Monday, December 23, 2024
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रिया से SC ने पूछा- आप CBI जाँच चाहती हैं या नहीं? केस मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित

रिया चक्रवर्ती की केस ट्रांसफर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (अगस्त 11, 2020) को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब सुशांत केस की जाँच मुंबई पुलिस करेगी या सीबीआई, इस पर अपना आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट आगामी बृहस्पतिवार को दे सकता है।

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आरोपित उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती से सवाल किया है कि वो इस मामले में सीबीआई जाँच चाहती हैं या नहीं?

रिया चक्रवर्ती ने पटना में दर्ज केस मुंबई ट्रांसफर करने की अर्जी लगाई है। उन्होंने दलील दी है कि सुशांत के पिता की एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई कनेक्शन नहीं है और राज्य इसमें भारी दखल दे रहा है।

रिया चक्रवर्ती की केस ट्रांसफर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (अगस्त 11, 2020) को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से बृहस्पतिवार (अगस्त 13, 2020) तक अदालत के समक्ष संकलित सभी पूर्ववर्ती निर्णयों का लिखित नोट दाखिल करने को कहा। अब सुशांत केस की जाँच मुंबई पुलिस करेगी या सीबीआई, इस पर अपना आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट आगामी बृहस्पतिवार को दे सकता है।

आज याचिका की सुनवाई के दौरान रिया चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि पटना में सुशांत के पिता द्वारा दर्ज करवाई गई FIR का मामला भी मुंबई में ट्रांसफर किया जाए, वरना रिया चक्रवर्ती को इंसाफ नहीं मिल पाएगा।

इस पर रिया चक्रवर्ती के वकील ने केस को मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने और जाँच में पूर्वग्रह की आशंका की दलील देते हुए कहा – “मैं निष्पक्ष जाँच चाहता हूँ। जिस तरह से बिहार पुलिस की माँग पर इस केस को सीबीआई द्वारा टेक ओवर किया गया, मेरी चिंता इस बात को लेकर थी। इस मामले को पहले मुंबई जाना चाहिए। और अगर सीबीआई को आना है, तो बाद में आ सकती है।”

आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि रिया के खिलाफ मामले की जाँच कौन करेगा? दरअसल, इस मामले में रिया चक्रवर्ती चाहती हैं कि उनके खिलाफ पटना में दर्ज एफआइआर मुंबई ट्रांसफर की जाए। और अगर सीबीआइ जाँच हो तो उसका क्षेत्राधिकार मुंबई ही रहे।

इस पर महाराष्‍ट्र सरकार का कहना है कि यह सीबीआइ की जाँच का कोई मामला ही नहीं है। बिहार सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि अब यह जाँच सीबीआई कर रही है, इसलिए रिया की याचिका का कोई अर्थ नहीं रहा। सुशांत के पिता भी सीबीआई जाँच के समर्थन में हैं। सुनवाई के दौरान रिया के वकील श्‍याम दिवान ने कहा है कि इस मामले में पक्षपात की पूरी आशंका है।

इससे पहले रिया चक्रवर्ती ने कहा कि बिहार में FIR कानूनन गलत और पूर्वग्रहयुक्त है। जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच में रिया चक्रवर्ती की ओर से पेश हुए वकील श्याम दीवान ने कहा, “यह ट्रांसफर के लिए एक आवेदन है और हमारी संक्षिप्त दलील यह है कि जहाँ तक सुशांत के पिता द्वारा दर्ज की गई FIR का सवाल है, इसका पटना से कोई लेना-देना नहीं है।

राज्य द्वारा भी काफी हस्तक्षेप है, जिसका मतलब है कि पूर्वाग्रह की आशंका है। FIR पटना में दर्ज की गई, जबकि वहाँ घटना हुई ही नहीं थी। FIR 38 दिन की देरी से दर्ज करवाई गई। अगर मामला पटना से मुंबई ट्रांसफर नहीं होता, तो रिया को इंसाफ नही मिल पाएगा।”

गौरतलब है कि इस केस में रिया चक्रवर्ती की ओर से श्याम दीवान, महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, बिहार सरकार की ओर से मनिंदर सिंह और भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपने-अपने पक्ष रखे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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