यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में भारत के 6 स्थानों को शामिल किया गया है। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल कराने के लिए देश से 9 स्थानों का नाम भेजा गया था, जिसमें से 6 स्थानों को स्वीकृति मिली है।
इस वर्ष @MinOfCultureGoI के यशस्वी संगठन @ASIGoI ने युनेस्को विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल करने के लिए 9 स्थान भेजे थे जिसमें 6स्थानों को स्वीकृति मिली।इसमें माँ नर्मदा जी का सुहावना भेड़ाघाट भी शामिल हुआ बधाई #jabalpur @PMOIndia @JPNadda @ChouhanShivraj @vdsharmabjp pic.twitter.com/GA21ECfcvk
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) May 19, 2021
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में भारत से वाराणसी के गंगा घाट, तमिलनाडु के कांचीपुरम मंदिर, मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश के जबलपुर के भेड़ाघाट, महाराष्ट्र के मराठा मिलिट्री आर्किटेक्चर और कर्नाटक के हीरे बेनाकल को जगह मिली है।
इन 6 स्थानों के संभावित सूची में शामिल होने के बाद भारत से यूनेस्को विश्व धरोहर सूची के लिए दिए गए नामों की कुल सँख्या 48 हो गई है। 2019 की गाइडलाइंस के अनुसार किसी भी स्थान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए पहले उसे संभावित स्थलों की सूची में शामिल किया जाता है। इस गाइडलाइन के बाद यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में अब भारत के 48 स्थान शामिल हैं।
साल 2020 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर और ओरछा शहरों को यूनेस्को के विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया गया था। ओरछा एक ऐसा स्थान है, जहाँ भगवान राम की पूजा राजा राम के रूप में होती है। इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद को यूनेस्को की विश्व हेरिटेज सिटी घोषित किया जा चुका है। अहमदाबाद भारत का पहला ऐसा शहर था, जिसे विश्व धरोहर शहर घोषित किया गया था।
वर्तमान में भारत में 38 विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं। इन्हें दो भागों में बाँटा गया है, एक हैं सांस्कृतिक और दूसरे प्राकृतिक। 2017 में भारत के चार स्थानों में आयोजित होने वाले कुंभ मेला को भी यूनेस्को के सांस्कृतिक अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। दुनिया भर में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भारत छठवें स्थान पर आता है।
साल 2019 में गुलाबी शहर के नाम से मशहूर जयपुर की चारदीवारी (परकोटा) को UNESCO (United Nation Educational scientific Cultural Organisation) ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था।