OpIndia is hiring! click to know more
Sunday, April 13, 2025
Homeविविध विषयमनोरंजन'देश में सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा' - कपूर खानदान के दामाद का...

‘देश में सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा’ – कपूर खानदान के दामाद का Tanhaji पर निशाना

"देश के मौजूदा हालात देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं। देश के लोग जो रवैया अपना रहे हैं, वह गलत है। ये रवैया हमें भाईचारे के रास्ते से दूर कर रहा है।"

तानाजी फिल्म में उदय भान सिंह का नेगेटिव किरदार निभाकर दर्शकों की वाहवाही लूटने वाले सैफ अली खान ने रविवार (जनवरी 19, 2019) को दिए एक इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने अधिकांश दर्शकों की प्रतिक्रिया से उलट जाकर इस साक्षात्कार में अपनी ही फिल्म को लेकर कहा कि जो फिल्म में दर्शाया गया, वो इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा, “इतिहास क्या है, मैं इसे जानता हूँ लेकिन अगर कोई कहे कि फिल्म में जो दिखाया गया है वह इतिहास है तो मैं इसे नहीं मानता।”

बता दें कि अपने इस इंटरव्यू में सैफ ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले इंडिया का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना हो रही है। लोग फिल्म की रिलीज से पहले हुए उनके साक्षात्कार की वीडियो शेयर कर रहे हैं और दोनों बयानों में फर्क़ दिखाकर उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इस साक्षात्कार में सैफ ने देश के मौजूदा हालातों पर भी अपने विचार स्पष्ट किए और कहा कि फिलहाल देश में जो माहौल है, उसे देखकर उन्हें दुख होता है। उन्होंने कहा, “देश के लोग जो रवैया अपना रहे हैं वह गलत है। ये रवैया हमें भाईचारे के रास्ते से दूर कर रहा है।”

अनुपमा चोपड़ा को दिए इंटरव्यू में सैफ ने सीएए/एनआरसी पर हो रहे विरोध पर कहा कि जिस तरह से देश आगे बढ़ रहा है उससे ये तो साफ है कि देश में सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा। उनके अनुसार, “देश के मौजूदा हालात देखकर लगता है कि हम सेक्युलरिज्म से दूर जा रहे हैं और मुझे कोई भी इसके लिए लड़ता दिखाई नहीं दे रहा है।”

उन्होंने कहा कि बतौर एक्टर उनके लिए कोई भी स्टैंड लेना सही नहीं है क्योंकि इससे उनकी फिल्में बैन हो सकती है और बिजनेस पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के लोग अपने बिजनेस और अपने परिवार को खतरे में नहीं डालना चाहते और कोई भी पॉलिटिकल कॉमेंट करने से बचते हैं।

गौरतलब है कि अभी तक जहाँ सोशल मीडिया पर इस फिल्म को बिना किसी छेड़छाड़ के पेश किए जाने के लिए सराहा जा रहा था, वहीं अनुपमा चोपड़ा से हुई बातचीत में सैफ के बयान ने उन्हें आलोचनाओं का केंद्र बना दिया है।

फिल्म इंडस्ट्री तान्हाजी जैसी फिल्में क्यों बना रही है, इसके बारे में बात करते हुए सैफ ने इस इंटरव्यू में कहा, “यही चलता है और इसलिए यह आइडिया चल पड़ा है। मैं वास्तव में ऐसी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा होना पसंद करूँगा जो एक स्टैंड ले, जो लोगों को बताए कि इतिहास क्या है, ना कि निश्चित प्रकार की सोच के साथ इससे छेड़छाड़ करे। लेकिन लोग कहते हैं कि यह चलता है। यह एक आइडिया है जो चल निकला है, लेकिन यह वास्तव में खतरनाक है।”

शवयात्रा में भी नहीं थी राम नाम लेने की इजाजत, Tanhaji ने बताया औरंगज़ेब कितना ‘महान’

Tanhaji से आहत वामपंथी मीडिया:इस्लामी वीरों पर रेटिंग देने वाला हिंदू शासकों की शौर्य-कथा पर बिलबिलाया

तानाजी की वीरता से वामपंथी पोर्टल मूर्छित, खुन्नस में देश के अस्तित्व को ही नकारा

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिन्दू लोग हैं, मारो-पीटो जो भी करो… बंगाल के ‘शरणार्थी’ हिन्दुओं की आपबीती, बताया – पानी में जहर मिलाया, हर शुक्रवार मचाते हैं आतंक

मुर्शिदाबाद में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं के इलाकों में पानी में जहर मिला दिया, उनकी दुकानें और राशन तक लूट लिया।

क्या राष्ट्रपति को आदेश दे सकता है सुप्रीम कोर्ट, किन कारणों से डेडलाइन तय करने के फैसले पर उठ रहे सवाल: जानिए अधिकारों को...

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "राज्यपालों द्वारा भेजे गए बिल के मामले में राष्ट्रपति के पास पूर्ण वीटो या पॉकेट वीटो का अधिकार नहीं है।"
- विज्ञापन -