कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को आवाज देने वाली निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) बॉक्स ऑफिस पर भी जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। फिल्म को दुनिया भर से सराहना भी मिल रही है। इस बीच यूएई और सिंगापुर में इस फिल्म को रिलीज किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही यूएई में इस फिल्म की रिलीज को उन लोगों को जवाब बताया है जो फिल्म को इस्लामोफोबिक बता रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत में, कुछ लोग इसे इस्लामोफोबिक कह रहे हैं। लेकिन एक इस्लामिक देश ने 4 हफ्ते की जाँच के बाद इसे बिना किसी कट के 15+ दर्शकों को देखने की मंजूरी दी है, जबकि भारत में यह 18+ के लिए है। 7 अप्रैल (गुरुवार) को यह फिल्म रिलीज हो रही है। अब अगला नंबर सिंगापुर का है।”
BIG VICTORY:
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 30, 2022
FINALLY, got the censor clearance from UAE. Rated 15+ passed without any cuts. Releasing on 7th April (Thursday).
Now, Singapore. (Thanks Sanu for this portrait). pic.twitter.com/MsQTXowvNu
यूएई और सिंगापुर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को सेंसर की मंजूरी मिलने के बाद फिल्म से जुड़े कलाकार भी काफी खुश हैं। अभिनेता अनुपम खेर ने फिल्म के यूएई और सिंगापुर में रिलीज होने पर खुशी जताते हुए ट्वीट किया, “हर हर महादेव। यूएई में ‘द कश्मीर फाइल्स’ 7 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है।”
हर हर महादेव! #TheKashmirFiles finally releasing in #UAE on 7th April! 👏🙏 https://t.co/VHdcGUiWwE
— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 30, 2022
मालूम हो कि यह फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए नरसंहार की वास्तविक घटनाओं को दिखाती है। पाकिस्तान के समर्थन से इस्लामी आतंकवादियों ने घाटी में सांप्रदायिक अभियान चलाया था। कश्मीरी पंडितों को मारा गया। प्रताड़ित किया गया और उन्हें उनकी ही जमीन से भागने को मजबूर किया गया। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे लाखों कश्मीरी हिंदू अपने ही देश में शरणार्थी के रूप में सालों तक तंबू में रहे।
बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कई राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया है। फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, भाषा सुंबली और चिन्मय मांडलेकर सहित कई कलाकार हैं। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक फिल्म की सराहना कर चुके हैं। हालाँकि कट्टरपंथी-वामपंथी समूह इस फिल्म से नाराज हैं। एनडीटीवी ने तो इस फिल्म की रिलीज से पहले इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया था। लेकिन विरोध के बाद उसे अपनी रिपोर्ट से प्रोपेगेंडा शब्द हटाना पड़ा था।