90 के दशक में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने हाल में फिल्मफेयर मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने अपनी शराब की लत से लेकर शादी से नाता तोड़ने पर खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिला ने अपने जीवन में क्या हासिल किया है या क्या नहीं। उसकी उपलब्धियों को हमेशा ये कहते हुए कम कर दिया जाता है कि रात के खाने में क्या है।
‘खुशहाल शादी’ के मुद्दे पर जब इंटरव्यू में पूजा भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता कि हम महिलाएँ विश्व में क्या हासिल कर रही हैं। हम में से कई घर आती हैं और हमारी सफलता को लेकर कह दिया जाता है- ‘हाँ ठीक है न तुमने नोबल प्राइज जीत लिया मगर अभी खाने में क्या है? तुम एक माँ हो या नहीं? तुम शादीशुदा हो या नहीं? मुझसे कई लोगों ने पूछा कि मैं दोबारा शादी क्यों नहीं कर रही और मैंने उन्हें यही जवाब दिया कि मैं ‘वे खुशी-खुशी रहते थे’ से ‘वह खुश रहती थी’ सोचकर मैं आगे बढ़ी हूँ। मैंने शादी की, कोशिश की और लोगों को रिकमेंड भी किया। लेकिन अब मेरा जीवन अधूरा नहीं है क्योंकि मैं वैसे ही जीना चाहती हूँ जैसे मैं रहती हूँ।”
बता दें कि पूजा भट्ट ने मनीष मखीजा से साल 2003 में शादी की थी लेकिन शादी के 11 साल बाद यानी 2014 में दोनों एक दूसरे अलग हो गए। उस समय उन्होंने ट्वीट कर बताया था, “मैं अपनी शर्तों पर जीवन जीना चुनती हूँ और सबके सामने दिखावा करने से इंकार करती हूँ। सर्टिफिकेट न तो शादी बनाते हैं और न उन्हें तोड़ते हैं। जिंदगी करती हैं। हर किसी के लिए जो इस बात की परवाह करते हैं और खासकर मेरे और मेरे पति मुन्ना के 11 साल बाद अलग होने पर पर बात कर रहे हैं… हमारा अलग होना सहमति से है। हम हमेशा एक दूसरे का सम्मान रखते हैं। लेकिन इसका कारण मैं समझती हूँ कि हम पब्लिक डोमेन में हैं। हमारे दोस्त, शुभचिंतक और दुश्मन सारे के सारे अटकलें लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।”
अपने हालिया इंटरव्यू में पूजा ने अपनी शराब की लत पर भी बात रखी। उन्होंने कहा, “हम कई चीजें छिपाने का प्रयास करते हैं। लेकिन चार साल पहले जब मैंने शराब छोड़ने का फैसला किया, तो मैंने इसके बारे में खुलकर बात करने का फैसला किया। मैंने अपने करियर की शुरुआत डैडी जैसी फिल्म से की थी, जो एक युवा लड़की के अपने पिता को शराब पीने से रोकने के बारे में थी। और वहाँ, मैं उसी समस्या से निपट रही थी।”
उन्होंने कहा, “मैं लोगों के पास यह बताने के लिए गई कि यह ऐसा कुछ है जो किसी के साथ भी हो सकता है। महिलाओं को विशेष रूप से इसके बारे में थोड़ा और अधिक खुला होने की आवश्यकता है। और मैं रैंडम लोगों से मिलने वाली प्रक्रिया से अभिभूत है।”
उल्लेखनीय है कि पूजा भट्ट हमेशा से मुद्दों पर खुलकर बोलने के लिए जानी जाती रही हैं। उन्होंने अपने पिता महेश भट्ट की डैडी फिल्म से 1989 में बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद वह ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘सड़क’ और ‘चाहत’ जैसी फिल्मों में दिखीं। इसके बाद साल 2009 में उनकी ‘सनम तेरी कसम’ में झलकी दिखने के बाद उन्होंने फिल्म दुनिया को अलविदा कह दिया था। लेकिन हाल में वह नेटफ्लिक्स की एक सीरिज बॉम्बे बेगम में दिखीं थी।