कथित कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने के लिए एनआरसी का मुद्दा उठाया और वाहवाही लूटने का प्रयास किया। जबकि सरकार बार-बार स्पष्ट कर चुकी है कि सीएए व एनआरसी का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है और देश भर में एनआरसी लागू करने के लिए कोई आधिकारिक चर्चा तक नहीं हुई है, वरुण ग्रोवर ने फिर भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया। सीएए के विरोध के लिए उन्होंने ‘कागज़ नहीं दिखाएँगे’ नामक एक कविता भी लिखी, जिसे वामपंथियों का खुला समर्थन मिला। मोदीविरोधी गैंग ने इस कविता को सोशल मीडिया में वायरल करने में जान लगा दी।
हालाँकि, सरकार को कागज़ न दिखाने की बात करने वाले वरुण ग्रोवर के शो में जाने के लिए आपके पास वैध आईडी कार्ड होना चाहिए, वो भी सरकारी। अगर ऐसा नहीं है तो बाउंसर्स आपको धक्के देकर बाहर निकाल सकते हैं। वरुण ग्रोवर भले ही सरकार को कागज़ न दिखाने की बात करते हों और दूसरों को भी ऐसा ही सलाह देते हों लेकिन उनके शो में जाने वाले लोगों को कागज़ दिखाना ही पड़ेगा। सोशल मीडिया में लोगों ने वरुण ग्रोवर के इस दोहरे रवैये को आड़े हाथों लिया।
‘मसान’ और ‘सेक्रेड गेम्स’ की पटकथा लिखने वाले वरुण ग्रोवर ‘ऐसी तैसी डेमोक्रेसी’ के तत्वाधान में शो कर रहे हैं, जिसके लिए लोगों से कहा गया है कि वो वैलिड आईडी कार्ड लेकर ही आएँ। वहीं जो चीज पूरे देश में अभी न आई है और न ही इसका कोई ड्राफ्ट आया है, उसका विरोध वरुण इस तरह से करते हैं:
तानाशाह आके जाएँगे, हम कागज नहीं दिखाएँगे।
तुम आँसू गैस उछालोगे, तुम जहर की चाय उबालोगे
हम प्यार की शक्कर घोल के उसको, गट गट गट पी जाएँगे
हम कागज नहीं दिखाएँगे।
He is happy to say “hum Kagaz nahee dikhayenge”, but wants every one to have a valid ID proof when you enter his show ??? pic.twitter.com/oVBTV3GDJq
— constant_gardner (@manasdoon) December 23, 2019
वरुण ग्रोवर को 2016 में ‘दम लगा के हइसा’ फ़िल्म के गाने ‘मोह मोह के धागे’ के लिए बेस्ट लिरिक्स का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। बता दें कि उस समय भी भाजपा की ही सरकार थी। वरुण ग्रोवर अक्सर मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते रहते हैं।