Thursday, November 14, 2024
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‘तुम्हें शर्म आनी चाहिए, आज भी कश्मीर के घाव झेल रहा भारत’: कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगंडा बताने वाले IFFI जूरी हेड को इजरायल के राजदूत ने लताड़ा, कहा – माफ़ी माँगो

"भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान कहा जाता है। आपने IFFI Goa में जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारतीय निमंत्रण के साथ-साथ उनके भरोसे, सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है।"

कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर बनी लोकप्रिय फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक बार फिर चर्चा में है। फिल्म को लेकर ‘भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI)’ जूरी हेड और इजराइल के फिल्मकार नादव लैपिड (Nadav Lapid) के बयान पर बवाल मच गया है। लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को प्रोपेगेंडा और अश्लील फिल्म बता दिया था, जिसके बाद विभिन्न हस्तियों ने इसकी आलोचना की है। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी इसे लेकर लैपिड को लताड़ लगाई है और भारतीय संस्कृति का पाठ पढ़ाया है।

गिलोन ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना करने पर लैपिड को ओपन लेटर लिखा है। उन्होंने कई ट्वीट में लैपिड की क्लास लगाई है और उन्हें बेशर्म करार दिया है। इजरायली राजदूत अपने ही देश के इस कथित वामपंथी फ़िल्मकार के बयान से आहत दिखे। उनके ट्वीट को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “यह भारतीयों को समझ में आए, इसलिए मैं इसे हिब्रू भाषा में नहीं लिख रहा हूँ। उन्होंने नादव लैपिड को लताड़ लगाते हुए कहा, “आपको शर्म आनी चाहिए।”

गिलोन ने आगे लिखा , “भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान कहा जाता है। आपने IFFI Goa में जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारतीय निमंत्रण के साथ-साथ उनके भरोसे, सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है। हमारे भारतीय मित्रों ने भारत में इजरायल के प्रति प्रेम दिखाने के लिए हमें बुलाया था। इसी वजह से उन्होंने आपको एक इजरायली और मुझे इजरायल के राजदूत के तौर पर आमंत्रित किया था।”

इजरायली राजदूत ने आगे लिखा, “मैं आपके व्यवहार को ठीक करने के लिए आपके द्वारा आत्म-निरीक्षण करने की आवश्यकता समझता हूँ। केंद्रीय मंत्री और मैंने मंच पर कहा कि हमारे देशों के बीच समानता है क्योंकि हम एक समान दुश्मन से लड़ते हैं और एक बुरे पड़ोस में रहते हैं। हमने अपने देशों के बीच समानताओं और निकटता के बारे में बात की। मंत्री ने इजरायल की अपनी यात्राओं के बारे में बात की, हमें एक हाई-टेक राष्ट्र बताया। मैंने इस तथ्य के बारे में बात की कि हम भारतीय फिल्में देखते हुए बड़े हुए हैं।”

उन्होंने ओपन लेटर में आगे कहा, “मैंने यह भी कहा कि हमें विनम्र होना चाहिए और भारत इतनी बड़ी फिल्म संस्कृति के साथ इजरायली कंटेंट (फौदा और अन्य फिल्में, वेब सीरीज) का उपभोग कर रहा है। मैं कोई फिल्म विशेषज्ञ नहीं हूँ, लेकिन मुझे पता है कि ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से अध्ययन करने से पहले उनके बारे में बात करना असंवेदनशील और अभिमानी स्वभाव का प्रदर्शन है। कश्मीर की घटना भारत के लिए एक खुला घाव है, क्योंकि इसके पीड़ित अब भी आसपास हैं और अब भी कीमत चुका रहे हैं।”

वहीं इजरायल के भारत में पूर्व राजदूत डैनियल कारमोन ने भी गिलोन के ओपन लेटर की सराहना की। उन्होंने लिखा कि सुबह का शानदार ओपन लेटर हमारी सच्ची भावनाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जैसा कि राजदूत ने कहा – भारत और इजरायल के लोगों और राज्यों के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है और फिल्म निर्माता ने जो नुकसान पहुँचाया है, वह पीछे रह जाएगा। इस ट्वीट को भी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी रीट्वीट किया है।

इजरायली फिल्मकार के इस बयान के बाद इस फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री, फिल्म के कलाकार अनुपम खेर और ऐसे मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखने वाले निर्माता अशोक पंडित ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उल्लेखनीय है कि यह फिल्म इस साल की शुरुआत में रिलीज हुई थी और 1980, 1990 के दशक के अंत में घाटी में हुए कश्मीरी हिंदू नरसंहार पर आधारित थी, जहां पाकिस्तान समर्थित इस्लामी आतंकवादियों ने कश्मीरी हिंदुओं पर अत्याचार किया था, जिससे लाखों लोग बेघर और मारे गए थे।

फिल्म वास्तविक जीवन से प्रेरित घटनाओं को दर्शाती है, जहाँ कश्मीरी हिंदुओं को उनकी धार्मिक पहचान के कारण निशाना बनाया गया और उनके साथ क्रूरता से बलात्कार किया गया, उनकी हत्या की गई और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया। आप यहाँ हिंदुओं पर की गई क्रूरता की वास्तविक जीवन की घटनाओं के बारे में पढ़ सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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