कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनिया भर में तहलका मचा हुआ है। इस खतरनाक बीमारी ने लोगों के सामने कई संकट और कठिनाइयॉं पैदा की। मौत के आँकड़ों में हो रही वृद्धि के साथ ही लॉकडाउन की वजह से भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हुआ और इसका सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा। संकट की इस घड़ी में सभी लोग अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आए। इन्हीं में से एक हैं- लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म मसान के प्रोड्यूसर मनीष मुंद्रा।
बता दें कि मनीष मुंद्रा लॉकडाउन से पहले भी संकट में फँसे लोगों की मदद के लिए योगदान देते रहे हैं। उन्होंने 22 मार्च को हुए जनता कर्फ्यू से पहले भी भाजपा नेता कपिल मिश्रा की अपील पर दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे में पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की मदद दी थी। वहीं जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए 70 वेंटिलेटर्स के लिए 3 करोड़ रुपए देने का संकल्प लिया था।
इसके बाद से मनीष मुंद्रा वुहान कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग ले रहे है। वह अस्पतालों में पीपीई किट वितरित कर रहे हैं। उन्होंने नागपुर, देहरादून, मुरैना, यवतमाल, दरभंगा और अहमदाबाद जैसे स्थानों पर भी पीपीई किट वितरित किए हैं। इस जगहों के अलावा भी उन्होंने कई अस्पतालों में पीपीई किट वितरित किए हैं। साथ ही वो उन लोगों के लिए पाइपलाइन की तरह भी काम कर रहे हैं, जो जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इसका जरिया नहीं है।
#PPE #Nagpur today we delivered 950 PPE kits in key hospitals of Nagpur. To fortify our Heroes. Thanks @IndiaPostOffice @Anubhuti009 @boomzy1231 amazing work. @priyankac19 #IndiaFightsCoronavirus
— Manish Mundra (@ManMundra) April 19, 2020
400 – GMC, Dean Sajal Mitra
350 – IGMC, Dean Ajay Keoliya
200 – #Nagpur Collector https://t.co/zS1IZ5D8hT
मनीष मुंद्रा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा सबसे बड़ा मकसद अपने देश का इस कठिन समय में मदद करना है और विशेष रूप से फ्रंटलाइन मेडिकल और सपोर्ट स्टाफ का। अगर हम उनकी रक्षा कर सकते हैं तो हम लंबी लड़ाई लड़ सकते हैं। यह कोरोना वायरस की लड़ाई जीतने की मूल बातें हैं। अगर डॉक्टर और नर्स हारते हैं तो इसका मतलब है कि हम हारते हैं।” उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान शुरुआत में उन्हें थोड़ी सी परेशानी हुई, मगर फिर सभी चीजें ठीक हो गईं।
प्रोड्यूसर आगे कहते हैं, “जैसा कि कहा गया है कि जब हम अच्छा काम करते हैं, तो भगवान भी हमारी मदद करते हैं। ऐसा ही मेरे साथ हुआ। मुझे ट्विटर पर अनुभूति के रूप में एक बहुत ही बेहतरीन शख्स मिली। वो संचालन और सुचारू रूप से व्यवस्था करने में काफी माहिर थी। वो हमारी टीम का हिस्सा बनीं और फिर तब से हमें किसी तरह की मदद पहुँचाने में कोई समस्या नहीं हुई।”
इसके बाद मुंद्रा और उनकी टीम ने पके हुए भोजन के पैकेट भी वितरित करने शुरू कर दिया। रोजाना 3-4 लाख रुपए का खाना सप्लाई किया जा रहा है।
इसके अलावा मनीष मुंद्रा उन लोगों की भी मदद कर रहे हैं जो लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को राशन किट दान कर रहे हैं। लोगों ने अन्य लोगों की मदद करने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। मनीष कुंद्रा से प्रेरणा लेकर कई अन्य लोगों ने भी अपने तरीक से जरुरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
@ManMundra sir inspired by you sir we have started producing PPE kits
— அஜன் பலராமன் (@AJANBALARAMAN) April 17, 2020
Intially production of 50 kits to 2000 kits flat 2 days
Made our firsh shippment today in just above 24hrs to military hospital Gaya pic.twitter.com/uKnXkkWNE6
इसके साथ ही कुंद्रा बॉलीवुड इंडस्ट्री और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से भी महामारी के खिलाफ देश की इस लड़ाई में योगदान देने की अपील की है। उन्होंने जोर दिया कि सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में यथासंभव पीपीई वितरित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, मनीष मुंद्रा ने वितरण को योजनाबद्ध तरीके से करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें महाराष्ट्र, एमपी, यूपी, राजस्थान, बिहार, झारखंड के सभी प्रमुख अस्पतालों में पीपीई वितरण के लिए एक राज्यवार योजना बनाने की जरूरत है। वहाँ के हॉटस्पॉट में प्रमुख अस्पतालों की पहचान करें और उन्हें पीपीई किट भेजें।”
In the states of MHA / MP / UP / RAJ. Talk and enquire about how can you contribute. One #PPE set costs around 750 delivered. If you do 1000 it will cost 750,000 max and we need more than 20,000 plus kits everyday. We can help you locate the suppliers. Pay them directly
— Manish Mundra (@ManMundra) April 19, 2020
इस महामारी के बीच, मनीष मुंद्रा ने “लेट्स डू मोर” का नारा दिया है। वह कहते हैं कि पूरी टीम जो कोरोना से लड़ने के लिए ट्विटर पर एक साथ आई है, उनमें से अधिकांश लोग कभी एक-दूसरे से मिले भी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “पूरी टीम ट्विटर के माध्यम से बनी। अब हमारे पास कुछ और टीम के सदस्य हैं जो भारतीय रेल, भारतीय डाक और अन्य कूरियर सेवाओं की मदद से हमारे लिए 3-4 दिनों में दूर के गंतव्यों तक पहुँचना संभव बना रहे हैं।अनुभूति, देवांग दवे, अंकित जैन, भूमिका, धर्मेंद्र चोंकर… हम सभी ट्विटर पर एक साथ आए।”