल 2024 में 15 जनवरी से 26 जनवरी के बीच जो भी तारीख सही निकलेगी उस दिन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। चम्पत राय ने यह बयान रविवार (16 जनवरी 2023) को दिया है।
चम्पंत राय ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति भगवान राम के 5 वर्षीय बालक रूप की है। प्रतिमा भूतल में मौजूद रहेगी। इन प्रतिमाओं का निर्माण भी अयोध्या में शुरू हो गया है जिसे अक्टूबर तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। राम मंदिर की चौखट मार्बल की है। इसके दरवाजे महाराष्ट्र से आई लकड़ी के बने हैं जिन पर अयोध्या में ही नक्काशी करवाई जा रही है। चम्पत राय ने फिनिशिंग टच जैसे छोटे-मोटे काम दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद जताई है।
गृभग्रह में भगवान की जिस प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, वह बालक रूप में होगी। सभी निर्माण कार्य अक्तूबर तक व अन्य सब कार्य दिसंबर माह में पूरे कर लिए जाएँगे।
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) July 16, 2023
15 जनवरी 2024 से 24 जनवरी 2024 के बीच जो भी तिथि उत्तम होगी, उस दिन भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। pic.twitter.com/SpI64oVQ6G
मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए चम्पत राय ने 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच की तारीख़ उपयुक्त बताया। 15 जनवरी को मकर संक्रांति और इसी माह 26 को गणतंत्र दिवस के बीच की तारीख को भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चम्पत राय ने उत्तम समय बताया है। इस मंदिर के पहले फ्लोर पर भगवान राम का परिवार विराजमान होगा। सेकेंड फ्लोर पर अभी तक किसी भी प्रतिमा की स्थापना की योजना न बताते हुए चम्पत राय ने कहा कि उसे मंदिर को ऊँचाई देने के लिए बनाया गया है। पिछले माह 22 जून को चम्पत राय ने निर्माणाधीन मंदिर के कुछ हिस्सों की तस्वीरें भी शेयर की थीं।
प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति के कुछ छायाचित्र। pic.twitter.com/86ZXQtLEVU
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) June 22, 2023
चम्पत राय ने आगे बताया कि एक अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में 21 लाख ग्रेनाइट, घनपुट, सैंड स्टोन और मार्बल प्रयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर के हर हिस्से को ऐसी मजबूती से बनाया जा रहा है जिसे लगभग 1 हजार वर्ष तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।