‘तानाजी (Tanhaji): द अनसंग वॉरियर’ एक बार फिर से चर्चा में है। फिल्म को तीन केटेगरी में नेशनल अवॉर्ड मिले हैं। तानाजी का किरदार निभाने वाले अजय देवगन बेस्ट एक्टर बने हैं। इसके अलावा बेस्ट पॉपुलर फिल्म और बेस्ट कॉस्ट्यूम के लिए भी अवॉर्ड मिला है।
इस फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत ने एक इंटरव्यू में कहा है कि ये अवॉर्ड फिल्म के हर कास्ट और क्रू मेंबर को समर्पित है। साथ ही बताया है कि कैसे इस फिल्म को पर्दे पर उतारने में अजय देवगन और सैफ अली खान ने सहयोग किया। फिल्म में सैफ निगेटिव किरदार में थे। उन्होंने उदयभान राठौड़ का किरदार निभाया था।
इस फिल्म को सफलता मिलने के बाद एक इंटरव्यू में सैफ अली खान ने कहानी की वास्तविकता पर ही सवाल उठा दिए थे। औरंगजेब को खलनायक दिखाने से आहत सैफ ने इसे इतिहास का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था।
अनुपमा चोपड़ा को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “इतिहास क्या है, मैं जानता हूँ। लेकिन अगर कोई कहे कि फिल्म में जो दिखाया गया है, वह इतिहास है तो मैं इसे नहीं मानता।” सैफ ने कहा था कि वे इस रोल को लेकर बेहद रोमांचित थे। लेकिन वे इसे वास्तविक नहीं मानते। बावजूद कोई स्टैंड नहीं ले पाने पर उन्होंने अफसोस जताया। साथ ही कहा कि भविष्य में वे ऐसा कर सकते हैं।
इस इंटरव्यू के दौरान सैफ ने सेक्युलरिज्म का भी रोना रोया था। कहा था, “फिलहाल देश में जो माहौल है, उसे देखकर दुख होता है। देश के लोग जो रवैया अपना रहे हैं, वह गलत है। ये रवैया हमें भाईचारे के रास्ते से दूर कर रहा है। मौजूदा हालात देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं और मुझे कोई भी इसके लिए लड़ता दिखाई नहीं दे रहा है।”
गौरतलब है कि यह फिल्म औरंगजेब के कब्जे से सिंहगढ़ किला छुड़ाने की कहानी पर केंद्रित है। उदयभान के नेतृत्व में 1800 पठान इस किले की सुरक्षा कर रहे थे। लेकिन तानाजी ने अपनी अदम्य वीरता के दम पर 300 मराठा के साथ इस किले को जीत लिया था। वे युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। यह पता चलते ही शिवाजी ने कहा था- सिंहगढ़ तो आ गया, लेकिन सिंह चला गया।